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Afghan-Taliban News: अमेरिकी राष्ट्रपति ने अफगान नेतृत्व पर फोड़ा ठीकरा, फ्रांस ने कहा- वहां के नागिरकों को अकेला नहीं छोड़ेंगे
Afghan-Taliban News: अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है।
Afghan-Taliban News: अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान (Taliban) ने कब्जा कर लिया है। मिली जानकारी के अनुसार तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद से ही पूरे देश के हालात काफी नाजुक बने हुए हैं। अफगान के देशवासी किसी सुरक्षित जगह पर शरण लेने के लिए एयरपोर्ट पर भारी संख्या में पहुंच रहे हैं। लोग अपनी जान बचाने के लिए हवाई जहाज के उपर तक चढ़ जा रहे हैं।
इस बीच सोमवार देर रात को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को लेकर अमेरिकी सेना के पुल आउट के मुद्दे पर संबोधित किया। और अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे का जिम्मदार अफगानिस्तान को बताया है। जो बाइडेन ने कहा कि अपने लोगों की भलाई के लिए साथ आने में अफगानी नेता नाकाम रहे।
वहीं सोमवार को ही फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने वादा किया कि फ्रांस उन अफगान नागरिकों को तालिबान के बीच अकेला नहीं छोड़ेगा,जिन्होंने उसके लिए काम किया है। इन लोगों में अनुवादक, रसाई कर्मचारी,कलाकार, कार्यकर्ता और अन्य लोग शामिल हैं। फ्रांस ने कहा उन लोगों की रक्षा करना अत्यंत जरूरी है। जिन्होंने सालों तक फ्रांस की सहायता की है।
अमेरिका ने सारा ठीकरा अफगानी नेतृत्व पर फोड़ा
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार देर रात को अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे और अमेरीकी सेना के पुल आउट के मुद्दे पर देश को संबोधित किया। अमेरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सारा ठीकरा अफगानी नेतृत्व पर थोप दिया। उन्होंने कहा कि अपने लोगों की भलाई के लिए साथ आने में अफगानी नेता नाकाम रहे। जब सबसे ज्यादा जरुरी था। तब वे अपने भविष्य के लिए नहीं खड़े हुए। जो बाइडेन ने आगे कहा कि मुझे अपने फैसले पर जरा खेद नहीं है। उन्होंने कहा मैंने अफगानिस्तान में अमेरिका की लड़ाई को खत्म किया है।
बाइडेन ने कहा अफगानिस्तान के हालातों को देखते हुए सेना वापस बुलाई है
जो बाइडेन ने आगे कहा कि हमने किन हालातों में अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को वापस बुलाई है ये सभी लोग जानते हैं। हमारी सेना लगातार लड़ने का जोखिम नहीं उठा सकती है। उन्होंने कहा कि 20 सालों के बाद कठिन तरीके से सीखा है कि अमेरिकी सेना (अफगानिस्तान से) को लेना के सबसे बेहतर समय कभी नहीं था। बाइडेन ने कहा हमें जोखिम के बारे में पता है, और यह हमारी अपेक्षा से कई अधिक तेजी से सामने आया है।
बाइडेन ने कहा मुझे आलोचना मंजूर है
बाइडेन ने आगे कहा कि मुझे पता है कि मेरे फैसले की आलोचन होगी। लेकिन ये आलोचना मुझे मंजूर है। मैं इस मामले को अगले किसी राष्ट्रपति के लिए नहीं छोड़ सकता हूं। अफगानिस्तान से बाहर निकलने का सही समय कभी नहीं आता। उन्होंने कहा कि चार राष्ट्रपतियों का कार्यकाल चलता रहा और मैं पांचवे के लिए ये छोड़कर नहीं जा सकता था। बाइडेन ने कहा हम अनंत समय में किसी दूसरे देश के नागरिक संघर्ष में नहीं झोंके रह सकते हैं। हमें यह फैसला लेना ही था।
बाइडेन ने राष्ट्र के नाम संबोधन में पुल आउट डील का ठीकरा अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर थोप दिया। जो बाइडेन ने कहा कि अगर अफगान सेना लड़ने को तैयार नहीं है तो अमेरिकियों को वहां अपनी जान गंवाने की कोई जरूरत नहीं है। और अगर जरूरी हुआ तो आंतकवाद के खिलाफ अफगानिस्तान पर कड़ी कार्रवाई भी करेंगे।
फ्रांस के राष्ट्रपति इंमैनुअल मैक्रों ने अफगान नागरिकों से वादा किया
वहीं फ्रांस के राष्ट्रपति इंमैनुअल मैक्रों ने सोमवार को अफगान नागरिकों से वादा किया कि उन्हें तालिबान के बीच अकेला नहीं छोड़ेगा। फ्रांस के राष्ट्रपति इंमैनुअल मैक्रों ने कहा कि जिन अफगान नागरिकों ने हमारे लिए काम किया है। उन लोगों को हम तालिबान में अकेले नहीं छोड़ेगें। इन लोगों में अनुवादक, रसोई कर्मचारी, कलाकार, कार्यकर्ता और अन्य क्षेत्रों के लोग शामिल हैं। मैक्रों ने कहा कि उन लोगों की रक्षा करना जरूरी है।
मैंक्रों ने कहा कि दो सैन्य विमान अगले कुछ घंटों में विशेष बलों के साथ काबुल पहुंचेंगे। वहीं मैक्रों के पहले से रिकॉर्ड भाषण के मुताबित अभी यह पता नहीं है कि कितने लोगों को अफगानिस्तान से निकाला जाएगा। फ्रांस पहले ही करीब 1400 अफगान कर्मचारियों और उनके परिवारों को बाहर निकाल चुका है।
आपको बता दें कि फ्रांस ने साल 2014 में अपने सैनिकों को अफगानिस्तान से बाहर निकाल दिया था। लेकिन फ्रांस अभी भी अफगानिस्तान में अपने नागरिक समाज संस्थाओं के साथ अब भी काम कर रहा था।
अफगानिस्तान के राजदूत ने कहा कि अब अरोप प्रत्यारोप का समय नहीं रह गया
वहीं संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के राजदूत ने कहा कि अब अरोप प्रत्यारोप का समय नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) और वैश्विक संस्था (संयुक्त राष्ट्र) के महासचिव से अनुरोध किया कि वे युद्ध से जर्जर देश में हिंसा और मानवाधिकारों का हनन राकने के लिए अपने पास उपलब्ध ताकतों का तत्काल इस्तेमाल करें।