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सोशल मीडिया से दूर हैं योगी सरकार के ये मंत्री, जानें किसकी कितनी है भूमिका

लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा ने सोशल मीडिया को बड़ा हथियार बनाकर हर बूथ पर इसकी टीम बनाई थी और एक बूथ पर कम से कम पांच सोशल मीडिया कर्मी रखे गए थे। चुनाव के पहले फरवरी में इसके लिए एक बड़ा अभियान भी चला था जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह तथा अन्य सभी पदाधिकारी भी जुटे थे।

SK Gautam
Published on: 29 Aug 2019 8:17 AM GMT
सोशल मीडिया से दूर हैं योगी सरकार के ये मंत्री, जानें किसकी कितनी है भूमिका
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श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ: केन्द्र में मोदी सरकार के गठन में सोशल मीडिया की बड़ी भूमिका मानी जाती है और इससे सरकार आने के बाद जन समस्याओं का हल करने में भी मदद मिल रही है। पीएम मोदी हमेशा सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं और अपने साथियों को भी सोशल मीडिया के जरिये लोगों से जुडऩे को प्रेरित करते रहते हैं। वहीं उत्तर प्रदेश की योगी आादित्यनाथ की सरकार में कई मंत्री ऐसे हैं जिन्होंने फेसबुक और ट्विटर से खुद को अलग कर रखा है।

इनमें हाल में शपथ लेने वाले मंत्रियों के साथ ही करीब ढाई साल पुरानी योगी सरकार के कुछ अनुभवी मंत्री भी शामिल हैं। जबकि सोशल मीडिया के इस दौर में अगर किसी को अगर परेशानी अथवा कोई अन्य बात सीधे किसी मंत्री तक पहुंचानी होती है तो वह ट्विटर तथा सोशल मीडिया के माध्यम से ही अपनी बात उन तक पहुंचाता है।

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लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा ने सोशल मीडिया को बड़ा हथियार बनाकर हर बूथ पर इसकी टीम बनाई थी और एक बूथ पर कम से कम पांच सोशल मीडिया कर्मी रखे गए थे। चुनाव के पहले फरवरी में इसके लिए एक बड़ा अभियान भी चला था जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह तथा अन्य सभी पदाधिकारी भी जुटे थे। बावजूद इसके यूपी की भाजपा सरकार के कई मंत्री इस दिशा में अब तक आगे नहीं बढ़ पाए हैं।

कई कैबिनेट मंत्री सोशल मीडिया से दूर

‘न्यूजट्रैक’ व ‘अपनाभारत’ ने जब इस बारे में जांच पड़ताल की तो ऐसे मंत्रियों के बारे में पता चला। कैबिनेट मंत्रियों में जय प्रताप सिंह, चौ.लक्ष्मीनारायण, राजेन्द्र प्रताप सिंह (मोतीसिंह), अनिल राजभर तथा रामनरेश अग्निहोत्री ट्विटर और फेसबुक से कोई वास्ता नहीं रखते हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य और रमा पति शास्त्री सिर्फ फेसबुक में सक्रिय रहते हैं। माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती गुलाबो देवी तथा उच्च शिक्षा मंत्री नीलिमा कटियार भी केवल फेसबुक पर हैं। राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व्यावसायिक शिक्षा कपिल देव अग्रवाल और स्टाम्प एवं न्याय शुल्कमंत्री रविन्द्र जायसवाल भी ऐसे मंत्री हैं जो केवल फेसबुक में सक्रिय रहते हैं।

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कटे हुए हैं स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री भी

राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विभाग वाले मंत्रियों में आयुष, खाद्य एवं औषधि प्रशासन धरम सिंह सैनी, पर्यटन नीलकंठ तिवारी, उद्यान, कृषि निर्यात श्रीराम चौहान ने भी फेसबुक और ट्विटर से अपने को अलग कर रखा है। इस श्रेणी के मंत्रियों में खेल एवं युवा कल्याण उपेन्द्र तिवारी, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्वाति सिंह, परिवहन अशोक कटारिया और बेसिक शिक्षाविभाग के सतीशद्विवेदी ऐसे मंत्री हैं, जो फेसबुक और ट्विटर पर बराबर सक्रिय रहते हैं।

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22 राज्य मंत्रियों में चिकित्सास्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अतुल गर्ग, खाद्य एवं रसदरणवेन्द्र प्रतापसिंह (धुन्नीसिंह), वित्त एवं प्राविधिक संदीप सिंह, अल्पसंख्यक कल्याण मोहसिनरजा, आवास एवं शहरी नियोजन गिरीशचन्द्र यादव, जलशक्ति बल्देव औलख तथा गन्ना विकास सुरेशपासी ही फेसबुक/ट्विटर पर एक्टिव हैं।

कई राज्यमंत्री भी नहीं हैं एक्टिव

यहीं नहीं, हाल ही में शपथलेने वाले सभी 11 राज्यमंत्रियों में वन एवं पर्यावरण अनिल शर्मा, नगर विकास महेश गुप्ता, समाज कल्याणडा गिरिराज सिंह, कृषि शिक्षा लाखन सिंह राजपूत, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग एवं ग्रामोद्योग चौ.उदयभान सिंह, लोक निर्माण चन्द्रिका प्रसाद उपाध्याय, संसदीय कार्य ग्राम्य विकास आनन्दस्वरूप शुक्ल, ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा क्षेत्र रमाशंकर सिंह पटेल, इलेक्ट्रिानिक्स एवं सूचनाप्रौद्योगिकी अजीत सिंहपाल, राजस्व एवं बाढ़ नियंत्रण विजय कश्यप ऐसे मंत्री हैं, जो न तो फेसबुक पर हैं और न ही ट्विटर पर। 19 मार्च2017 को योगी मंत्रिमंडल में शपथ लेने वाले राज्यमंत्री श्रमसेवा योजना विभाग और पशुधन एवं दुग्धविकास मंत्री जय प्रताप निषाद अभी तक सोशल मीडिया से दूरी बनाए हैं।

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मजेदार बात तो यह है कि यूपी भाजपा की अधिकृत वेबसाइट पर संसदीय कार्य राज्यमंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ला का कोई जिक्र ही नहीं है। जबकि भाजपा ने आईटी सेल का गठन कर रखा है जिसमें कई आईटी क्षेत्र से जुड़े लोग कार्यरत हैं।

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