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Moradabad News: बुर्का पहनकर चलाती हैं ई-रिक्शा, आत्मनिर्भर बन कमा रहीं रोजी-रोटी

Moradabad News: नजमा ने अपने बच्चों की परवरिश के लिए सबकुछ बेच दिया। फिर सिलाई करके घर का खर्चा चलाया, बेटे और बेटी को बड़ा किया। बाद में वो बैटरी रिक्शा चलाकर गुजारा करने लगीं।

Sudhir Goyal
Published on: 11 May 2023 12:25 PM GMT
Moradabad News: बुर्का पहनकर चलाती हैं ई-रिक्शा, आत्मनिर्भर बन कमा रहीं रोजी-रोटी
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मुरादाबाद में ई-रिक्शा चलाती महिला। (photo:) newstrack media.

Moradabad News: शहर की सड़कों पर घूमता एक ई-रिक्शा अक्सर लोगों के बीच चर्चा का विषय बन जाता है। इसकी वजह इसे चलाने वाली नजमा हैं। जो तमाम मुश्किलों के बीच भी हौंसला नहीं हारी थीं और आज खुद बैटरी रिक्शा चलाकर अपनी जीविका चला रही हैं।

नारी सशक्तिकरण का दे रहीं संदेश

शहर की घनी और मध्यम वर्ग की आबादी वाले क्षेत्र करूला में रहने वाली नजमा अंसारी की उम्र अभी 50 के पार हुई है। करीब 13 साल पहले उनके पति का निधन हो गया था। इसके बाद बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी नजमा पर ही आ गई। उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने अपने बच्चों की परवरिश के लिए सबकुछ बेच दिया। फिर सिलाई करके घर का खर्चा चलाया और बेटे और बेटी को बड़ा किया। हर संसाधन जुटाकर दोनों का विवाह भी कर दिया। जिसके बाद नजमा अकेले रह गईं और खुद का पेट पालने के लिए उनके पास कुछ नहीं बचा। फिर नजमा ने ई-रिक्शा चलाने का फैसला लिया। महजबी परिवार में पली-बढ़ी नजमा बुर्का पहनकर ई-रिक्शा चलाती हैं। उनका कहना है इस तरह पर्दा भी बरकरार रहता है और पैसा कमाने की मेहनत भी हो जाती है।

नजमा कहती हैं कि मेहनत में कोई शर्म नहीं

शहर की सड़कों पर नजमा के ई-रिक्शे में खूब सवारियां बैठती रहती हैं। कई लोग उनसे इस बारे में पूछते हैं, कुछ महिला होकर ऐसा करने से मना भी करते हैं। लेकिन नजमा बेबाक होकर कहतीं हैं कि खुद्दारी भी कोई चीज है। अपनों ने किनारा कर लिया तो पेट भरने के लिए काम करने में कैसी शर्म। मेहनत करने में कोई बुराई नहीं है। खुद मेहनत करके कमाई गई रोजी-रोटी से बरक्कत होती है। महिलाओं को अपने को किसी से पीछे नहीं समझना चाहिए। उन्हें जिस क्षेत्र में जो अवसर मेहनत या योग्यता साबित करने का मिले, अपनी अलग पहचान बनानी चाहिए।

Sudhir Goyal

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