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Heavy Rainfall in Uttarakhand: भारी बारिश ने मचाई तबाही, बढ़ी पहाड़ो की समस्याएं

Heavy Rainfall in Uttarakhand: पिछले एक हफ्ते से अधिक समय से भारत के उत्तराखंड राज्य में हो रही मूसलाधार बारिश ने पूरे प्रदेश में अफरा तफरी और तबाही मचा दी है। डीजीपी ने कहा है कि 13 जुलाई तक पर्यटक उत्तराखंड ना आएं। आइये जानते है उत्तराखंड के पर्यटक स्थल और वहाँ बारिश के कारण फसे यात्रियों के हाल चाल।

Vertika Sonakia
Published on: 13 July 2023 6:00 AM IST
Heavy Rainfall in Uttarakhand: भारी बारिश ने मचाई तबाही, बढ़ी पहाड़ो की समस्याएं
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Heavy Rainfall in Uttarakhand (Photo: Social Media)

Heavy Rainfall in Uttarakhand: पिछले एक हफ्ते से अधिक समय से भारत के उत्तराखंड राज्य में हो रही मूसलाधार बारिश ने पूरे प्रदेश में अफरा तफरी और तबाही मचा दी है। स्कूल से लेकर ऑफिस तक, ऑफिस से लेकर यातायात तक सब कुछ डगमगा गया है। सभी के हालात बिगड़े हुए है। सभी शहरों में लगातार और अधिक वर्षा होने से जलभराव की समस्या बढ़ गयी है। उत्तराखंड की सभी नदियां अपने पूरे उफान पर है। सभी नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। नालो में पानी के साथ बहकर गन्दगी भी सड़को पर आ गयी है। नदी किनारे खड़े वाहन तक डूब गए है। स्थानीय लोगो के साथ ही वहां घूमने गए यात्री भी अधिक वर्षा के कारण वहां फसे हुए हैं। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन से मुख्य रोड और हाइवे जाम है जिसके चलते सभी वाहनों और लोगों का आना जाना बाधित हो गया है।

डीजीपी ने कहा है कि 13 जुलाई तक पर्यटक उत्तराखंड ना आएं बारिश के कारण सोनप्रयाग और गौरीकुंड में केदारनाथ यात्रा भी रोक दी गई है। भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोगों को बेवजह घर से न निकलने और तीर्थ यात्रियों को मौसम की जानकारी लेकर आने की अपील की है। आइये जानते है उत्तराखंड के पर्यटक स्थल और वहाँ बारिश के कारण फसे यात्रियों के हाल चाल।

भारी बारिश से हुआ नुक्सान

भारी बारिश और बाढ़ से राज्य में 761 करोड़ की संपत्ति को नुक़सान पहुंचा है। चार धाम यात्रा के रास्ते एक पुल भी ढह गया है। बारिश की वजह से बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिर के चारों तरफ़ पानी भर गया है। पहाड़ से पानी नीचे की तरफ तेज रफ्तार से बहता दिख रहा है। पीएम मोदी ने उत्तराखंड के हालातों को लेकर राज्य के सीएम पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात की है। पीएम ने इस कॉल पर सीएम धामी से जान-माल की क्षति,सड़कों की स्थिति सहित चार धाम यात्रा, किसान व फसलों की स्थिति और कांवड़ यात्रा के संचालन के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने भारी बारिश से कई जगहों पर हुए जन-धन की हानि और बाधित सड़कों के साथ ही चार धाम यात्रा और कांवड़ यात्रा के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

पर्यटक स्थलों में भरा पानी यात्री फसे

रुड़की: रुड़की व आसपास के क्षेत्रों में सोमवार की देर रात से हो रही वर्षा की वजह से जलभराव की स्थिति भयावह हो गई है। कई कालोनियां पानी का टापू बन गई हैं। खानपुर छेत्र में खेत बर्बाद हो गए है। सभी खेतो में जलभराव हो गया है।

ऋषिकेश: पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में अतिवृष्टि के चलते ऋषिकेश में गंगा उफान पर है। गंगा चेतावनी निशान 293 मीटर से 15 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। खतरे का निशान 294 मीटर है। प्रशासन अलर्ट मोड पर है। तटवर्ती इलाकों पर निगरानी रखी जा रही है। मूसलाधार वर्षा से जगह-जगह जलभराव हो गया है।

हरिद्वार: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शासन, एसडीआरएफ, पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर काम कर रहे हैं। जगह-जगह जेसीबी मशीनें तैनात की गई हैं ताकि बाधित सड़कों को तुरंत खोला जा सके. उच्च स्तर से लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। इस बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सीएम धामी को केंद्र से पूरे सहयोग के लिए आश्वस्त किया है।
हरिद्वार में लगातार हो रही बारिश से बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। वहीं मध्य हरिद्वार के व्यस्ततम श्री चंद्राचार्य चौक में भारी जलभराव हो गया है। यहां घुटनों तक जलभराव के बीच कांवड़ यात्री जल लेकर अपने गंतव्य को जा रहे हैं। रुड़की में गांव शिवदासपुर की ग्रामीण क्षेत्र की नदियां भी उफान पर हैं।

उत्तरकाशी: उत्तरकाशी में भारी बारिश के चलते यातायात में बदलाव किये गए है। गंगोत्री से उत्तरकाशी जाने वाले वाहन शाम पांच बजे तक ही जा सकेंगे। उत्तरकाशी के एसपी ने सभी यात्रियों से मौसम की पूरी जानकारी लेने के बाद ही यात्रा करने के संकेत दिए है।

गंगोत्री एवं यमनोत्री: भारी वर्षा और भूस्खलन से गंगोत्री और यमनोत्री दोनों हैहवै बन कर दिए गए है। सभी फसे यात्री और श्रद्धालु हाईवे खुलने के इंतज़ार में है।

नैनीताल: कुमाऊँ मंडल के नैनीताल जिले में सबसे अधिक यात्री घूमने जाते है। यहाँ लगातार हो रही वर्षा ने पूरा जान जीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। लोगों का अपने घर के बहार निकलना बेहद मुश्किल हो गया है।



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