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एटा: महिला की हुई मौत, जेल में परिवार होने के कारण पुलिस ने किया अंतिम संस्कार

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिंह ने बताया कि दो दिन पूर्व गांव बवरोतिया में एक महिला की मौत हो गई थी जिसका पूरा परिवार एक हत्या के प्रयास के मामले में जेल में बंद हैं।

Newstrack
Published on: 30 Dec 2020 11:07 AM GMT
एटा: महिला की हुई मौत, जेल में परिवार होने के कारण पुलिस ने किया अंतिम संस्कार
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एटा: महिला की हुई मौत, जेल में परिवार होने के कारण पुलिस ने किया अंतिम संस्कार (PC: social media)

एटा: जनपद के बागवाला थाना क्षेत्र के ग्राम बबरौतिया में एक महिला की 27 दिसंबर 2020 को बीमारी के कारण मौत हो गई। आपको बताते चलें कि दो माह पूर्व हुये एक गाली-गलौज के बाद हुये विवाद में मृतिका के पति एवं चार बेटों को पुलिस ने हत्या के प्रयास आदि मामले में पूरे परिवार को जेल भेज दिया गया। दोनों पक्षों द्वारा एक दूसरे के विरुद्ध लिखाई रिपोर्ट में जेल में बंद कर रखा है।

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कोर्ट की विंटर विकेशन तथा वकीलों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण जेल में बंद मृतिका के परिजनों को पैरौल न मिलने के कारण महिला के शव को अपनों का कंधा नसीब नहीं हो सका।

वहीं पुलिस प्रशासन से गुस्साए मृतक के परिजनों ने जेल के गेट पर मृतिका के शव को रखकर जिला प्रशासन व जेल अधीक्षक से पैरौल दिये जाने की मांग की किंतु कही से पति के न छूटने के बाद मायूस परिवार के सदस्यों व ग्रामीणों को पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के समझाने के बाद मृतिका के रिश्तेदार व ग्रामीण दो दिन बाद अंतिम संस्कार को राजी ह्ये गये परिजनों के अभाव में महिला के देवर ने अंतिम संस्कार किया वहीं सुहानिभूत के चलते थानाध्यक्ष बागवाला ने मृतिका के शव को कंधा देकर शव यात्रा में शामिल होकर अंतिम संस्कार कराया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिंह ने बताया

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिंह ने बताया कि दो दिन पूर्व गांव बवरोतिया में एक महिला की मौत हो गई थी जिसका पूरा परिवार एक हत्या के प्रयास के मामले में जेल में बंद हैं। महिला के परिवार में किसी के भी बाहर न होने के कारण उसका अंतिम संस्कार करने वाला कोई नहीं था। जिस कारण उसके परिवार के लोग न्यायालय में पैरौल के लिए गये किंतु शीतकालीन अवकाश के कारण उनकी पैरौल नहीं हो सकी क्योंकि इन दिनों न्यायालय में सिर्फ एक रिमांड मजिस्ट्रेट की तैनाती रहती है जो पैरोल नहीं दे सकते हैं।

जिला प्रशासन के पैरौल देने सम्बन्धी जानकारी के बारे में उन्होंने बताया कि नियमानुसार सिद्ध दोष बन्दी की विशेष परिस्थितियों में जिला प्रशासन पैरौल दे सकता है। जिन मुकद्दमे में फैसला नहीं हुआ है जो न्यायालय की अभिरक्षा में है उनकी पैरौल न्यायालय ही देगा। इसी कारण पैरौल नहीं हो सकी है और उक्त महिला अपने पति एवं पुत्रों से अंतिम संस्कार से बंचित रह गयी।

etah etah (PC: social media)

हत्या के प्रयास के मामले में जेल भेज चुकी है

प्रभारी निरीक्षक बागवाला रामकेश के अनुसार गांव बबरौतिया निवासी राजकुमारी की 27 दिसम्बर को बीमारी के कारण मौत हो गई थी। उसके पति मान सिंह और बेटों को बागवाला थाना पुलिस पूर्व में मान सिंह व गाव के ही अनवार के बीच हुए विवाद में दोनों पक्षों को SC,ST व हत्या के प्रयास के मामले में जेल भेज चुकी है ।

महिला के परिवार का गांव में अन्य कोई व्यक्ति नहीं है

पूरे परिवार के मानसिंह, (पति) शिवकौशल, रवि, विकास, आकाश(पुत्रगण) दो माह से जेल में बंद होने के कारण अंतिम संस्कार के लिए महिला के घर कोई व्यक्ति नहीं था। इसलिए ग्रामीणों ने पुलिस एवं प्रशासनिक तथा जेल के उच्चाधिकारियों से पति एवं बेटा को पेरोल पर छोड़ने की मांग की। चूंकि इनके अलावा महिला के परिवार का गांव में अन्य कोई व्यक्ति नहीं है।

शव रखकर पति एवं बेटा का इंतजार किया

ग्रामीणों ने 27 से लेकर 29 दिसंबर की दोपहर तक गांव में शव रखकर पति एवं बेटा का इंतजार किया। दोनों के इंतजार के बाद भी जब पुलिस प्रशासन जेल से इन लोगों को लेकर नहीं गया तो ग्रामीण ही महिला के शव को 29 की देर सायं लेकर जिला कारागार पहुच गए और जेल गेट के सामने शव रखकर धरने पर बैठ गए।परिजनों ने बताया कि जेलर मृतिका के पति मान सिंह को पैरौल दे सकते हैं जेल अधीक्षक पी पी सिंह ने बताया कि हमें किसी को भी पैरौल देने का कोई अधिकार नहीं है इन्हें पैरौल सिर्फ अदालत ही दे सकती है।

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जेल पर शव रखकर धरना दिये जाने की खबर पुलिस एवं जेल प्रशासन को हुई तो उन्होंने यह जानकारी जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को दी गयी। तो पुलिस को जेल पर बुलाया गया और ग्रामीणों को समझाया बुझाकर शव को गांव ले जाया गया। जहाँ गांव वालोंव परजनो व रिश्तेदारों की मौजूदगी मृतिका के शव का तीन दिन बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया। बागवाला थानाध्यक्ष रामकेश राजपूत ने भी शव यात्रा में कंधा देकर महिला के शव का अंतिम संस्कार कराया गया।

रिपोर्ट- सुनील मिश्रा

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