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पुलिस में बड़ा बदलाव: योगी सरकार लेगी तगड़ा एक्शन, प्रशासनिक व्यवस्था पर भी नजर

सूत्रों की माने तो यूपी में कानून-व्यवस्था को लेकर बार-बार विपक्षी दलों द्वारा लगाये जा रहे आरोपों के जवाब में यूपी सरकार जल्द ही पुलिस के आला अफसरों पर गाज गिरा सकती है।

Newstrack
Published on: 4 Oct 2020 5:34 PM IST
पुलिस में बड़ा बदलाव: योगी सरकार लेगी तगड़ा एक्शन, प्रशासनिक व्यवस्था पर भी नजर
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योगी सरकार का बड़ा एक्शन, पुलिस व प्रशासनिक व्यवस्था में कर सकती है बडे़ बदलाव (social media)

लखनऊ: हाथरस काण्ड पर यूपी में मचे घमासान के बीच विपक्षी दलों के हाथरस जिलाधिकारी के खिलाफ कोई कार्यवाही न किए जाने के आरोपों के बीच अब योगी सरकार बडे़ एक्शन की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि यूपी के मौजूदा हालात से मुख्यमंत्री योगी खासे नाराज है और यूपी की पुलिस और प्रशासनिक व्यवस्था मे जल्द ही बडे़ बदलाव हो सकते है। हालांकि हाथरस मामलें में पांच पुलिस कर्मियों को निलबिंत किए जाने पर आईपीएस एसोसिएशन की नाराजगी के बाद अब सरकार इस कार्रवाई को किए जाने पर फिर से विचार कर रही है।

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पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी को हटाया जा सकता है

सूत्रों की माने तो यूपी में कानून-व्यवस्था को लेकर बार-बार विपक्षी दलों द्वारा लगाये जा रहे आरोपों के जवाब में यूपी सरकार जल्द ही पुलिस के आला अफसरों पर गाज गिरा सकती है। खबर है कि पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी को हटाया जा सकता है और नए पुलिस महानिदेशक की खोज भी शुरू हो गई है। जिन अधिकारियों के नाम इस चर्चा में है उनमे सुजान वीर सिंह, मुकुल गोयल, देवेंद्र सिंह चैहान, राजकुमार विश्वकर्मा और आनन्द कुमार शामिल है। इसमे मुकुल गोयल मौजूदा समय में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर है और पहले यूपी में एडीजी कानून-व्यवस्था रह चुके है। इसी तरह आनन्द कुमार भी यूपी में एडीजी कानून-व्यवस्था का पद संभाल चुके है।

up-police up-police (social media)

कार्रवाई सिर्फ पुलिस वालों पर ही की गई है, जबकि जिम्मेदारी पूरे प्रशासन की तय होनी चाहिए थी

बता दे कि यूपी की आईपीएस एसोसिएशन ने हाथरस मामलें में केवल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई पर सवाल उठाये है। एसोसिएशन का कहना है कि कार्रवाई सिर्फ पुलिस वालों पर ही की गई है, जबकि जिम्मेदारी पूरे प्रशासन की तय होनी चाहिए थी। इसी क्रम में यूपी के पूर्व डीजीपी एके जैन ने भी एसोसिएशन के सुर में सुर मिलाते हुए कहा है कि डीजीपी को सही स्थिति से मुख्यमंत्री को अवगत कराना चाहिए था।

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उन्होंने कहा कि अपने दौर में उन्होंने भी ऐसे कई मामले देखे हैं जब रात में या तो पोस्टमार्टम कराना पड़ा है या फिर शव जलाने पड़े हैं लेकिन यह सब कुछ पूरे प्रशासन का फैसला होता था, ऐसा कैसे हो गया कि कार्रवाई सिर्फ एक तरफा हो रही है। जैन ने कहा कि इससे पहले भी महोबा में कहा यह गया था कि डीएम भी 05 लाख रुपये महीना लेता है लेकिन कार्रवाई सिर्फ एसपी पर की गई जबकि डीएम को स्पेशल सेक्रेटरी बनाकर मुख्यालय में लाया गया।

मनीष श्रीवास्तव

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