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योगी मंत्रिमंडल की बैठक, 600 किलोमीटर गंगा एक्सप्रेस वे यूपीडा के हवाले

गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के के प्रस्ताव को योगी सरकार ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके तहत गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना की स्वीकृति के साथ परियोजना की अनुमानित लागत 36,402 करोड़ रुपए पर भी सैद्धान्तिक अनुमति दी गई है।

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Published on: 25 Nov 2020 3:19 PM GMT
योगी मंत्रिमंडल की बैठक, 600 किलोमीटर गंगा एक्सप्रेस वे यूपीडा के हवाले
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योगी मंत्रिमंडल की बैठक, 600 किलोमीटर गंगा एक्सप्रेस वे यूपीडा के हवाले

लखनऊ: गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के के प्रस्ताव को योगी सरकार ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके तहत गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना की स्वीकृति के साथ परियोजना की अनुमानित लागत 36,402 करोड़ रुपए पर भी सैद्धान्तिक अनुमति दी गई है।

इन राज्यों से जोड़ेगा

ज्ञातव्य है कि गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के निर्माण से गंगा नदी के लगभग समानान्तर हरिद्वार से प्रयागराज होते हुए वाराणसी तक सुगम एवं द्रुतगामी आवागमन सम्भव हो सकेगा, जो प्रदेश के सामाजिक एवं आर्थिक विकास में अत्यन्त सहायक होगा। इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण से हल्दिया से वाराणसी तक निर्मित होने वाले जलमार्ग के माध्यम से आने वाला यातायात प्रयागराज होते हुए दिल्ली एवं अन्य प्रदेशों तक सुगमतापूर्वक जा सकेगा।

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यह एक्सप्रेस-वे मेरठ बुलन्दशहर मार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-334) से (बिजौली ग्राम से समीप) से प्रारम्भ होकर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-19 (पुराना राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-2) के प्रयागराज बाईपास पर जनपद प्रयागराज के जुडापुर दाँदू ग्राम के समीप मिलेगा। इसकी अनुमानित लम्बाई 594 किमी है। इससे मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, सम्भल, बदायूं शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली एवं प्रयागराज जनपद आच्छादित होंगे। गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना से काफी बड़ी संख्या में रोजगार सृजन भी सम्भव हो सकेगा।

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आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के मोनिटाइजेशन की प्रस्तावित प्रक्रिया, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के मोनिटाइेजशन के लिए टोल, आॅपरेट एवं ट्रांसफर पद्धति अपनाए जाने के लिए तकनीकी परामर्शी चयनित करने के लिए प्रस्तावित प्रक्रिया को भी स्वीकृति प्रदान की गई है।

मंत्रिपरिषद ने गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए यह निर्णय भी लिया है कि यदि सभी प्रयासों के बाद भी पीपीपी मोड में कार्य को सम्पादित किये जाने में कठिनाई होती है, तो उस समय प्रशासकीय विभाग द्वारा प्रस्तुत अन्य विकल्प पर विचार किया जायेगा।

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मंत्रिपरिषद ने वित्तीय सलाहकार के रूप में एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड को नामांकन के आधार पर आबद्ध किये जाने के प्रस्ताव को भी अनुमोदित कर दिया है।

श्रीधर अग्निहोत्री

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