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Afghanistan Government : अमेरिकी जेल में बरसों रह चुके हैं कई कैदी, अब बने तालिबान सरकार के मंत्री

अफगानिस्तान के अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया गया है मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को। मुल्ला हसन अखुंद का नाम संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आंतकियों की सूची में है। इन पर आतंकी हमले करने के आरोप हैं।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Vidushi Mishra
Published on: 8 Sept 2021 3:20 PM IST
Afghanistans interim government
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तालिबान सरकार के मंत्री

काबुल : अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार ने एक मामले में विश्व रिकार्ड बना दिया है। रिकार्ड इस इस बात का कि इस सरकार में शामिल मंत्रियों में से कई घोषित आतंकी हैं और 9/11 के हमले के सिलसिले में गुआंतानामो की कुख्यात जेल में कई साल बंद रह चुके हैं। इन लोगों के नाम अब भी संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका की प्रतिबन्ध सूची में शामिल हैं। दुनिया में किसी अन्य देश की सरकार में शायद ही कभी ऐसा हुआ होगा। तालिबान के लिए भले ही ये नाज़ करने वाली बात हो लेकिन बाकी दुनिया के लिए यह बेहद अफसोसजनक बात है।

मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद

अफगानिस्तान के अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया गया है मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को। मुल्ला हसन अखुंद का नाम संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आंतकियों की सूची में है। इन पर आतंकी हमले करने के आरोप हैं।

सिराजुद्दीन हक्कानी और खलील हक्कानी

गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी पर तो 1 करोड़ डालर से अधिक का इनाम घोषित है। जबकि हक्कानी नेटवर्क के एक अन्य मंत्री खलील हक्कानी पर 50 लाख डालर का इनाम घोषित है। हक्कानी नेटवर्क को अमेरिका ने आतंकी संगठन घोषित किया है। आतंकी संगठन अलकायदा से संबंध और कई आत्मघाती हमलों के पीछे हाथ होने के कारण सिराजुद्दीन एफबीआई की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल है। संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति का कहना है कि हक्कानी नेटवर्क ड्रग्स के उत्पादन और व्यापार में शामिल है।

अब्दुल गनी बरादर

मुल्ला उमर के करीबी माने जाने वाले अब्दुल गनी बरादर को कार्यवाहक उप प्रधानमंत्री बनाया गया है। संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति का कहना है कि बरादर अफगानिस्तान में काम करने वाली अमेरिकी और उसकी सहयोगी सेनाओं पर हमले का जिम्मेदार है। 2010 में बरादर को पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया था। उनकी रिहाई 2018 में हुई थी।

अब्दुल गनी बरादर (फोटो- सोशल मीडिया)

मुल्ला अब्दस सलाम

तालिबान ने मुल्ला अब्दस सलाम हनाफी को कार्यवाहक प्रधानमंत्री (द्वितीय) नियुक्त किया है। ड्रग्स की तस्करी के कारण संयुक्त राष्ट्र ने उन्हें प्रतिबंधित सूची में शामिल किया हुआ है।

खैरुल्लाह खैरख्वाह

अंतरिम सरकार में खैरुल्लाह को सूचना व सांस्कृतिक मंत्री बनाया गया है। वह तालिबान के संस्थापकों में शामिल है। 9/11 हमले के बाद अमेरिकी कार्रवाई में खैरख्वाह को पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया था और गुआंतानामो खाड़ी की जेल में रखा गया था।

तालिबान (फोटो- सोशल मीडिया)

2010 में हामिद करज़ई ने उसकी रिहाई के लिए काफी कोशिश की लेकिन अमेरिका ने इससे मना कर दिया था। बाद में तालिबान के कब्जे से कुछ अमेरिकी नागरिकों की रिहाई के बदले खैरुल्लाह को रिहा कर दिया गया था।

अब्दुल हक़ वसीक

अंतरिम सरकार में इंटेलिजेंस विभाग में मंत्री अब्दुल हक़ वसीक का नाम 9/11 के हमले से जुड़ा हुआ है। उसने 2002 में अमेरिका सेना के सामने सरेंडर किया था जिसके बाद उसे गुआंतानामो जेल में रखा गया। 2014 में बंदियों की अदलाबदली के समझौते के तहत वसीक को जेल से रिहा किया गया था।

नूरुल्लाह नूरी

अफगानिस्तान के सीमा मामलों के मंत्री नूरुल्लाह नूरी भी 9/11 हमले के सिलसिले में गुआंतानामो जेल में कई साल बंद रह चुके हैं। नूरी को अमेरिका की स्पेशल फोर्स ने पाकिस्तान में गिरफ्तार किया था। 2014 में बंदियों की अदलाबदली के दौरान नूरी कि रिहाई हुई थी।



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Vidushi Mishra

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