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जानें फिजूलखर्ची और विभागीय बिखराव को रोकने के लिए क्या करने जा रही है योगी सरकार

इस कमेटी ने लोकसभा चुनाव से पहले ही अपनी विस्तृृत रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी थी लेकिन आचार संहिता लागू होने के कारण इसे अमली जामा नहीं पहनाया जा सका था।

Shivakant Shukla
Published on: 28 May 2019 3:15 PM GMT
जानें फिजूलखर्ची और विभागीय बिखराव को रोकने के लिए क्या करने जा रही है योगी सरकार
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लखनऊ: लोकसभा चुनाव में भारी भरकम जीत के बाद अब सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार का ध्यान फिजूलखर्ची रोकने पर गया है और इसकी शुरुआत विभागों को तराश करने का फैसला हुआ है। इसका दूसरा फायदा यह होगा कि जनता की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई हो सकेगी तथा विभागों के अधिकारियों की सीधे जवाबदेही सुनिश्चित होगी।

बड़ी खबर यह है कि लोकसभा चुनाव के बाद अब उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक और मंत्रिमंडल में फेरबदल से पहले योगी सरकार की मंशा है कि काफी समय से लंबित विभागीय पुनर्गठन के प्रस्ताव को लागू कर दिया जाये और फिर नये विभागीय ढांचे के अनुसार ही मंत्रियों के विभाग तय किये जाये और प्रशासनिक फेरबदल किया जाये।

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लोकसभा चुनाव में प्रदेश सरकार के तीन मंत्री डा. रीता जोशी, सत्यदेव पचैरी और एसपी सिंह बघेल चुनाव जीत कर सांसद बन चुके है। ऐसे में तीन मंत्रियों के रिक्त स्थानों पर नये सदस्यों को मंत्री बनाया जायेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मंत्रिमंडल विस्तार का संकेत दे चुके है। बताया जा रहा है कि यह मंत्रिमंडल विस्तार जून माह में होगा।

इसी तरह लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के कारण कृषि उत्पादन आयुक्त, चेयरमैन पिकप, चकबंदी आयुक्त के पदों पर तैनाती नहीं हो सकी है। इसके अलावा आबकारी और बेसिक शिक्षा समेत कई विभागों में अधिकारियों की तैनाती अतिरिक्त प्रभार के तौर पर की गयी है। कृषि उत्पादन आयुक्त प्रभात कुमार पिछले महीने की 30 तारीख को रिटायर हो चुके है।

औद्योगिक विकास आयुक्त और पिकप चेयरमैन के पद का अतिरिक्त प्रभार मुख्य सचिव के पास है। अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार को भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाना है, उनके पास चकबंदी आयुक्त व अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा का भी प्रभार पहुंच गया है। ऐसे में योगी सरकार द्वारा जल्द ही प्रशासनिक फेरबदल भी करना होगा।

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प्रदेश की जनता की सहूलियत और त्वरित व प्रभावी कार्रवाई करने के लिए किये जा रहे इस विभागीय पुनर्गठन के तहत योगी सरकार मौजूदा 95 विभागों की संख्या को कम करके लगभग 55 तक सीमित करने की तैयारी में है। कम हुये विभागों को अन्य बड़े विभागों के साथ संयोजित किया जाना है।

नये विभागीय ढांचे में आयुक्तों की संख्या भी तीन से बढ़ कर छह किया जाना प्रस्तावित है। इसमें मौजूदा समाज कल्याण, कृृषि उत्पादन आयुक्त और औद्योगिक विकास आयुक्त के साथ ही शिक्षा आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त और राजस्व आयुक्त के तीन नये पद सृजित किया जाना प्रस्तावित है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस प्रस्ताव की विस्तृत जांच-परख के लिए अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में तीन जनवरी 2018 को एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की थी। इस कमेटी ने लोकसभा चुनाव से पहले ही अपनी विस्तृृत रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी थी लेकिन आचार संहिता लागू होने के कारण इसे अमली जामा नहीं पहनाया जा सका था।

Shivakant Shukla

Shivakant Shukla

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