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मोस्ट वांटेड नहीं विकास दुबेः फिर किया खूंखार कांड, दहला दिया यूपी
विकास दुबे एक बार तो लखनऊ में ही एसटीएफ की गिरफ्त में आया था इसके अलावा भी कई बार जेल जा चुका है। लेकिन कानपुर कांड के 30 घंटे गुजरने के बाद भी पुलिस की सूची में उसका नाम न आना सवाल खड़े करता है। जबकि आरोप तो यह भी है कि विकास दुबे एके-47 लेकर घूमता है।
बड़ी खबर ये है कि आठ पुलिसकर्मियों की जान लेने वाले 50 हजार के इनामी, दुर्दांत अपराधी विकास दुबे पुलिस ढूंढ भारत से नेपाल तक रही है लेकिन वह अभी तक यूपी का मोस्टवांटेड क्रिमिनल घोषित नहीं हुआ।
गैंगस्टर विकास दुबे के सारे बैंक खाते सील कर दिये गए हैं। मुखबिरी करने वाले एसओ विनय तिवारी को निलंबित कर दिया गया है। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की तैयारी की जा रही है। विकास दुबे की सारी संपत्ति जब्त करने की तैयारी की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कानपुर कांड के लिए जिम्मेदार किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
लेकिन इस सबके बावजूद पुलिस की मोस्ट वांटेड क्रिमिनल्स की सूची में विकास दुबे का नाम अभी तक नहीं चढ़ा है। जबकि इस सूची में शामिल पचास हजार से दो लाख तक के इनामी बदमाशों पर 25 से 40 तक केस दर्ज हैं।
विकास दुबे पर थाने में घुसकर राज्य मंत्री संतोष शुक्ला की हत्या, ज़मीन के विवाद में एक प्रिंसीपल की हत्या के आरोप हैं। उस पर आठ पुलिसकर्मियों की हत्या सहित छोटे-बड़े अपराधों के करीब 60 मामले दर्ज हैं।
केवल 25 हजार का इनामी रहा
कानपुर के इस अपराधी पर तीन जुलाई से पहले तक मात्र 25 हज़ार रुपये का इनाम था। कानपुर से इस लोमहर्षक कांड के बाद उसके ऊपर इनाम की राशि बढ़ाकर 50 हज़ार रुपये कर दी गई है।
ऐसा है विकास दुबे का आशियाना, यहीं से रची थी मौत की साजिश
विकास दुबे एक बार तो लखनऊ में ही एसटीएफ की गिरफ्त में आया था इसके अलावा भी कई बार जेल जा चुका है। लेकिन कानपुर कांड के 30 घंटे गुजरने के बाद भी पुलिस की सूची में उसका नाम न आना सवाल खड़े करता है। जबकि आरोप तो यह भी है कि विकास दुबे एके-47 लेकर घूमता है।
बादशाह विकास दुबे, घर के भीतर से रखता था पल पल की खबर
पुलिस को कार्रवाई के दौरान उसके मकान के भीतर बंकर भी मिला है। मीडिया ने जब दारोगा विनय तिवारी से सवाल किये तो उसने एक रटारटाया जवाब दिया कि अधिकारी जानकारी देंगे। और कतरा कर निकल गया।