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एक्शन में योगी सरकार: अब खैर नहीं हमलावारों की, मिलेगी ये सजा

योगी सरकार केन्द्र की तर्ज पर ऐसा कानून लाने जा रही है। जिसमें मेडिकल क्षेत्र से जुडे ऐसे लोगों पर हमला करने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

Vidushi Mishra
Published on: 29 April 2020 8:28 AM GMT
एक्शन में योगी सरकार: अब खैर नहीं हमलावारों की, मिलेगी ये सजा
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एक्शन में योगी सरकार: अब खैर नहीं हमलावारों की, मिलेगी ये सजा

लखनऊ। प्रदेश की योगी सरकार केन्द्र की तर्ज पर ऐसा कानून लाने जा रही है। जिसमें मेडिकल क्षेत्र से जुडे ऐसे लोगों पर हमला करने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर इसे लागू किया जाएगा। इस कानून का नाम होगा उत्तर प्रदेश एपिडमिक डिजीज कंट्रोल ऑर्डिनेंस 2020। इस कानून को लाए जाने के पीछे स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिसकर्मियों के साथ ही साथ हर कोरोना वारियर को सुरक्षा देने की मंशा है।

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7 साल की सजा और 5 लाख का जुर्माना

इन दिनों यूपी में जिस कानून पर चर्चा हो रही है। उसके तहत किसी भी कोरोना वारियर के साथ किसी भी तरह की अभद्रता करने पर 7 साल तक की सजा और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।

कोरोना महामारी को देखते हुए क्वारंटाइन से भागने लॉकडाउन तोड़ने एव इस बीमारी को फैलाने वालों के लिए कठोर सजा का प्रावधान किया जाएगा। इस कानून में ऐसे सभी लोगों को शामिल किया जाएगा जो मेडिकल के क्षेत्र से जुडे हुए हैं।

चिकित्सकों सफाई कर्मियांे पुलिसकर्मियों एवं सभी कोरोना वारियर्स के विरुद्ध आक्रमण करने पर थूकने आइसोलेशन तोड़ने के लिए कठोर सजा दी जाएगी। केंद्र सरकार ने भी अभी हाल में स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए एपेडेमिक एक्ट 1897 में संशोधन करने वाला अध्यादेश जारी किया है।

मेडिकल स्टाफ पर हमला करने वाले लोगों को

इसके पहले केंद्र सरकार ने एपिडेमिक डिजीज एक्ट, 1897 में बदलाव अध्यादेश के जरिए किया है। जिसके बाद यह कानून देश में लागू किया गया है।

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इस कानून के तहत मेडिकल स्टाफ पर हमला करने वाले लोगों को 3 माह से 5 साल तक की सजा हो सकती है. इसके अलावा उनपर 50000 रुपये से 2 लाख रुपये तक जुर्माना भी लगाया जा सकता है। नए कानून के मुताबिक, इस तरह के अपराध को गैर-जमानती माना जाएगा।

अध्यादेश के जरिए महामारी कानून 1897 में बदलाव कर कड़े प्रावधान जोड़े गए हैं। प्रस्तावित कानून का सबसे अहम पहलू ये है कि इसमें डॉक्टरों को कोरोना के खिलाफ लड़ाई के चलते मकान मालिकों द्वारा घर छोड़ने जैसी घटनाओं को भी उत्पीड़न मानते हुए एक तरह की सजा का प्रावधान किया गया है।

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Vidushi Mishra

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