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जिला प्रशासन के रवैये से नाराज महिला ने दी ये धमकी, ये है वजह
बलिया जिले के फेफना थाने के एकवारी गांव की रहने वाली कंचन लता पांडेय ने जिला प्रशासन के रवैये से क्षुब्ध होकर परिवार सहित आत्मदाह की चेतावनी दी है।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ: बलिया जिले के फेफना थाने के एकवारी गांव की रहने वाली कंचन लता पांडेय ने जिला प्रशासन के रवैये से क्षुब्ध होकर परिवार सहित आत्मदाह की चेतावनी दी है। इस संबंध में उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, प्रदेश के मुख्यमंत्री व राज्यपाल को पत्र लिखा है। साथ ही मुख्यमंत्री से मिलने के समय मांगते हुए एक कमिश्नर स्तर की कमेटी बनाकर मामले की निस्तारण की मांग की है। आरोप लगाया है कि सदर तहसील के अधिकारी मामले को जानबूझ कर लंबित कर विपक्षियों को और अपने कर्मचारियों को बचाने में लगे हुए है।
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पैतृक संपत्ति हड़पने के लिए साजिश
कंचल लता पांडेय अपने माता-पिता की एकलौती संतान हैं। इसकी शादी के बाद चचेरे भाई राम प्रवेश पाण्डेय ने पैतृक संपत्ति हड़पने के लिए अपने छह पुत्रों में से तीन का नाम प्रार्थिनी के पिता के सगे बेटों के रूप में साजिश के तहत कई कागजों में चढ़वाया दिया था। इसके बाद भी ज़मीन नाम न होने पर कंचन की अत्यंत वृद्ध् मां से हिस्सा लिखवाया लिया था इसमें कंचनलता ने आपत्ति दाखिल की थीं। इसको दरकिनार कर तहसीलदार बलिया ने पूर्व की तारीख में प्रार्थिनी के खिलाफ 28 नवंबर 2019 को आदेश कर दिया है, जबकि उक्त सभी के विरूद्ध फेफना थाने में फर्ज़ी कागजात तैयार कराने के जुर्म में धोखाधड़ी का मुक़दमा पहले से ही दर्ज है। इस मामले में न्यायालय में आरोप भी तय हो चुका है।
महिला का कहना है कि तहसीलदार ने विपक्षियों से मिलकर यह आदेश पारित किया है। जबकि विपक्षीगणों ने आपत्ति 8 जनवरी 2020 को दाखिल हुई थी। इस मामले में महिला ने उपजिलाधिकारी बलिया को पत्र भी दिया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। महिला ने बताया कि उसके आवेदन पर परिवार रजिस्टर में गलत नामों को दो साल के बाद इस वर्ष
सम्यक जांचोपरांत आरोप को सत्य पाते हुए सभी फर्ज़ी नामों को परिवार रजिस्टर से निरस्त कर दिया गया है। इसके बाद भी फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों तथा उनका सहयोग करने वाले लोगों पर कोई विधिक कार्रवाई नहीं की गई। महिला ने लव कुमार पाण्डेय, कुश कुमार पाण्डेय एवम् अमित कुमार पाण्डेय के हाई स्कूल के अंकपत्रों में प्रार्थिनी के पिता स्व. राधामोहन पाण्डेय के सगे पुत्रों के रूप में दर्ज नामों को निरस्त करने के लिए आवेदन भी 21 मई 2018 को समस्त साक्ष्यों के साथ दिया गया था|। इसके बाद भी इस संबंध कोई कार्रवाई नहीं हुई।
आत्महत्या के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं
महिला कंचललता ने बताया कि मेरे पति सरस्वती विद्या मंदिर इन्टर कॉलेज, ककरी जिला-सोनभद्र में सहायक अध्यापक थे। इनकी असामयिक मृत्यु सन 2017 में हो चुकी है। मेरे चार बच्चे है। इन परिस्थितियों में मैं मानसिक रूप से त्रस्त, हताश और अत्यंत ही क्षुब्ध हो गई हूँ| मेरे पास सपरिवार आत्महत्या के अलावा अन्य कोई विकल्प दिखाई नहीं दे रहा है। महिला ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बताया की जिला स्तर पर कर्मचारियों को बचाने के लिए मेरे आवेदन को जानबूझकर लंबित किया जाता है। महिला ने बताया कि अगर मुख्यमंत्री से मिलने का अगर समय नहीं मिल पाता तो सपरिवार मुख्यमंत्री के आवास पर आत्मदाह कर लूंगीं।
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