×

कुंभ मेला 2021: सरस्वती पूजन के साथ ही भगवा ध्वज स्थापित

बसंत पंचमी के पावन पर्व पर जूना अखाडे द्वारा दुःखहरण हनुमान मन्दिर जूना अखाड़ा घाट ललतारौ पर सरस्वती पूजन तथा कुम्भ मेला 2021 के निर्विध्न शांति पूर्वक सम्पन्न होने की मंगलकामना के साथ हवन किया गया।

Monika
Published on: 16 Feb 2021 10:13 PM IST
कुंभ मेला 2021: सरस्वती पूजन के साथ ही भगवा ध्वज स्थापित
X
सरस्वती पूजन व कुम्भ के निर्विध्न सम्पन्न की कामना से हवन,भगवा ध्वज स्थापित

हरिद्वार: बसंत पंचमी के पावन पर्व पर जूना अखाड़े द्वारा दुःखहरण हनुमान मन्दिर जूना अखाड़ा घाट ललतारौ पर सरस्वती पूजन तथा कुम्भ मेला 2021 के निर्विध्न शांति पूर्वक सम्पन्न होने की मंगलकामना के साथ हवन किया गया। इस अवसर पर जूना अखाड़े की तेरह मढी के कपूरथला परिवार के संस्थापक ब्रहमलीन महंत शिवदत्त गिरि जी के प्राकट्य दिवस पर साधु-संतो के विशाल भण्डारे का आयोजन भी किया गया।

स्थापित हुआ भगवा ध्वज

भगवा ध्वज की स्थापना

जूना अखाड़ा घाट पर अखाडे के अन्तरराष्ट्रीय संरक्षक महंत हरिगिरि महाराज के संयोजन में कपूरथला परिवार के वर्तमान गादीपति महंत पुरूषोत्तम गिरि, महंत कमलपुरी,सभापति महंत प्रेमा गिरि, सचिव महंत मोहन भारती, महंत महेशपुरी, गादीपति महंत पृथ्वी गिरि, महंत कमल भारती आदि ने भगवा ध्वज की स्थापना की। साथ ही वैदिक विद्वानों के मंत्रोच्चार के मध्य हवन,माॅ सरस्वती जी,माॅ गंगा की विशेष पूजा अर्चना की।

ये भी पढ़ें : तबाही की असली वजह: ग्लेशियर टूटने से नहीं हुआ हादसा, वैज्ञानिकों का खुलासा

स्थापित हुआ भगवा ध्वज

प्राचीन काल से नागा सन्यासियों का धार्मिक संस्कार

अन्तराष्ट्रीय संरक्षक महंत हरिगिरि महाराज ने सचिव महंत मोहन भारती, महंत महेशपुरी तथा थानापति नीलकंठ गिरि आदिके साथ ललतारौ में जूना अखाड़े की छावनी के लिए चल रहे कार्यो का भी निरीक्षण किया तथा कई आवश्यक निर्देश दिए। बताते चले कि यहां पर प्राचीन काल से ही नागा सन्यासियों का सन्यास दीक्षा व अन्य धार्मिक संस्कार होते चले आए है। यहां पर अखाडे के जखीरा,माल असवाब,रथ,पालकी होै,हाथी घोडे,टैक्टर ट्राॅली व अन्य वाहन रखे जाते रहे है। यही से शाही स्नान के लिए पालकियाॅ व बैडे सजक र शाही जुलूस में जाते है। सरस्वती पूजन तथा हवन में महंत हरिगिरि महाराज के साथ साथ महंत इन्दर भारती, महंत विद्यानंद सरस्वती, महंत उमाशंकर भारती, महंत केदारपुरी, महंत साधनानंद ब्रहमचारी, महंत कमल भारती, कारोबारी महादेवानंद गिरि, पुजारी परमानंद गिरि सहित सैंकड़ो नागा सन्यासियों ने भाग लिया।

ये भी पढ़ें : चमोली का खौफनाक सच: नहीं लौटेंगे सुरंग से 146 लोग, क्या दफन करने की है तैयारी

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

Next Story