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उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2020: अब कोरोना जांच रिपोर्ट की जरूरत नहीं, ऐसे होगी एंट्री

72 घंटे पूर्व की  इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर)  से प्रमाणित लैब से कोरोना जांच की नेगेटिव रिपोर्ट अथवा क्वारंटीन अवधि का प्रमाण  के मानक को समाप्त कर दिया गया है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 29 Sept 2020 8:02 PM IST
उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2020: अब कोरोना जांच रिपोर्ट की जरूरत नहीं, ऐसे होगी एंट्री
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उत्तराखंड से बाहर के तीर्थ यात्री 72 घंटे पूर्व की  इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर)  से प्रमाणित लैब से कोरोना जांच की नेगेटिव रिपोर्ट अथवा क्वारंटीन अवधि का प्रमाण  के मानक को समाप्त कर दिया गया है

देहरादून: उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड द्वारा प्रदेश के लोगों के लिए चार धाम यात्रा का 1 जुलाई से आरंभ हुआ, जबकि 25 जुलाई से कुछ प्रावधानों के साथ चार धाम यात्रा सभी के लिए शुरू हुई। चार धाम तीर्थयात्रा हेतु उत्तराखंड से बाहर के तीर्थ यात्री 72 घंटे पूर्व की इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) से प्रमाणित लैब से कोरोना जांच की नेगेटिव रिपोर्ट अथवा क्वारंटीन अवधि का प्रमाण के मानक को समाप्त कर दिया गया है।

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देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट

अब स्वास्थ्य मानकों का पालन कर देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट से देश के अन्य प्रांतों के लोग आसानी से चारधाम यात्रा ई पास बना सकते है। आज शाम तक उत्तराखंड देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड की वेबसाइट www.badrinath-kedarnath.gov. in से 1697 लोगों ने चार धामों हेतु ई -पास बुक कराये हैं जिसमें श्री बदरीनाथ धाम के लिए 470 श्री केदारनाथ धाम के लिए 1020 श्री गंगोत्री धाम हेतु 106 श्री यमुनोत्री धाम हेतु 101 लोगों ने ई पास बुक कराये है।

कोरोना निगेटिव जांच

चार धाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने यह जानकारी दी है कि देवस्थानम बोर्ड द्वारा श्री यमुनोत्री धाम एवं गंगोत्री धाम में न्यासियों/ हकूकधारियों के सहयोग हेतु देवस्थानम बोर्ड के अधिकारियों/कर्मचारियों की तैनाती की है। उन्होंने कहा कि देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड अधिनियम के तहत हक हकूकधारियों के सभी हित सुरक्षित हैं।

कहा कि देवस्थानम द्वारा अब प्रदेश से बाहर लोगों को कोरोना निगेटिव जांच रिपोर्ट एवं क्वारंटीन की शर्तों को हटा दिया गया है।अब सभी को स्वास्थ्य मानकों का पालनकर चार धाम यात्रा की अनुमति है। चार धामों में तीर्थयात्रियों को मंदिरों में दर्शन हो रहे है जिसमें किसी तरह का कोई अवरोध नहीं है।

chardham फाइल फोटो

चारधाम यात्रा के अच्छे परिणाम

कोरोना महामारी से बचाव एवं रोकथाम हेतु थर्मल स्क्रीनिंग, सेनेटाइजेशन के पश्चात ही मंदिरों में तीर्थ यात्रियों को प्रवेश दिया जा रहा है। मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है सोशल डिसटेंसिंग का ध्यान रखा जा रहा है। यात्रा मार्ग पर देवस्थानम बोर्ड के यात्री विश्राम गृहों को तीर्थ यात्रियों की सुविधा हेतु खोला जा चुका है। तीर्थयात्रियों से अपेक्षा की जा रही है कि अति आवश्यक होने पर ही धामों में रूके।

प्रदेश सरकार का प्रयास है कि चारों धामों में धीरे-धीरे तीर्थ यात्रियों की आमद हो ताकि पर्यटन एवं तीर्थाटन को गति मिल सके। अब उत्तराखंड से बाहर के लोग भी बिना कोरोना निगेटिव रिपोर्ट के चारधाम यात्रा हेतु ई पास बनाकर एवं स्वास्थ्य संबंधी मानक पूरे कर यात्रा कर सकते हैं। केवल कोरोना के लक्षणवाले लोगों के पाज़िटिव रिपोर्ट आने पर चारधाम यात्रा की अनुमति नहीं होगी ।

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chardham1 file फाइल फोटो

अब तक 64552 ई -पास जारी

अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि देवस्थानम बोर्ड द्वारा 1 जुलाई से 29 सितंबर शाम तक 64552 ई -पास जारी किये जा चुके हैं। ई पास तीर्थ यात्रियों को उनके द्वारा सुझाई गयी तिथियों हेतु जारी किये गये है। ई पास लेकर तीर्थयात्री दर्शन को पहुंच रहे हैं। अभी चारों धामों में दर्शन हेतु आनेवाले तीर्थयात्रियों की संख्या बद्रीनाथ हेतु 1200, केदारनाथ हेतु 800, गंगोत्री हेतु 600 तथा यमुनोत्री हेतु 450 पूर्ववत सीमित रखी गयी है।

देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि अभी तक 40 हजार से अधिक तीर्थ यात्री चार धाम दर्शन हेतु पहुंच गये है। यात्रा सतत रूप से चल रही है। पोर्टल प्रभारी संजय चमोली के अनुसार ई- पास के लिए श्रद्धालुओं द्वारा लगातार संपर्क किया जा रहा है तथा यात्रियों जी को उचित मार्गदर्शन किया जा रहा है।

रिपोर्टर मयंक पांडे



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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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