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गर्भवती-नवजात की बल्ले बल्ले, उत्तराखंड में शुरू होने जा रही सौभाग्यवती योजना
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि स्वस्थ समाज के लिये गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं की बेहतर देखभाल समय की जरूरत है।
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत प्रदेश में गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं को साफ-सफाई आदि से सम्बन्धित सामग्री किटों की वितरण योजना सौभाग्यवती का जल्द ही आगाज करने वाले हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं को उचित देखभाल के साथ ही उन्हें उचित पुष्टाहार दिये जाने की व्यवस्था की गई है। अब उन्हें पौष्टिक आहार के साथ ही सफाई के प्रति प्रेरित करने की आवश्यकता है।
उत्तराखंड में शुरू होगी सौभाग्यवती योजना
इसी के मद्देनजर गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं को दैनिक उपयोग की सामग्री आदि अलग-अलग किटों में तैयार कर प्रदान किये जाने की व्यवस्था की जा रही है। इससे उनके स्वास्थ्य एवं रहन सहन में निश्चित रूप से बदलाव आयेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वस्थ समाज के लिये गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं की बेहतर देखभाल समय की जरूरत है।
मुख्यमंत्री करेंगे योजना का उदघाटन
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओं को सौभाग्यवती योजना के तहत दिये जाने वाली किट में 250 बादाम गिरी-सुखी खुमानी और अखरोट, 500 ग्राम छुआरा, 02 कॉटन गाउन/साड़ी/सूट, 01 शॉल गर्म फुल साईज, 01 स्कॉर्फ कॉटन/गर्म, 02 जोड़े जुराब स्टैण्डर्ड साईज, 01 तौलिया बड़े साइज का, 02 पैकेट सैनिटरी नैपकिन (08 प्रति पैकेट), 02 जोड़े बेड शीट (तकिये के कवर सहित), 01 नेल कटर, 01 नारियल/तिल/सरसों/चुलू का तेल, 200 एम.एल हैण्डवाश लिक्विड, 02 कपड़े धोने का साबुन 02 नहाने का साबुन शामिल रहेगा।
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गर्भवती और नवजात की बल्ले बल्ले
शिशुओं के लिये को दी जाने वाली किट में 02 जोड़े शिशु के कपड़े (सूती या गर्म-मौसम के अनुसार) टोपी और जुराब सहित, 01 पैकेट (10 पीस) कॉटन डाइपर, 01 बेबी तौलिया कॉटन सॉफ्ट, 03 बेबी साबुन, 01 तेल, 01 पाउडर, 02 बेबी ब्लैंककेट गर्म अथवा कॉटन (मौसम अनुसार), 01 रबर शीट, 01 समस्त सामग्री पैक करने हेतु सूती बैग शामिल रहेगा।
प्रदेश में शुरू की जाने वाली सौभाग्यवती योजना में आयकर देने वाले तथा सरकारी सेवकों के आश्रित शामिल नहीं रहेंगे। किट में स्थानीय पहनावों एवं मौसम के अनुकूल वस्त्र तैयार कर दिये जाने की भी व्यवस्था रहेगी। औद्योगिक मोर्चे पर पिछड़ गए राज्य में अब जनकल्याणकारी योजनाओं के जरिये अगले चुनाव में फिर से फतह पाने की सरकारी कोशिश कितना रंग लाएगी ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा।
रिपोर्टर - मयंक पांडेय, उत्तराखंड
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