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राम मंदिर निर्माण महंतों के संघर्षों का परिणाम है: योगी आदित्यनाथ
गोरखनाथ मंदिर में महंत दिग्विजयनाथ और अपने गुरु महंत अवैद्यनाथ के पुण्यतिथि समारोह के अवसर पर आयोजित रामकथा ज्ञानयज्ञ में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा
लखनऊ: गोरखनाथ मंदिर में महंत दिग्विजयनाथ और अपने गुरु महंत अवैद्यनाथ के पुण्यतिथि समारोह के अवसर पर आयोजित रामकथा ज्ञानयज्ञ में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि राम मंदिर निर्माण भारत के स्वाभिमान, सम्मान और गौरव को दुनिया के सामने रखने का अवसर दे रहा है। उन्होंने कहा कि 500 वर्षों के बाद जब आज राम मंदिर बनने जा रहा है तो यह ब्रह्मलीन महंतों के संघर्षों का परिणाम है। ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ महाराज के प्रयास को ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ ने किस तरह से आगे बढ़ाया, ये कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए हम आज यहां तक पहुंचे हैं, ये उनके प्रयासों का फल है।
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रामकथा ज्ञानयज्ञ के समापन अवसर पर रविवार को मुख्यमंत्री ने कहा
रामकथा ज्ञानयज्ञ के समापन अवसर पर रविवार को मुख्यमंत्री ने उन पर तथा उनकी सरकार पर लग रहे जातिवाद के आरोपों का भी जवाब देते हुए कहा कि दोनों ब्रह्मलीन महंतों ने जातिवाद, क्षेत्रवाद, जातीयता और किसी भी भेदभाव को छोड़कर सबके लिए कार्य किया। उन्होंने कहा कि दोनों ब्रह्मलीन महंतों के श्रद्धांजलि के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है और यह उनके लिए कृतज्ञता प्रकट करने का अवसर भी है। इस अवसर पर हमें अपने मूल्यांकन करने की भी आवश्यकता है।
ram-temple (social media)
महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद और गोरक्षपीठ को लेकर कहा ये
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद और गोरक्षपीठ की ओर से कोविड-19 के नियमों के पालन करते हुए इस कार्यक्रम को आयोजित किया गया और इन दोनों महापुरुषों के 125वीं और शताब्दी जयंती वर्ष कार्यक्रम मनाया गया। ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और ब्रह्मलीन महंत आदित्यनाथ के श्रद्धांजलि के अवसर पर शिक्षा परिषद के आर्चायों को सीखना चाहिए कि महंत दिग्विजयनाथ के प्रयासों को उनके शिष्य महंत अवैधनाथ ने किस तरह आगे बढ़ाया।
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उन्होंने कहा कि इन महान विभूतियों के कार्यों में शिक्षा परिषद के आर्चायों को देखना चाहिए कि एक स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा तथा नित नए विकास के लिए कार्य कैसे किया जाता है और लोकमंगल के पथ पर कैसे आगे बढ़ा जा सकता है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना काल में भी गोरक्षपीठ और महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद ने शिक्षा को लगातार आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि दोनों ब्रह्मलीन महंत ने गोरक्षपीठ और महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के बारे में जो विचार किया था उसे पूरा करने के लिए अपनी कमियों का मूल्यांकन किया और सफलता के पथ पर आगे बढ़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रत्येक दिन हमें कुछ नया करने के लिए प्रेरित करता है।
मनीष श्रीवास्तव
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