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विजिलेंस की जांच में कोतवाली मुगलसराय की अवैध वसूली लिस्ट निकली असली
मुगलसराय कोतवाली की वसूली लिस्ट वायरल होने के बाद सरकार ने मामले की विजिलेंस जांच के आदेश दिए थे। आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने थाना कोतवाली मुगलसराय, चन्दौली से संबंधित अवैध वसूली की लिस्ट वायरल की थी ।
लखनऊ: मुगलसराय कोतवाली से हर महीने लाखों रुपए की अवैध वसूली की जा रही थी। अवैध वसूली से संबंधित जो लिस्ट वायरल हुई थी वह प्रदेश सरकार की विजिलेंस जांच में असली निकली है। अब इस मामले में कार्रवाई के लिए योगी सरकार को फैसला करना है। विजिलेंस जांच में चंदौली के तत्कालीन एसपी की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं।
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मुगलसराय कोतवाली की वसूली लिस्ट वायरल होने के बाद सरकार ने मामले की विजिलेंस जांच के आदेश दिए थे। आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने थाना कोतवाली मुगलसराय, चन्दौली से संबंधित अवैध वसूली की लिस्ट वायरल की थी । विजिलेंस जांच में इस वसूली लिस्ट को सही पाया है। 25 सितम्बर 2020 को लिस्ट वायरल होने के बाद शासन ने 26 सितम्बर को सतर्कता अधिष्ठान को तत्काल मामले की जाँच कर रिपोर्ट देने को कहा था।
अधिष्ठान के संयुक्त निदेशक एल आर कुमार को जाँच सौंपी गयी
इस पर सतर्कता अधिष्ठान के संयुक्त निदेशक एल आर कुमार को जाँच सौंपी गयी। कुमार ने जाँच के बाद अपनी रिपोर्ट में पूर्व इंस्पेक्टर मुग़लसराय शिवानन्द मिश्र तथा उनके स्टाफ व तीन-चार अज्ञात व्यक्तियों द्वारा अवैध वसूली किये जाने की पुष्टि की। जाँच से अवैध वसूली से प्राप्त वास्तविक धनराशि का आकलन नहीं हो सका, यद्यपि वायरल लिस्ट के क्रम संख्या 1 से 20 में अंकित व्यक्तियों द्वारा मुगलसराय क्षेत्र में विभिन्न अवैध गतिविधियां करने तथा उनके द्वारा थाने को इसके लिए पैसा देने की बात प्रमाणित हुई।
यह बात भी सामने आई कि मुख्य आरक्षी अनिल सिंह ने 06 माह पूर्व ही एसपी चंदौली को अवैध वसूली की लिस्ट उपलब्ध करायी थी लेकिन एसपी चंदौली ने इस संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की थी।
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अमिताभ द्वारा लिस्ट ट्वीट करते हुए कहा था कि इस हैण्डरिटेन लिस्ट से टोटल प्रति माह की वसूली रु० 35।64 लाख के अलावा 15 व्यक्तियीं से अवैध खनन से रु० 12500 प्रति वाहन तथा पडवा कट्टा का काम करने वाले कबाड़ी से रु० 4000 प्रति वाहन होता है। इसमें गांजा दूकान का रु० 25 लाख भी शामिल है। उन्होंने इन तथ्यों की गहन जाँच की मांग की थी।
एसपी चंदौली पर भी हो सकती है कार्यवाही
विजिलेंस जांच में चंदौली के तत्कालीन एसपी की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं ऐसे में शासन को इस मामले में कार्रवाई करने के दौरान एसपी के बारे में भी फैसला करना पड़ेगा। यही वजह है कि विजिलेंस जांच की रिपोर्ट को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं कि आईपीएस अधिकारी पर कार्यवाही करने का फैसला क्या आसानी से हो सकेगा।
अखिलेश तिवारी
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