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जानिए क्या है इमरान खान और 71 वाले जनरल नियाजी का रिश्ता

पाकिस्तान के पीएम इमरान खान अपनों के निशाने पर हैं। अंदरूनी मुल्क में उनके विरोधी बयानबाजी कर रहे हैं। उनके मुताबिक लेफ्टिनेंट जनरल ए.ए.के नियाजी से उनका करीबी रिश्ता है और वो भी नियाजी की तरह कायर डरपोक हैं..इसके बाद हमने सोचा क्यों न दोनों की रिश्तेदारी की परते उधेड़ दे। माने अगर कोई हो तो। पहले तो आप नोट कीजिए इमरान का पूरा नाम है इमरान अहमद खान नियाजी। 

Rishi
Published on: 7 March 2019 4:21 PM IST
जानिए क्या है इमरान खान और 71 वाले जनरल नियाजी का रिश्ता
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इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पीएम इमरान खान अपनों के निशाने पर हैं। अंदरूनी मुल्क में उनके विरोधी बयानबाजी कर रहे हैं। उनके मुताबिक लेफ्टिनेंट जनरल ए.ए.के नियाजी से उनका करीबी रिश्ता है और वो भी नियाजी की तरह कायर डरपोक हैं..इसके बाद हमने सोचा क्यों न दोनों की रिश्तेदारी की परते उधेड़ दे। माने अगर कोई हो तो। पहले तो आप नोट कीजिए इमरान का पूरा नाम है इमरान अहमद खान नियाजी।

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आपको बता दें, इमरान कभी भी अपना पूरा नाम सुनना या लिखा देखना पसंद नहीं करते हैं। इसके लिए वाकायदा उनके पीएम बनने के बाद पाकिस्तान के कैबिनेट सेक्रेटेरिएट ने निर्देश भी जारी किए हैं। आजकल ये लेटर पाकिस्तान में खूब वायरल हो रहा है। इससे ही लोग कयास लगा रहे हैं कि इमरान का नियाजी से करीबी रिश्ता है तभी वो नहीं चाहते कि किसी को पता चले।

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अब जानते हैं हकीकत

इमरान की मां पश्तूनों के बुर्की कबीले से थीं। वहीं उनके पिता पश्तूनों के 'नियाजी कबीले' से थे। पाकिस्तान में एक थे लेफ्टिनेंट जनरल ए.ए.के नियाजी, इन वाले को टाइगर नियाजी कहा जाता था। 1971 में भारत के खिलाफ मिली हार और जनरल नियाजी ने सरेंडर कर अपनी जान बचा ली। यहीं से उनका खाना खराब हो गया। कबीले को लगने लगा कि जनरल ने उसका नाम डुबो दिया है। इसके बाद से इस काबिले के कई युवाओं ने अपने नाम के आगे से नियाजी हटा लिया और उन्हें पसंद नहीं की कोई उन्हें इस नाम के साथ पुकारे। इमरान उनमें से एक है।



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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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