TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

आर्मेनिया- अजरबैजान में डेढ़ महीने तक चला युद्ध, मौत के आंकड़े जानकर कांप जाएंगे

अजरबैजान ने युद्ध विराम के बाद दावा करते हुए कहा है कि इस जंग में उसके 2783 सैनिक मारे गए हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की वजह से आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच युद्ध विराम युद्ध था।

Newstrack
Published on: 3 Dec 2020 5:39 PM IST
आर्मेनिया- अजरबैजान में डेढ़ महीने तक चला युद्ध, मौत के आंकड़े जानकर कांप जाएंगे
X
हत्या करने वाले युवक की पहचान 32 वर्षीय जैसन नाइटेंगल के तौर पर हुई है। महिला को गोली मारने के बाद नाइटेंगल ने बंदूक के दम पर एक शख्स से उसकी कार छीन ली।

नई दिल्ली: नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र को लेकर पिछले डेढ़ महीने से युद्ध में उलझे आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच आज भले ही युद्ध विराम हो गया हो लेकिन तबाही से मिलने वाले दर्द को लोग अभी तक नहीं भूला पाए हैं। दोनों देश के लोग आज भी उस काले दिन को याद करते हुए रो पड़ते हैं।

जब उन्होंने इस युद्ध में अपनी आंखों के सामने अपने परिजनों की लाशें गिरते हुए देखी थी। हर तरह लाशों के ढेर लगे थे। केवल रोने -गाने की आवाजें ही आ रही थी।

उस भयावह मंजर को याद कर आज भी दोनों देशों के लोग कांप उठते हैं। तबाही के निशान अब भी जगह-जगह देखें जा सकते हैं।

Armenia-Azerbaijan War आर्मेनिया- अजरबैजान में डेढ़ महीने तक चला युद्ध, मौत के आंकड़े जानकर कांप जाएंगे (फोटो : सोशल मीडिया)

होगी 90 हजार मौतें: दुनिया में मचेगी महातबाही, खतरे में करोड़ों लोग

जंग में 2783 सैनिकों की हुई थी मौत

युद्ध विराम के बाद अजरबैजान ने दावा करते हुए कहा है कि इस जंग में उसके 2783 सैनिक मारे गए हैं। गौरतलब है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की वजह से आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच युद्ध विराम युद्ध था।

पुतिन ने ही दोनों देशों के बीच मध्यस्थता की थी। जिसके बाद से दोनों देश युद्ध विराम के लिए तैयार हुए था। इस वक्त राष्ट्रपति पुतिन की तरफ से एक बयान भी जारी किया गया था।

जिसमें ये कहा गया था कि रूस की सेनाएं इस युद्ध विराम समझौते की मानिटरिंग करेंगी। इस काम के लिए नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र में रूसी शांति सैनिकों को तैनात किया जा रहा है।

blast ब्लास्ट (सांकेतिक फोटो: सोशल मीडिया)

खतरे में मुस्लिम देश: तैनात हुए ताकतवर युद्धपोत, युद्ध को तैयार इजरायल

नागरनो-काराबख इलाके पर कब्जे को लेकर हुआ था युद्ध

आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच 27 सितंबर से भीषण युद्ध शुरू हुआ था। ये युद्ध 4400 वर्गकिलोमीटर के नागरनो-काराबख इलाके पर कब्जे को लेकर हुआ था। दोनों देशों के सैकड़ों सैनिक मारे गए थे।

टैंक, ड्रोन और हेलिकॉप्टर्स को भी नुकसान पहुंचा था। दोनों देशों ने एक दूसरे पर टैंकों, तोप और फाइटर जेट से हमला किया था। इस युद्ध के दौरान खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल किया गया था।

बिडेन हुए चीन विरोधी! उठाया ये बड़ा कदम, जिनपिंग सरकार को लगा झटका

न्यूजट्रैक के नए ऐप से खुद को रक्खें लेटेस्ट खबरों से अपडेटेड । हमारा ऐप एंड्राइड प्लेस्टोर से डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें – Newstrack App



\
Newstrack

Newstrack

Next Story