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Afghanistan: अफगान में तालिबान शाासन के 100 दिन पूरे, फिर भी नहीं मिली मान्यता
अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के 100 दिन पूरे हो गए हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मान्यता नहीं मिल पाई है। वहीं, अफगान सरकार की उम्मीदों के विपरीत इन बैठकों में इस्लामी सरकार को मान्यता देने के मुद्दे पर विचार नहीं किया गया।
Afghanistan: अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) के शासन के 100 दिन पूरे हो गए हैं। इस दौरान उसने यह सबक भी सीख लिया है कि किसी शासन को हटाकर देश पर कब्जा करना आसान है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मान्यता पाना नहीं।
अफगानिस्तान की नई सरकार (Afghanistan New Government) का मुखिया मावलाई हबीबुल्ला अखंदजादा (Chief Maavalai Habibullah Akhandzada) है। टोलो न्यूज के मुताबिक, इस दौरान आमिर खान मुत्तकी (Aamir Khan Muttaki) के नेतृत्व में अफगान सरकार (Afghan Government) ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता पाने के कूटनीतिक प्रयास कई बार किए, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। इस्लामी मुल्क के अधिकारी क्षेत्र के कई देशों में गए।
जवाब में करीब छह देशों के प्रतिनिधियों ने अफगानिस्तान (Afghanistan) की यात्रा कर उसके अधिकारियों से वार्ता की। इधर, ईरान, पाकिस्तान, भारत, रूस और चीन ने अफगानिस्तान के भविष्य पर बैठकों का आयोजन किया। जी-20 (G-20) के नेताओं और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) ने अलग सत्र में अफगानिस्तान मुद्दे (Afghanistan Issue) पर विचार किया।
अफगान सरकार (Afghan Government) की उम्मीदों के विपरीत इन बैठकों में इस्लामी सरकार को मान्यता देने के मुद्दे पर विचार नहीं किया गया। इसके बजाय इन बैठकों का मुद्दा समावेशी सरकार, मानवाधिकार, विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता, शिक्षा के अधिकार, अफगान महिलाओं को रोजगार और लड़कियों को शिक्षा का अधिकार दिलाना रहा।
साथ ही कहा गया कि अफगानिस्तान (Afghanistan) की धरती का इस्तेमाल आतंक के लिए न हो। इस दौरान इस्लामी सरकार की विदेश नीति और कूटनीतिक रिश्ते केवल कुछ पड़ोसी और क्षेत्रीय मुल्कों तक सीमित रहे। विदेश मंत्रालय के पूर्व सलाहकार फखरुद्दीन क्वारीजादा (Former Adviser to the Ministry of External Affairs Fakhruddin Quarizada) ने कहा कि दुनिया को इंतजार है कि तालिबान (Taliban) अपने पुराने वायदों पर खरा उतरता है या नहीं।
11 देशों ने खोले दूतावास
फिलहाल सूचना आई है कि 11 देशों ईरान, पाकिस्तान, चीन, रूस, तुर्की, कतर, उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, कजाखिस्तान, किर्गिस्तान, इटली और संयुक्त अरब अमीरात ने अफगानिस्तान में अपने दूतावास खोले हैं।
अफगान संकट के समावेशी हल की जरूरत : शृंगला
भारत (India) ने एक बार फिर दोहराया है कि अफगान संकट (Afghani Crisis) का बातचीत के जरिए समावेशी राजनीतिक हल निकालने की जरूरत है। साथ ही कहा है कि अफगानिस्तान (Afghanistan) की जमीन का इस्तेमाल किसी भी दूसरे देश को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला (Foreign Secretary Harsh Vardhan Shringla) ने कहा, भारत अफगान मुद्दे पर चिंतित सभी देशों के संपर्क में है। हालांकि, यह भी देखना होगा कि इस मुश्किल परिस्थिति में किस तरह बेहतर ढंग से आगे बढ़ा जा सकता है। उद्योग परिसंघ के सत्र में शृंगला बोले, भारत अपने क्षेत्र में नई सामरिक हकीकत को लेकर कमजोर स्थिति में नहीं हैं।