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वसूली के लिए योगी सरकार ने बनाया क्लेम ट्रिब्यूनल, जानिए इसके बारे में
भारत के संविधान के अनुच्छेद 213 के खण्ड (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग कर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पूरे प्रदेश में ‘उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी...
लखनऊ। भारत के संविधान के अनुच्छेद 213 के खण्ड (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग कर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पूरे प्रदेश में ‘उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी सम्पत्ति क्षति वसूली अध्यादेश 2020’ को रविवार को लागू कर दिया है।
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इस अध्यादेश के लागू होने के बाद प्रदेश में राजनीतिक जुलूस, प्रदर्शन, हड़ताल व बंद के दौरान सरकारी व निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले को अब क्षतिपूर्ति देनी ही होगी। इसके लिए राज्य सरकार ने क्लेम ट्रिब्यूनल भी बना दिया है।
इसके फैसले को किसी भी अन्य न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकेगी
ट्रिब्यूनल को आरोपी की संपत्ति अटैच करने अधिकार होगा। साथ ही वह अधिकारियों को आरोपी का नाम, पता व फोटोग्राफ प्रचारित-प्रसारित करने का आदेश दे सकेगा कि आम लोग उसकी संपत्ति की खरीदारी न करें। अध्यादेश के मुताबिक ट्रिब्यूनल में सदस्यों की संख्या राज्य सरकार जैसा उचित समझे उतनी होगी।
जहां दो या दो से अधिक सदस्य हों, वहां उनमें एक सदस्य की नियुक्ति अध्यक्ष के रूप में की जाएगी। किसी क्षेत्र के लिए दो या उससे अधिक ट्रिब्यूनल गठित किए जाएं, वहां राज्य सरकार सामान्य या विशेष आदेश द्वारा उनके मध्य कार्य आवंटन का विनियमन कर सकती है।
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ट्रिब्यूनल का अध्यक्ष रिटायर्ड जिला जज और सदस्य सहायक आयुक्त स्तर का अधिकारी होगा। ट्रिब्यूनल नुकसान के आकलन के लिए क्लेम कमिश्नर की तैनाती कर सकेगा। वह क्लेम कमिश्नर की मदद के लिए प्रत्येक जिले में एक-एक सर्वेयर भी नियुक्त कर सकता है, जो नुकसान के आकलन में तकनीकी विशेषज्ञ की भूमिका निभाएगा।
सार्वजनिक संपत्ति व निजी संपत्ति की बेहतर सुरक्षा हो सकेगी
ट्रिब्यूनल को दीवानी न्यायालय का पूरा अधिकार होगा और यह भू-राजस्व की तरह क्लेम वसूली का आदेश दे सकेगा। इस अध्यादेश के कानून बनने से सार्वजनिक संपत्ति व निजी संपत्ति की बेहतर सुरक्षा हो सकेगी।
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जुर्माना लगाने से मुआवजा देने तक का अधिकार अध्यादेश में क्लेम ट्रिब्यूनल को हड़ताल, बंद, दंगा, सार्वजनिक हंगामा, विरोध या इस संबंध में सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान की रोकथाम, संपत्ति के संबंध में कुछ कृत्यों की सजा देने, जुर्माना लगाने, संपत्ति के दावों को लागू करने, न्यायाधिकरण को नुकसान की जांच और वहां से संबंधित मुआवजा देने का अधिकार देने का प्रावधान है।