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सीएम योगी ने पीएम से की ये अपीलें, इन मुद्दों पर करी चर्चा
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी ने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ हुई वीडियो कांफेसिंग के दौरान राज्य में चिकित्सा इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने तथा केंद्र से मिले सहयोग के बारे में उन्हे जानकारी दी।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी ने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ हुई वीडियो कांफेसिंग के दौरान राज्य में चिकित्सा इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने तथा केंद्र से मिले सहयोग के बारे में उन्हे जानकारी दी। सीएम योगी ने बताया कि इस समय प्रदेश में लेवल-1, लेवल-2, लेवल-3 के कुल 503 कोविड अस्पताल क्रियाशील हैं। इन अस्पतालों में कुल एक लाख एक हजार 236 बेड उपलब्ध हैं। 18 करोड़ लोगों को 05 बार निःशुल्क खाद्यान्न वितरित किया जा चुका है। आगामी 20 जून से छठीं बार निःशुल्क खाद्यान्न वितरण प्रारम्भ होने जा रहा है।
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सीएम योगी ने कहा कि अब तक राज्य में कोविड-19 के संक्रमण की जांच के लिए पांच लाख से अधिक टेस्ट हो चुके हैं। वर्तमान में कोविड-19 के संक्रमण से संबंधित प्रतिदिन लगभग 16,000 टेस्ट किए जा रहे हैं। 20 जून तक इसे बढ़ाकर 20,000 किए जाने का लक्ष्य है।
कम्युनिटी सर्विलांस व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया
उन्होंने कहा कि राज्य में कम्युनिटी सर्विलांस व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया है। एक लाख 21 हजार 746 टीमों द्वारा 92.1 लाख घरों का भ्रमण करके 4.70 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग करने के साथ ही, कोविड-19 के प्रति जागरूकता का प्रसार किया गया है। राज्य में क्वारंटीन सेण्टर्स की क्षमता लगभग 15 लाख है। क्वारंटीन सेण्टर में पूल टेस्ट तथा व्यक्तिगत टेस्ट द्वारा संक्रमित पाये गये लोगों को डेडीकेटेड कोविड अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 35 लाख कामगार आये। इनकी स्क्रीनिंग कर उन्हें राशन किट उपलब्ध कराते हुए होम क्वारंटीन के लिए घर भेजा गया। होम क्वारंटीन में इनकी निगरानी के लिए 70,000 निगरानी समितियों का गठन किया गया, जो इनकी निगरानी करते हुए निरन्तर अपनी रिपोर्ट देती हैं।
श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियों को लेकर कहा
उन्होंने श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियों की व्यवस्था के लिए प्रधानमंत्री व केन्द्रीय रेल मंत्री का आभार प्रकट करते हुए कहा कि अभी तक राज्य में 1650 से अधिक श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियां आयीं। साथ ही, उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की 12,000 से अधिक बसें संचालित की गईं। उन्होंने कहा कि वापस लौटे श्रमिकों की 80 ट्रेड्स में स्किल मैपिंग भी की गई। इसके लिए एक पोर्टल तैयार किया गया। होम क्वारंटीन से बाहर आने वाले कामगारों को उनकी स्किल के अनुरूप कार्य उपलब्ध कराने की कार्यवाही की जा रही है।
दिल्ली एवं उससे सटे जनपदों के लिए एक समग्र नीति बनायी जाए
उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि दिल्ली एवं उससे सटे जनपदों के लिए एक समग्र नीति बनायी जाए। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में निरन्तर आवागमन होता रहता है। इसके दृष्टिगत कोविड-19 के संदिग्ध तथा लक्षणरहित संक्रमित व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण लगाया जा सके।
संक्रमित लक्षणरहित मामलों को होम क्वारंटीन में रखे
सीएम ने कहा कि कोविड-19 से संक्रमित लक्षणरहित मामलों को होम क्वारंटीन में रखने पर, जरूरी अनुशासन का पालन सम्भव नहीं हो पाता। इससे संक्रमित के परिजनों को संक्रमण के जोखिम के साथ ही, परिवार के सम्पर्क में आये अन्य व्यक्तियों के माध्यम से इन्फेक्शन के प्रसार की आशंका बनी रहती है। प्रदेश में उपलब्ध एक लाख से अधिक कोविड बेड का उल्लेख करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री से कोविड-19 के संक्रमण की चेन तोड़ने व इसके प्रसार पर नियंत्रण के लिए लक्षणरहित कोविड-19 पाॅज़िटिव मरीजों को कोविड अस्पतालों में रखे जाने की अनुमति प्रदान करने का अनुरोध किया।
अस्पतालों में ये चीजें हैं ज़रूरी
सीएम ने कहा कि लेवल-1 अस्पतालों में ऑक्सीजन तथा लेवल-2 अस्पतालों में ऑक्सीजन के साथ ही, वेण्टीलेटर की उपलब्धता भी है। राज्य में लेवल-3 के डेडीकेटेड अस्पतालों की संख्या 25 है। इन अस्पतालों में गम्भीर रोगों से ग्रसित मरीजों के कोरोना संक्रमित होने पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में उपचार किया जाता है। राज्य के सभी 75 जनपदों में वेण्टीलेटर की सुविधा उपलब्ध है।
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उन्होंने कहा कि मेडिकल इंफेक्शन से बचाव के सभी प्रबंध सुनिश्चित करते हुए इमरजेंसी सेवाओं के साथ ही आवश्यक ऑपरेशन की सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं। यह सुविधा प्रदेश के सभी जनपदों में उपलब्ध करायी जा रही है। इसके लिए सभी जनपदों के नॉन कोविड चिकित्सालयों तथा मेडिकल कॉलेजों में ट्रूनेट मशीनें लगायी गयी हैं। इन मशीनों की सहायता से एक घण्टे में कोविड-19 की जांच की जा सकती है। इसके साथ ही, युद्धस्तर पर मानव संसाधन के प्रशिक्षण की कार्यवाही भी संचालित की जा रही है। अब तक 12,051 चिकित्सक, 12,983 स्टाफ नर्स, 43,140 पैरामेडिकल स्टाफ, 19,288 ए0एन0एम0 तथा 1,45,101 आशा वर्कर्स का प्रशिक्षण कराया गया है, जो कोरोना वारियर्स के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
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