योगी सरकार संरक्षित करेगी उस वृक्ष को, जहां पर भगवान श्रीकृष्ण बांसुरी बजाते थें

पौराणिक और ऐतिहासिक इन पेड़ों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले भी कह चुके हैं कि हमारी सरकार नई पीढ़ी को अपना गौरव मयी इतिहास बताने में पीछे नहीं हटेगी।

Shraddha Khare
Published on: 9 March 2021 9:33 AM GMT
योगी सरकार संरक्षित करेगी उस वृक्ष को, जहां पर भगवान श्रीकृष्ण बांसुरी बजाते थें
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब एक और अनूठा काम करने जा रही है। राज्य सरकार अब उन जिनकी उम्र 100 साल या इससे अधिक है और वह अपने साथ एक गौरवमयी समेटे हुए है। इसके लिए राज्य सरकार ने एक प्रस्ताव तैयार किया है जिसमें ऐसे वृक्षों को संरक्षित किया जाएगा।

योगी सरकार अब वृक्षों को संरक्षित करने का काम करेगी

इस योजना में फतेहपुर जिले के बाद सबसे अधिक बरेली के 25 वृक्ष भी शामिल किए गए हैं। उत्तर प्रदेश जैव विविधता बोर्ड की योजना है कि इन 942 सालों को जिसमें बरगद पीपल और पागल के सबसे अधिक हैं, उनको संरक्षण करने का काम किया जाए। साथ ही नई पीढ़ी को इन पेड़ों के इतिहास के बारे में बताया जाए।

जैव विविधता बोर्ड वृक्षों को बना रही विकसित करने की योजना

मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड इन वृक्षों को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना बना रहा है। जिसके बारे में कहा जाता है कि इसका इतिहास लगभग 500 साल पुराना है। अलग-अलग जिलों से चुने गए इन वृक्षों में सबसे अधिक फतेहपुर जिले के वह बावन इमली के वृक्ष है। जो स्वतंत्रता संग्राम की पहली लड़ाई के गवाह है इन्हीं वृक्षों पर लटका कर 52 राष्ट्र भक्तों को फांसी दी गई थी।

इन वृक्षों को किया जा रहा संरक्षित

इसी तरह मथुरा में भी एक पीलू का वृक्ष है इसके बारे में कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण यहीं पर खड़े होकर गायों को अपनी बांसुरी की धुन से आकर्षित किया करते थें। साथ ही ऐतिहासिक प्रयागराज जिले के झूसी क्षेत्र में एक परिजात का पेड़ भी शामिल है। जिसके बारे में चीनी यात्री ह्वेनसांग ने अपनी भारत यात्रा के दौरान इसका जिक्र किया था।यही नहीं लखनऊ के दशहरी गांव में स्थित मात्र एक महत्वपूर्ण वृक्ष भी इस योजना का एक हिस्सा है।

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पौराणिक वृक्षों को लेकर योगी सरकार का कड़ा फैसला

इन वृक्षों में प्रयागराज का अक्षयवट भी शामिल हैं। अन्य वृक्षों में वाराणसी शहर में स्टेट बैंक आफ इंडिया के पास स्थित लंगड़ा आम का वृक्ष भी एक लंबा इतिहास समेटे हुए हैं। उसे भी इसमें शामिल किया गया है। गौरतलब है कि पौराणिक और ऐतिहासिक इन पेड़ों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले भी कह चुके हैं कि हमारी सरकार नई पीढ़ी को अपना गौरव मयी इतिहास बताने में पीछे नहीं हटेगी।

रिपोर्ट : श्रीधर अग्निहोत्री

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