×

लॉकडाउन के बाद भी यूपी में कोई नहीं सोएगा भूखा पेट, सीएम ने बनाया ऐसा प्लान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा है कि हर बूथ अध्यक्ष अपने गांव और मोहल्ले में 10 परिवारों से संपर्क करें। एक-एक घर से एक-एक भोजन पैकेट बनवाएं और इसे प्रतिदिन 10 जरूरतमंद गरीबों में वितरित करें।

Aditya Mishra
Published on: 30 March 2020 5:31 PM IST
लॉकडाउन के बाद भी यूपी में कोई नहीं सोएगा भूखा पेट, सीएम ने बनाया ऐसा प्लान
X
फ़ाइल फोटो

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा है कि हर बूथ अध्यक्ष अपने गांव और मोहल्ले में 10 परिवारों से संपर्क करें। एक-एक घर से एक-एक भोजन पैकेट बनवाएं और इसे प्रतिदिन 10 जरूरतमंद गरीबों में वितरित करें।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज में ‘कोविड-19’ से लड़ने वाले प्रत्येबक स्वास्थ्य कर्मी को बीमा योजना के तहत 50 लाख रुपये का बीमा कवर प्रदान किया जाएगा।

80 करोड़ गरीबों को अगले तीन महीने तक हर माह 5 किलो गेहूं या चावल और पसंद की 1 किलो दालें मुफ्त में मिलेंगी। 20 करोड़ महिला जन धन खाता धारकों को अगले तीन महीने तक हर माह 500 रुपये मिलेंगे।

मनरेगा के तहत मजदूरी को 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये प्रति दिन कर दिया गया है, इससे 13.62 करोड़ परिवार लाभान्वित होंगे। 3 करोड़ गरीब वरिष्ठ नागरिकों, गरीब विधवाओं और गरीब दिव्यां गजनों को 1,000 रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।

ये भी पढ़ें...ये महिला है कोरोना वायरस की पहली मरीज, सुनाई आपबीती,जानकर दंग रह जाएंगे

35 लाख मजदूरों को प्रतिमाह 1000 रुपए

लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों में कार्य करने वाले यूपी के जो नागरिक वापस अपने मूल जनपदों में आ रहे हैं, उनके बारे में स्थानीय जिला प्रशासन और सीएम हेल्प लाइन पर जानकारी मुहैया करवाएं, जिससे उनकी निगरानी हो सके।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा दिहाड़ी मजदूरों के लिए घोषित किए गए राहत पैकेज के बारे में भी जनता को अवगत करवाया जाए। इसमें प्रदेश के 1.65 करोड़ श्रमिकों को एक माह का नि:शुल्क राशन, 35 लाख मजदूरों को प्रतिमाह 1000 रुपए भरण-पोषण भत्ता दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में श्रम विभाग के अंतर्गत 20.37 लाख श्रमिक पंजीकृत हैं। भरण पोषण के रूप में एक हजार रुपए डीबीटी के माध्यम से उनके अकाउंट में भेजा जा रहा है। प्रदेश के अंदर घुमन्तू जैसे ठेला, खोमचा, रेहड़ी और रिक्शा चलाने, साप्ताहिक बाजार आदि का कार्य करने वालों को सरकार एक हजार रुपए भरण पोषण तत्काल रूप से दे रही है।

प्रदेश में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जो भी कार्य करने वाले लोग खासतौर पर मजदूर या ठेला, खोमचा लगाने वालों को तत्काल खाद्यान्न उपलब्ध करवाया जा रहा है। निजी क्षेत्रों में कार्य करने वाले प्रभावित श्रमिकों और कार्मिकों के हित के दृष्टिगत बंद इकाइयों के स्वामियों औऱ नियोजकों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने श्रमिकों और कार्मिकों को नियमित वेतन और सभुगतान अवकाश प्रदान करें।

कोरोना: अमेरिका में शुरू हुआ ड्राइव-थ्रू टेस्ट, मरीजों का जल्द चलेगा पता

निशुल्क राशन देने का निर्देश

मनरेगा के मजदूरों को तत्काल मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है। अन्त्योदय योजना, मनरेगा और श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिक एवं दिहाड़ी मजदूरों करीब 1 करोड़ 65 लाख 31 हजार जरूरतमंदों को एक माह का निशुल्क राशन देने के निर्देश दिए गए हैं।

इन परिवारों को 20 किलो गेहूं, 15 किलो चावल मुफ्त मिलेगा। प्रदेश में लागू वृद्धावस्था पेंशन, दिव्यांगजन सशक्तिकरण पेंशन और निराश्रित विधवा के भरण पोषण पेंशन योजनाओं के तहत 83.83 लाख लाभार्थियों को दो माह की अग्रिम पेंशन दी जा रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कोविड-19 से बचाव और रोकथाम की कार्ययोजना को क्रिन्यावित करने के लिए 11 कमेटियां गठित की गई हैं। इनमें सरकार के करीब दो दर्जन वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। ये कमेटियां कोरोना से उत्पन्न हालात पर तय जिम्मेदारी के अनुसार कार्य कर रही हैं।

31 नोडल अफसरों की तैनाती

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि देश के हर राज्य में रह रहे उत्तर प्रदेश के नागरिकों की सुविधाओं को लेकर 31 नोडल अफसरों को नियुक्त किया गया है। ये नोडल अफसर संबंधित राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क में हैं। इसके साथ ही दूसरे राज्यों के जो लोग उत्तर प्रदेश में हैं, उनकी सुविधाओं को लेकर भी कमेटी पूरा ध्यान दे रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘कोरोना हारेगा, भारत जीतेगा’ के आह्वान के अनुसार सभी कार्यकर्ता मानवता की सेवा में जी जान से जुट जाएं।

क्या है कोरोना: जैविक बम या ग्लोबल ट्रेड वार, पूरी दुनिया बंटी दो गुटों में



Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story