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योगी सरकार का बड़ा फैसला, धीरे-धीरे पुलिस विभाग का हो जाएगा डिजिटाइजेशन

प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो इसके लिए योगी सरकार हर दिशा में काम कर रही है।

Newstrack
Published on: 23 Sep 2020 1:07 PM GMT
योगी सरकार का बड़ा फैसला, धीरे-धीरे पुलिस विभाग का हो जाएगा डिजिटाइजेशन
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योगी सरकार का बड़ा फैसला, धीरे-धीरे पुलिस विभाग का हो जाएगा डिजिटाइजेशन (social media)

लखनऊ: प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो इसके लिए योगी सरकार हर दिशा में काम कर रही है। पुलिस विभाग में डिजिटाइजेशन करने तथा लगभग 500 अभियोजकों को ई-प्रॉसीक्यूशन एवं ई-लाइब्रेरी के लिए लैपटाप की सुविधा दी गई। इस साल पूरे विभाग को डिजिटाइज करने का प्रयास शुरू कर दिया गया है।

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अभियोजन विभाग को और अधिक सक्रिय बनाते के लिए राज्य सरकार की तरफ से आवश्यक सुविधायें भी उपलब्ध करायी गयी है। अभियोजन कार्य से जुड़े अधिकारियो को ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल पर कार्य करने के लिए व्यावहारिक जानकारी देकर उन्हे और सक्षम बनाने के लिए प्रशिक्षण भी दिलाया गया है।

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने जानकारी देते हुए बताया

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने जानकारी देते हुए बताया कि ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल पर लगभग 16 लाख कार्यवाहियाॅ दर्ज करते हुये उत्तर प्रदेश अभियोजन विभाग पूरे देश में लगातार नौ महीने में पहले स्थान पर है। प्रत्येक परिक्षेत्रीय मुख्यालय पर अभियोजन साक्षी जागरूकता शिविरों का आयोजन कराया गया तथा ई-प्रॉसीक्यूशन पर अभियोजकों का प्रशिक्षण पूरा किया जा चुका है।

avnish-awasthi avnish-awasthi (social media)

अभियोजन आशुतोष पाण्डेय ने बताया

अपर पुलिस महानिदेशक, अभियोजन आशुतोष पाण्डेय ने बताया कि आवश्यक सुविधाओं के साथ प्रशिक्षण भी प्रदान किये गये हैं। पक्षद्रोहिता एवं दोषमुक्ति निवारण हेतु डा राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के साथ शोध अभियान चलाया गया। 200 अभियोजकों का उच्च गुणवत्ता सहित दक्षता विकास के लिए डॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में प्रशिक्षण भी दिलाया गया। अभियोजकों के लिए ख्यातिलब्ध विधिवेत्ताओं की पुस्तकों की उपलब्धता भी सुनिश्चित करायी गयी है। हर जिले में इण्टरनेट कनक्टिविटी की व्यवस्था भी करायी गयी है।

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पाण्डेय ने बताया कि अभियोजकों के अद्यावधिक विधिक ज्ञान की सुनिश्चितता हेतु उन्हें सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय इलाहाबाद के सभी महत्वपूर्ण निर्णयों की डिजिटल लाइब्रेरी के माध्यम से उपलब्धता करायी गयी है। फीडिंग सम्बन्धी प्रभावी प्रशिक्षण के लिए ऑडियो-वीडियो ट्यूटोरियल की भी उपलब्धता करायी गयी। ई-कोर्ट पर उपलब्ध कॉज लिस्ट को ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल पर उपलब्ध कराया गया। अभियोजन विभाग द्वारा पारदर्शी अभियोजन कार्य मूल्यांकन की परिपाटी स्थापित की गयी है।

श्रीधर अग्निहोत्री

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