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पहुंचे ताकतवर कमांडो: चमोली में खोदी जा रही सुरंग, अब बचेंगी दर्जनो जिंदगियां
उत्तराखंड की ऋषिगंगा घाटी में आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या अब मंगलवार को 31 हो गई है। ऐसे में यहां पर एनटीपीसी की क्षतिग्रस्त तपोवन प्रोजेक्ट की सुरंग में फंसे 35 लोगों को निकालने का कार्य तेजी से जारी है।
देहरादून। उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने के बाद ऋषिगंगा घाटी में आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या अब मंगलवार को 31 हो गई है। ऐसे में यहां पर एनटीपीसी की क्षतिग्रस्त तपोवन प्रोजेक्ट की सुरंग में फंसे 35 लोगों को निकालने का कार्य तेजी से जारी है। लोगों को बचाने के लिए सेना, एनडीआरएफ, भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और एसडीआरएफ(SDRF) का संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा। लगातार सुरंग ने बड़ी-बड़ी मशीनों की सहायता से टीम लोगों कोे निकालने में लगी हुई है।
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बाहर से ड्रिलिंग की जा रही
चमोली में तपोवन सुरंग में रविवार यानी जिस दिन हादसा हुआ था, उस दिन से कल दिन भर, पूरी रात और अभी भी लगातार मलबा हटाने का काम लगातार बिना रुके जारी है। ऐसे में बचाव के लिए दूसरा तरीका भी अपनाया जा रहा है।
टीम अब सुरंग के दूसरी तरफ से ड्रिल करके अंदर पहुंचने की कोशिश में लगी हुई है। जिसके चलते सुरंग खोदने में एक्सपर्ट सेना के गढ़वाल स्काउट की टीम तपोवन में मौके पर है। और अब सुरंग के अंदर पहुंचने के लिए बाहर से ड्रिलिंग की जा रही है।
फोटो-सोशल मीडिया
बता दें, तपोवन की सुरंग 180 मीटर की है। जिसमें 130 मीटर अंदर तक टीमें पहुंच चुकी हैं लेकिन यहां पर मलबा भरा हुआ है। हादसे वाले दिन से यानी तीन दिन से रेस्क्यू का काम जारी है। सुरंग में फंसे 35 लोगों को निकालने के लिए मरीन कमांडो का दस्ता भी पहुंचा हुआ है। वहीं ऑन ग्राउंड रेस्क्यू मिशन के लोग कह रहे हैं कि मलबा हटाने में दो दिन और लग सकते हैं।
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कामयाबी का अभी भी बेसब्री से इंतजार
फिलहाल तपोवन सुरंग में रातभर मशीनें चलीं है, और साथ ही बचाव टीम के जवानों के हाथ चले। यहां से मलबा निकालकर बाहर फेंकते-फेंकते रात से सुबह हो गई। ऐसे में अब एक लंबा रास्ता तय हो चुका है लेकिन कामयाबी में अभी भी बेसब्री से इंतजार है।
हालाकिं मंगलवार सुबह तक सुरंग से करीब 120 मीटर मलबा निकाल लिया गया। इस बारे में बचाव टीमों को भरोसा है कि 180 मीटर पर लोग फंसे हो सकते हैं। जिसके चलते 3 जेसीबी मशीनें सुरंग के अंदर लगातार मलबा निकाल रही हैं। साथ ही बचाव टीमों को उम्मीद है कि वो जरूरी दूरी जल्द तय कर लेंगे।
इसके साथ ही राज्य मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार सुबह चमोली के प्रभावित इलाके का दौरा किया और हवाई सर्वेक्षण भी किया। यहां हादसे में घायल लोगों से अस्पताल में मुलाकात की और उनका हालचाल जाना।
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