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भारतीय संविधान और राष्ट्रीय एकता विषय पर आयोजन हुआ वेबीनार, चर्चा हुई ये बातें

संविधान में अब तक समय-समय पर कई संशोधन भी हुए । भाटिया ने कहा कि भारतीय संविधान में महिलाओं और दलितों को खास तौर पर अधिकार दिए गए हैं ।

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Published on: 26 Nov 2020 6:23 PM IST
भारतीय संविधान और राष्ट्रीय एकता विषय पर आयोजन हुआ वेबीनार, चर्चा हुई ये बातें
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भारतीय संविधान और राष्ट्रीय एकता विषय पर आयोजन हुआ वेबीनार, चर्चा हुई ये बातें (Photo by social media)

लखनऊ: पत्र सूचना कार्यालय, भारत सरकार, लखनऊ द्वारा आज भारतीय संविधान और राष्ट्रीय एकता विषय पर एक वेबीनार का आयोजन किया गया । वेबीनार में बड़ी संख्या में पत्रकारों, पत्रकारिता के विद्यार्थियों, अधिकारियों और कर्मचारियों ने हिस्सा लिया । वेबीनार की शुरुआत करते हुए लखनऊ की मेयर, लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि आज ही के दिन बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने इस संविधान को पेश किया था । संयुक्ता भाटिया ने कहा कि हमारा संविधान दुनिया में अनोखा संविधान है, एक ओर जहां यह काफी लचीला है वहीं दूसरी ओर कठोर भी है।

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संविधान में अब तक समय-समय पर कई संशोधन भी हुए

संविधान में अब तक समय-समय पर कई संशोधन भी हुए । भाटिया ने कहा कि भारतीय संविधान में महिलाओं और दलितों को खास तौर पर अधिकार दिए गए हैं । नई पीढ़ी को भारतीय संविधान से परिचित कराने की आवश्यकता है । वरिष्ठ विधायक सुरेश कुमार श्रीवास्तव ने वेबीनार में कहा कि प्रत्येक देश का एक प्रधान, एक निशान, एक विधान और एक राष्ट्रगान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे देश ने एक लंबे संघर्ष के बाद आजादी हासिल की थी । आजादी को हासिल करने में देश के प्रत्येक वर्ग का योगदान था ।

वरिष्ठ विधायक सुरेश कुमार श्रीवास्तव ने वेबीनार में कहा

श्रीवास्तव ने कहा कि हमारा संविधान राज्यों के बीच जो भाषा और संस्कृति, जीवन शैली को लेकर जो विभिन्न पक्ष बताए हैं उसको एकता में बनाता है, भारतीय संविधान मूल रूप में देश की एकता और अखंडता को मजबूत करने वाला दस्तावेज है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने संविधान की भावना को मजबूती प्रदान की है। जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाकर और सीएए पर काम करके उन्होंने संविधान की मूल भावना को मजबूत किया है । न्यायाधीश मृत्युंजय श्रीवास्तव ने कहा कि भारत का संविधान भारत के सभी लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने वाला है ।

संविधान सिर्फ राजनीतिक दस्तावेज बनकर न रह जाए

ड्राफ्टिंग कमेटी के चेयरमैन बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने कहा था कि संविधान सिर्फ राजनीतिक दस्तावेज बनकर न रह जाए, यह एक सामाजिक दस्तावेज बने इस बात का प्रयास किया गया है । श्रीवास्तव ने कहा कि न्यायालय ने एक और इस बात का प्रयास किया कि संविधान को जनता के साथ जोड़ा जाए । श्रीवास्तव ने कहा कि प्रेस ने भी इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर धनंजय चोपड़ा ने अपने व्याख्यान में कहा कि संविधान सभी को शिक्षा स्वास्थ्य और विकास की गारंटी देता है।

हमारे संविधान ने जिस हम शब्द पर जोर दिया है, वह काफी महत्वपूर्ण है

उन्होंने कहा कि हमारे संविधान ने जिस हम शब्द पर जोर दिया है, वह काफी महत्वपूर्ण है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने जिस 18 वाद की चर्चा की । भारतीय संविधान ने उसे अमलीजामा पहनाया है । भारतीय संविधान केवल कानूनों का पुलिंदा ही नहीं है , बल्कि यह मानवतावादी मूल्यों से भी हम सभी का 130 करोड़ भारतीयों का बोध है, वह उन्हें जोड़ता है, आपस में बनता है।

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वाराणसी के वरिष्ठ अधिवक्ता ओम प्रकाश शुक्ला ने भारतीय संविधान के विभिन्न पक्षों पर विस्तार के साथ प्रकाश डाला और कहा कि भारतीय संविधान अनेकता में एकता की पुष्टि करता है कार्यक्रम की अध्यक्षता अपर महानिदेशक रीजन आर पी सरोज ने अपने व्याख्यान में बताया कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से उसकी विभिन्न इकाइयों की ओर से भारत देश की एकता और अखंडता को मजबूत करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन लखनऊ के उपनिदेशक डॉ श्रीकांत श्रीवास्तव ने किया वेबीनार में बड़ी संख्या में पत्रकारों विद्यार्थियों तथा आईएमपीसीसी के सदस्यों ने हिस्सा लिया ।

श्रीकांत/सुशील कुमार

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