संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए योगी आदित्यनाथ आगे आए

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संस्कृत विद्यालयों की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार संस्कृत भाषा के उन्नयन के लिए कृतसंकल्पित है।

Newstrack
Published on: 15 Oct 2020 11:50 AM GMT
संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए योगी आदित्यनाथ आगे आए
X
संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए योगी आदित्यनाथ आगे आए (Photo by social media)

लखनऊ: प्रदेश में संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आगे आए हैं। उन्होंने संस्कृत को बढ़ावा देने के साथ ही विज्ञान, कम्प्यूटर तथा गणित की शिक्षा प्रदान करने की भी बात कही है। उन्होंने माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद के गठन की बात कही। सााथ ही यह भी कहा कि संस्कृत विद्यालयों में पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए रहने तथा भोजन की व्यवस्था की जाए।

ये भी पढ़ें:सुशांत के घर में हाहाकार: अभिनेता के भाई की हालत गंभीर, अस्पताल में भर्ती

वर्तमान प्रदेश सरकार संस्कृत भाषा के उन्नयन के लिए कृतसंकल्पित है

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संस्कृत विद्यालयों की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार संस्कृत भाषा के उन्नयन के लिए कृतसंकल्पित है। इसको ध्यान में रखकर राज्य सरकार ने अनेक निर्णय लिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों की आवश्यकताओं के अनुरूप उनके लिए रहने तथा भोजन आदि की व्यवस्था की जाए। इस सम्बन्ध में स्वयं सेवी संस्थाओं तथा सीएसआर फण्ड का सहयोग भी प्राप्त किया जाए।

राज्य सरकार के सकारात्मक रुख के कारण ही माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद का गठन सम्भव हुआ है

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के सकारात्मक रुख के कारण ही माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद का गठन सम्भव हुआ है। माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद के गठन से परीक्षाएं समय पर सम्पन्न हो रही हैं तथा इनके परिणाम भी समय पर आ रहे हैं। परिषद की वेबसाइट को लांच करते हुए उन्होंने कहा कि संस्कृत को तकनीक के साथ जोड़ने का काम किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत के उन्नयन के लिए आवश्यक है कि इसको आधुनिकता से जोड़ा जाए। संस्कृत विद्यालयों का पाठ्यक्रम ऐसा होना चाहिए, जिससे शिक्षा को गुणवत्तापरक बनाते हुए विद्यार्थियों का भविष्य भी बेहतर हो सके।

ये भी पढ़ें:पूर्व सांसद भरत सिंह सहित एक दर्जन लोगों पर हुई दर्ज FIR

उन्होंने कहा कि दुनिया मान रही है कि संस्कृत ही कम्प्यूटर की सबसे सुगम भाषा हो सकती है। इसलिए संस्कृत विद्यालयों में पारम्परिक पठन-पाठन के साथ-साथ विज्ञान, कम्प्यूटर तथा गणित की शिक्षा प्रदान करना भी आवश्यक है। इसके माध्यम से संस्कृत का आधुनिकता व पुरातन के साथ सामंजस्य स्थापित हो सकेगा।

श्रीधर अग्निहोत्री

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Newstrack

Newstrack

Next Story