मिलिए आज के श्रवण कुमार से, 12 KM पैदल चलकर ऐसे बचाई मां की जान

इस पूरे मामले में चमोली जिले के सीएमओ डा. जीएस राणा का कहना है कि गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम को भेज दिया गया है। जांच करने पर पता चलेगा कि एक साथ इतने लोगों को उल्टी दस्त की शिकायत क्यों हुई।

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Published on: 30 Sep 2020 1:59 PM GMT
मिलिए आज के श्रवण कुमार से, 12 KM पैदल चलकर ऐसे बचाई मां की जान
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लोगों ने बताया कि स्वास्थ्य सुविधा और सड़क के अभाव में ग्रामीण रात को कुछ नहीं कर पाए। सुबह होने पर महिला को डंडी-कंडी के सहारे अस्पताल पहुंचाया गया।

चमोली: आपने किताबों में और टीवी सीरियल्स में श्रवण कुमार के बारें में जरुर पढ़ा, देखा और सुना होगा। जिन्होंने अपने मां-बाप की इच्छा को पूरा करने के लिए कंधे पर बिठाकर चारों धाम के दर्शन कराए थे।

लेकिन आज हम आपको असल जिन्दगी के श्रवण कुमार के बारे में बताने जा रहे हैं। जिन्होंने अपनी मां की जान बचाने के लिए उन्हें एक डोली में बिठाकर 12 किमी तक बिना थके और बिना रुके चलते रहे।

अस्पताल में ले जाकर उन्हें भर्ती कराया। तब जाकर उनकी जान बच पाई। उनकी मां का उपचार अभी भी अस्पताल में जारी है।

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उल्टी दस्त से परिवार में एक की मौत

प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के चमोली जिले में जोशीमठ विकास खंड के अंतर्गत किमाणा गांव में पिछले कुछ दिनों से लोगों को उल्टी-दस्त की शिकायत हो रही है। लोगों ने बताया कि मंगलवार देर शाम को सुनीता देवी, पत्नी विनोद कुंवर और उनकी 12 साल की बेटी सिम्मी को उल्टी-दस्त शुरू हो गया।

दोनों की तबीयत अचानक से बिगड़ने लगी, लेकिन गांव के आस-पास कोई स्वास्थ्य सुविधा नहीं होने और सड़क मार्ग काफी दूर होने के चलते लोग रात को उसे अस्पताल नहीं ले जा पाए।

तबीयत अधिक खराब होने पर सिम्मी ने रात को ही दम तोड़ दिया। जबकि सुनीता देवी को सुबह होने पर उनके बेटे ने डोली के सहारे पैदल चलकर अस्पताल पहुंचाया। महिला को जोशीमठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया है।

Medical डॉक्टर की प्रतीकात्मक फोटो(सोशल मीडिया)

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स्वास्थ्य सुविधा न होने से ग्रामीण परेशान

गांव के लोगों ने बताया कि स्वास्थ्य सुविधा और सड़क के अभाव में ग्रामीण रात को कुछ नहीं कर पाए। सुबह होने पर महिला को डंडी-कंडी के सहारे अस्पताल पहुंचाया गया।

उन्होंने कहा कि आखिर कब तक ग्रामीण इस तरह परेशान होते रहेंगे। स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में कब तक जान गंवाते रहेंगे। सरकार और शासन-प्रशासन को गांव में कम से कम सड़क सुविधा तो देनी चाहिए।

वहीं इस पूरे मामले में चमोली जिले के सीएमओ डा. जीएस राणा का कहना है कि गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम को भेज दिया गया है। जांच करने पर पता चलेगा कि एक साथ इतने लोगों को उल्टी दस्त की शिकायत क्यों हुई।

Chamoli चमोली जिले में बने मकानों की फोटो(सोशल मिडिया)

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