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Afghanistan Crisis: पंजशीर में नॉर्दर्न एलायंस और तालिबान में जंग तेज, PAK को सता रहा ये डर
अफगानिस्तान के पंजशीर में तालिबान और नॉर्दर्न एलायंस (Northern Alliance) के बीच की जंग अभी भी जारी है। दोनों पक्षों के बीच जो बातचीत हो रही थी वो भी फेल हो गई है।
Afghanistan: तालिबान (Taliban) पूरे अफगानिस्तान (Afghanistan) पर अपने कब्जे का दावा कर रहा है, लेकिन एक जगह ऐसी है जहां अभी तक तालिबान अपना पांव नहीं जमा पाया है। वो है पंजशीर (Panjshir)। अफगानिस्तान के पंजशीर में तालिबान और नॉर्दर्न एलायंस (Northern Alliance) के बीच की जंग अभी भी जारी है। दोनों पक्षों के बीच जो बातचीत हो रही थी वो भी फेल हो गई है। इस बीच तालिबान ने दावा किया है कि उसने घाटी को पूरी तरह से घेर लिया है। ऐसे में कहा जा रहा है कि तालिबान और नॉर्दर्न एलायंस के बीच आने वाले दिनों में तीखी झड़प देखने को मिल सकती है।
लगातार घुसपैठ की ताक में है तालिबान
आपको बता दें कि शेर ए पंजशीर (Sher-e-Panjshir) अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद की अगुवाई में नॉर्दर्न एलायंस लगातार तालिबान (Taliban) के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। वहीं तालिबान ने पंजशीर के एंट्रेंस पर हमला करना तेज कर दिया है। यही नहीं, वह लगातार घुसपैठ की ताक में बैठा है। उधर खुद को अफगानिस्तान के कार्यकारी राष्ट्रपति घोषित कर चुके अमरुल्ला सालेह ने ट्वीट कर कहा है कि पंजशीर हर अफगान नागरिक के हक के लिए लड़ाई लड़ रहा है। पंजशीर आखिरी दम तक अफगान के लोगों के लिए लड़ता रहेगा।
पाकिस्तान को गृह युद्ध की चिंता
वहीं पाकिस्तान (Pakistan) के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mehmood Qureshi) ने अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि विदेशी सेना ने जिस तरह अचानक अफगानिस्तान से वापसी की है, वह सही नहीं थी। इस तरह की स्थिति अफगानिस्तान में गृहयुद्ध की स्थिति पैदा कर सकती है, ऐसे में अगर तालिबान के साथ सही तरीके से संपर्क नहीं साधा गया था।
आगे पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में जंग खत्म करने को लेकर जिस तरह की आशंकाएं जताई थीं, उनको पूरी तरह से इग्नोर किया गया। उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते हैं कि अफगानिस्तान में किसी तरह के आतंकी संगठन के पैर मजबूत हो। साथ ही उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों को लगातार तालिबान के साथ संबंध स्थापित करना होगा, ताकि वहां पर स्थिति पर नजर रखी जा सके और अफगानिस्तान में हालात गृह युद्ध जैसे ना हो जाएं।