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योगी सरकार का चौथा सालः अपराधियों पर कहर बनकर टूटा, लगा दी लगाम
चार सालों में मुठभेड़ के दौरान 135 अपराधियों को पुलिस ने ढेर किया है। इन अपराधियों में हत्या, लूट, डकैती, रंगदारी, अपहरण जैसी तमाम वारदातों को अंजाम देने वाले अपराधी शामिल थे।
लखनऊ। चार साल पुरानी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जीरो टालरेंस पर नीति पर चलते हुए पांचवे वर्ष में प्रवेश करने जा रही है। सरकार गठन के बाद से ही लगातार यह सरकार जीरो टालरेंस की नीति पर काम करती रही है। पर योगी सरकार का चौथा साल अपराधियों के खिलाफ उनके जीरो टालरेंस नीति का सबसे बड़ा उदाहरण बन गया हे। इस साल विकास दुबे जैसे गैंग का सफाया हुआ तो वहीं अपराधियों के अवैध निर्माण के खिलाफ विशेष अभियान के तहत मुख्तार अंसारी विजय मिश्र और अतीक अहमद के बडे बडे भवन गिराने का काम किया गया।
25 बड़े माफिया को चिह्नित
न सिर्फ मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद ही नहीं, बल्कि प्रदेश के ऐसे 25 बड़े माफिया को चिह्नित किया, जिनके नाम से लोगों में दहशत थी। पुलिस ने उनके गैंग के अन्य अपराधियों और सहयोगियों के खिलाफ कार्यवाही शुरू की। पुलिस ने उनके गैंग के अन्य अपराधियों और सहयोगियों के खिलाफ भी कार्यवाही शुरू की। योगी सरकार के चार साल में अपराधियों की काली कमाई पर बुल्डोजर भी चला।
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अपराधियों का आंकड़ा
योगी सरकार ने हाल ही में चार सालों में मारे गए अपराधियों का आंकड़ा जारी किया है। आंकड़ों के मुताबिक इन चार सालों में मुठभेड़ के दौरान 135 अपराधियों को पुलिस ने ढेर किया है। इन अपराधियों में हत्या, लूट, डकैती, रंगदारी, अपहरण जैसी तमाम वारदातों को अंजाम देने वाले अपराधी शामिल थे।
5 लाख का इनाम
इस दौरान अपराधियों पर 5 हजार से लेकर 5 लाख तक इनाम रखा गया लेकिन मारे गए सभी अपराधियों में 5 लाख का इनाम सिर्फ एक ही अपराधी पर रखा गया और वो कानपुर में पुलिस वालों की हत्या का मुख्य आरोपी विकास दुबे था। मारे गए 135 अपराधियों में सिर्फ 24 ऐसे अपराधी थे जिन पर इनाम नहीं था।
51 अपराधी मुस्लिम समुदाय से
मारे गए 135 अपराधियों में 51 अपराधी मुस्लिम समुदाय के हैं। यह मामला अब राजनैतिक भी बन चुका है। हाल ही में मुस्लिम परस्त राजनीति करने वाले असद्दुीन ओवैसी ने कहा कि यूपी में जानबूझकर मुस्लिमों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एनकाउंटर में मारे गए लोगों में 37 प्रतिशत मरने वाले मुस्लिम समुदाय के हैं।
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अपराधियों को शिकंजे में कसना
साल 2017 में जब सीएम योगी के नेतृत्व में बीजेपी सरकार ने शपथ ली तो सबसे पहले इनामिया अपराधियों को शिकंजे में कसना शुरू किया। यूपी पुलिस ने 27 सितंबर 2017 को पहला एनकाउंटर 50 हजार के इनामी बदमाश मंसूर पहलवान का किया। इसके बाद लगातार बड़े अपराधियों पर इनाम रखा गया और उन्हें पकड़ने के लिए एसटीएफ समेत कई टीमें लगा दी गईं।
रिपोर्ट श्रीधर अग्निहोत्री