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योगी सरकार का ऑर्डर: अब अधिकारियों की हालत खराब, नहीं दबा पाएंगे फाइल
बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी अब निलंबन की फाइल दबाकर नहीं रख पाएंगे। ना ही वे निलंबन के नाम पर कोई खेल कर पाएंगे।
झांसी: बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी अब निलंबन की फाइल दबाकर नहीं रख पाएंगे। ना ही वे निलंबन के नाम पर कोई खेल कर पाएंगे। निलंबन के नाम पर शिक्षकों का शोषण करने वाले अधिकारियों की भी अब खैर नहीं क्योंकि महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों से निलंबित शिक्षकों का पूरा ब्यौरा तलब कर लिया है।
परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की भारी संख्या होने के कारण उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही भी खूब होती है। निलंबन के नाम पर बड़े-बड़े खेल होते हैं। जैसे दूरदराज के क्षेत्रों में तैनात शिक्षक निलंबन के बाद आश्चर्यजनक रूप से नजदीक के विद्यालयों में पदस्थ कर दिए जाते हैं। कई बार अधिकारियों द्वारा शिक्षकों के निलंबन की फाइल महीनों जानबूझकर ठंडे बस्ते में डाल दी जाती है। इस प्रकार के खेल पूरे प्रदेश में होते हैं। इस कारण महानिदेशक स्कूल शिक्षा, विजय किरन आनंद ने समस्त जिलों के बीएसए को एक पत्र जारी किया है।
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पत्र में कहा गया है ये
पत्र में कहा गया है कि जनपदों में कार्यरत कतिपय शिक्षकों द्वारा शासकीय दायित्वों के प्रति उदासीनता प्रदर्शित करने के कारण उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक अथवा निलंबन की कार्यवाही की जाती है। किन्तु यह संज्ञान में आया है कि निलंबित शिक्षकों के प्रकरण बिना किसी समुचित कारण के काफी दिनों तक लंबित पड़े रहते हैं। अनावश्यक रूप में प्रकरण लंबित रहने से शिक्षकों के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। साथ ही विभाग एवं शासन की छवि धूमिल होती है। इस कारण 1 जनवरी 2020 के बाद निलंबित किए गए शिक्षकों का ब्यौरा तलब किया गया है।
इसमें बीएसए को जिले में निलंबित शिक्षकों का नाम, निलंबन की तिथि, पदस्थापित विद्यालय का नाम, जनपद मुख्यालय से विद्यालय की दूरी, यदि शिक्षक बहाल किया गया है तो बहाली की तिथि, दोषी पाए जाने पर दिए गए दंड का प्रकार, बहाली के पश्चात पदस्थापित विद्यालय का नाम एवं जिला मुख्यालय से उसकी दूरी तथा यदि शिक्षक अभी तक बहाल नहीं किया गया है तो विलंब का कारण बताना होगा।
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1 जनवरी 2020 के पूर्व निलंबित शिक्षकों की सूची मांगी गई
इसी प्रकार 1 जनवरी 2020 के पूर्व निलंबित शिक्षक जो अभी तक बहाल नहीं किए गए हैं उनकी सूचनाएं मांगी गई है। इस पत्र से साफ है कि अब निलंबित शिक्षकों की फाइल को अब बीएसए भी अधिक समय तक नहीं दबा पाएंगे। साथ ही शिक्षकों को नजदीक के विद्यालयों में पदस्थापित भी नहीं कर पाएंगे क्योंकि महानिदेशक ने निलंबन के पूर्व और बहाली के बाद के विद्यालय की जनपद मुख्यालय से दूरी की जानकारी इसी उद्देश्य से मांगी है। यदि निलंबित शिक्षक को जिला मुख्यालय के नजदीक पदस्थापित किया गया है तो उसका भी पर्दाफाश हो जाएगा। इससे उन शिक्षकों के अरमानों पर पानी फिर गया है जो निलंबन की सजा के बहाने नगर के निकट पदस्थापित होने का मजा लेना चाहते थे। यही नहीं विभागीय अधिकारी भी निलंबन के मामले में अपनी कलम चलाने से पहले सौ बार सोचेंगे।
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