×

ऐसा भयानक मंजर: उत्तराखंड तबाही से सदमे में लोग, कीचड़ से निकल रही लाशें

उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से मची महातबाही में अभी भी सैकड़ों लोग लापता हैं। जिले के रैणी में आफत का सामना कर रहे लोगों को चिकित्सा सेवा देने के लिए बहादूरगढ़ के खरहर गांव के रहने वाले समाजसेवी डॉक्टर प्रदीप भारद्वाज उसी स्थल पर पहुंच गए हैं।

Vidushi Mishra
Published on: 9 Feb 2021 8:23 AM GMT
ऐसा भयानक मंजर: उत्तराखंड तबाही से सदमे में लोग, कीचड़ से निकल रही लाशें
X
उत्तराखंड के रैणी में चिकित्सा सेवा देने के लिए पहुंचे डॉक्टर प्रदीप ने बताया कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी की टीमें राहत एवं बचाव में जुटीं हैं।

देहरादून। उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से मची महातबाही में अभी भी सैकड़ों लोग लापता हैं। जिले के रैणी में आफत का सामना कर रहे लोगों को चिकित्सा सेवा देने के लिए बहादूरगढ़ के खरहर गांव के रहने वाले समाजसेवी डॉक्टर प्रदीप भारद्वाज उसी स्थल पर पहुंच गए हैं। डॉक्टर प्रदीप यहां करीब रात के नौ बजे पहुंचे थे। इस तबाही से लोगों को बचाने का कार्य 2 दिन भी जारी है। यहां एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी की टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हुई है।

ये भी पढ़ें...उत्तराखंड त्रासदी: अब तक 26 की मौत, 171 लोग लापता, यहां जानें पूरा अपडेट

केदारनाथ आपदा की याद

रैणी में चिकित्सा सेवा देने के लिए पहुंचे डॉक्टर प्रदीप ने बताया कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी की टीमें राहत एवं बचाव में जुटीं हैं। बड़े-बड़े पत्थरों के टुकड़े, कीचड़ और दिख रहे पानी ने केदारनाथ आपदा की याद ताजा कर दी।

उन्होंने बताया कि मैंने यहां पर 11 ऐसे शव देखें, जो कीचड़ में धंसे थे। ज्यादातर शवों पर कपड़े गायब थे। अनुमान है कि पानी के दबाव में कपड़े बह गए होंगे। यहां पर शवों को पहचानना मुश्किल हो रहा है। मजदूरों के पास कोई आई कार्ड नहीं था।

Uttrakhand फोटो-सोशल मीडिया

ऐसे में अब लोगों की पहचान के लिए शायद डीएनए की जरूरत पड़े। आपदा के कारण कई लोगों के बीमार पड़ जाने के बाद उनकी टीम ऐसे गांवों में कैंप लगाकर मरीजों का इलाज कर रही है। सोमवार से आसपास के गांवों में कैंप लगाए हैं।

ये भी पढ़ें...चमोली त्रासदीः CM त्रिवेंद्र सिंह बोले- अब तक मिले 29 शव, टनल में दूसरे रास्ते से जाने की कोशिश

भयानक मंजर

यहां पर करीब 17 गांवों के लोगों ने ये भयानक मंजर देखा। जिससे वे लोग दहशत में हैं। जबकि उस दृश्य के गवाह बने कुछ लोग भी ट्रॉमा में हैं और उन्हें भी चिकित्सकीय मदद की जरूरत पड़ेगी। डॉक्टर प्रदीप ने मरीजों के बारे में बताया कि एक ऐसी महिला को ग्रामीण उनके पास लेकर आए, जो अब बोल भी नहीं पा रही है।

हादसे के बारे में गांव वाले बताते हैं कि इस घटना को देखने से पहले वह अच्छी तरह बोलती थी। महिला का ब्लड प्रेशर भी बढ़ा हुआ है, जबकि खाना-पीना सामान्य है। ऐसे सभी मरीजों की काउंसिलिंग की जा रही है। इसके अलावा गांव के कई बुजुर्ग लगातार ऐसे स्थानों पर बैठे हैं, जहां से पूरे नदी क्षेत्र पर निगाह रखी जा सके।

ये भी पढ़ें...यूपी के तीन मंत्री जाएंगे उत्तराखंड, चमोली त्रासदी का लेंगे जायजा

Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

Next Story