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Jhansi News: विश्व जल दिवस पर हुआ ‘वॉटर लीडर्स’ का सम्मान
Jhansi News: मंडलायुक्त ने कहा ‘यह वही पानी है जो हमारे वंशज हमें सहेजकर दे गए हैं।’ कार्यक्रम में डीएम ने कहा कि हमारी प्रकृति जिन पांच तत्वों से बनी है उनमें एक जल है।
Jhansi News: मण्डलायुक्त डॉ. आदर्श सिंह ने कहा कि पानी कहीं भी विकसित नहीं हो रहा है, यह वही पानी है जो हमारे वंशज हमें सहेजकर दे गए, इसलिए हमें ध्यान रखना होगा कि हम पानी का विवेकपूर्ण इस्तेमाल करें, यह हमारी धरोहर है। यह बात मंडलायुक्त ने परमार्थ समाज सेवी संस्थान द्वारा दीनदयाल उपाध्याय सभागार में आयोजित विश्व जल दिवस के ‘वॉटर्स लीडर्स’ सम्मेलन में कहीं। उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार के द्वारा जल संरक्षण एवं पेयजल के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन यह योजनाएं तब तक सफल नहीं हो सकती हैं, जब तक हम सब अपने अंदर बदलाव ना लाएं। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड में जल संरक्षण का कार्य करने के लिए अपार सम्भावनाएं हैं, जिसे राज्य एवं समाज को मिलकर करना चाहिए।
कार्यक्रम के अति विशिष्ट अतिथि जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने कहा कि हमारी प्रकृति जिन पांच तत्वों से बनी है, उनमें एक जल है, हम इसको ना बचाकर स्वयं अपनी प्रकृति का नुकसान कर रहे हैं। जिनको भी वॉटर लीडर्स सम्मान से सम्मानित किया जा रहा है, वह अपने आसपास ऐसे लोगों को पानी बचाने का संकल्प दिलाएं जो पानी को ज्यादा बर्बाद करते है। कार्यक्रम में उपस्थित बुन्देलखण्ड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष राजा बुन्देला ने कहा कि यह विडम्बना ही है कि जिस बुन्देलखण्ड को दूध, दही के लिए जाना जाता था, आज वह जल संकटग्रस्त इलाके के रूप में जाना जाता है। आप लोगों को सम्मान इसलिए मिला है कि आप पानी का सम्मान आदर करें, दूसरों को भी समर्पण भाव से जल संरक्षण के लिए जागरूक करें।
जल संरक्षण के बारे में समाज भी संवेदित हो रहा है
कार्यक्रम के दौरान जल संरक्षण पर उल्लेखनीय कार्य करने वाली 21 जल सहेली एवं जल योद्धाओं को वॉटर लीडर्स सम्मान से सम्मानित किया गया। यह जल सहेली एवं जल योद्धा अपने-अपने क्षेत्र में तालाब पुनर्जीवन, नदी पुनर्जीवन, जल उपयोग दक्षता के कार्य कर रहे है, जिससे जल संरक्षण के बारे में समाज भी संवेदित हो रहा है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए परमार्थ संस्थान के सचिव डॉ. संजय सिंह ने कहा कि आज विश्व जल दिवस पर पूरे बुन्देलखण्ड में श्रमदान का महाअभियान का शुभारम्भ किया जा रहा है, जिसमें समाज के लोग अपने-अपने जल संरक्षण संरचनाओं को ठीक करने के काम करेंगे। प्रो. राणा प्रताप (डीन)लखनऊ यूनिवर्सिटी ने कहा कि परमार्थ संस्थान के द्वारा जल सहेलियों का जो मॉडल देश के सामने प्रस्तुत किया यह वाकई जल संरक्षण के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि है।
खेत पर मेढ़ और मेढ़ पर पेड़ लगाना जरूरी
विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित पदमश्री उमा शंकर पाण्डेय ने जखनी मॉडल के बारे में बताते हुए कहा कि जब समाज खेत पर मेढ़ और मेढ़ पर पेड़ लगाना शुरू कर देगा तो निश्चित तौर से प्रत्येक क्षेत्र के सूखे से निजात पा सकता है। इस अवसर पर संयुक्त विकास आयुक्त मिथलेश सचान, अर्थ एवं संख्या एसएन त्रिपाठी, रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के डीन अनिल चतुर्वेदी, राजस्थान से आये पर्यावरणविद दीप सिंह शेखावत, बुन्देलखण्ड अभियांत्रिकी एवं प्रोद्यौगिकी संस्थान के प्रो. अभय कुमार वर्मा, डॉ. नीति शास्त्री जल सहेली बबीता, रजनी, जल योद्धा मनमोहन ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में 500 से अधिक पानी पर कार्य करने वाली जल सहेली, जल योद्धा उपस्थित रहे।