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जानिए कहां यमुना और सेंगुर नदी ने धारण किया विकराल रूप? लोगों ने किया पलायन

कानपुर देहात में यमुना और सेंगुर नदी खतरे के निशान को पार कर चुकी है। जहां यमुना नदी खतरे के निशान से करीब 4 मीटर ऊपर बह रही है।  वहीं सेंगुर नदी भी अपना रौद्र रूप अपनाये हुए है। कानपुर देहात में 2 दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में है।

Aditya Mishra
Published on: 19 May 2023 4:25 AM IST (Updated on: 19 May 2023 1:40 PM IST)
जानिए कहां यमुना और सेंगुर नदी ने धारण किया विकराल रूप? लोगों ने किया पलायन
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कानपुर: कानपुर देहात में यमुना और सेंगुर नदी खतरे के निशान को पार कर चुकी है। जहां यमुना नदी खतरे के निशान से करीब 4 मीटर ऊपर बह रही है। वहीं सेंगुर नदी भी अपना रौद्र रूप अपनाये हुए है। कानपुर देहात में 2 दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में है।

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कुछ लोगों के आशियाने बाढ़ में बह गए है। बाढ़ के प्रकोप को देखते हुए धीरे –धीरे यहां के लोगों ने अब पलायन करना भी शुरू कर दिया है लोगों के गांव छोड़कर जाने की खबर जब डीएम राकेश कुमार सिंह तक पहुंची तो वह एडीएम प्रशासन पंकज वर्मा, एसडीएम भोगनीपुर और विधायक भोगनीपुर विनोद कटियार के साथ मौके पर पहुंचे।

उन्होंने बाढ़ पीड़ितों का दर्द बांटने की कोशिश की। लोगों को राहत सामग्री वितरित की। साथ ही सरकार की ओर से हर संभव मदद का भरोसा भी दिलाया।

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किसानों की फसलें पूरी तरह से हो चुकी है बर्बाद

बताते चले कि भारी बारिश और नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण जहां आधे से ज्यादा हिंदुस्तान आज बाढ़ की चपेट में है। वहीं यूपी का जनपद कानपुर देहात भी इससे अछूता नजर नहीं आ रहा है।

कानपुर देहात के 2 दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। जिससे जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। फसलें चौपट हैं साथ ही लोग अपने अपने घरों को छोड़कर पलायन करने पर मजबूर है।

दरअसल कोटा बांध से पानी छोड़े जाने और पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश के चलते यमुना और सिंगूर नदी के जल स्तर में भारी वृद्धि हुई है।

दोनों नदियां ख़तरे के निशान से करीब 4 मीटर ऊपर बह रही हैं। जिसके चलते कानपुर देहात के 2 दर्जन से अधिक गांव इसकी चपेट में आ गए हैं।

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2 दर्जन से अधिक गांव नष्ट

इन नदियों ने अपना विकराल रूप धारण करते हुए 2 दर्जन से अधिक गांव को पूरी तरह नष्ट कर दिया है। जिसके कारण वहां के लोग पलायन करने को मजबूर है। वहीं 1 दर्जन से अधिक गांव का मुख्य मार्ग से संपर्क टूट गया है और फसलें जलमग्न हो कर बर्बाद हो गई है।

जिसके कारण लोग भुखमरी की कगार में आ गए हैं। जिला प्रशासन का गांव की ओर मात्र खानापूर्ति भर ही ध्यान जा रहा है जिला प्रशासन द्वारा दिए गए कुछ लंच पैकेट और खाद्य सामग्री के बल पर लोगों को जीवन यापन करना पड़ रहा है।

बाढ़ की भीषण तबाही का मंजर यह है कि कई किलोमीटर दूर तक पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। इससे लोगों का जीना मुहाल हो गया है।

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Aditya Mishra

Aditya Mishra

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