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अफगानिस्तान पर कब्जा: अफगान सरकार ने तालिबान को सौंपी सत्ता, राष्ट्रपति अशरफ गनी ने छोड़ा देश
Afghanistan Par Kabza : तालिबानियों ने अफगानिस्तान के सभी प्रमुख शहरों पर कब्जा कर लिया है। वहीं केवल काबुल एयरपोर्ट से ही बाहर जाने का रास्ता है लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक तालिबानी काबुल में भी घुस गए हैं।
Afghanistan Par Kabza : अफगानिस्तान के लिए संकट का समय है। तालिबान लड़ाको ने अफगानिस्तान के सभी प्रमुख शहरों पर कब्जा कर लिया है। मात्र अफगानिस्तान की राजधानी काबुल ही बचा हुआ था, लेकिन वहां भी तालिबान ने कब्जा कर लिया है। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया है और देश छोड़ दिया है। अफगानिस्तान की सत्ता तालिबान के हाथ में आ गई है।
अफगानिस्तान की सभी सीमाओं को तालिबानियों ने चारों तरफ से घेर लिया है। सिर्फ काबुल एयरपोर्ट ही एकमात्र देश से निकलने का रास्ता है। अगर तालिबानियों ने इसपर भी कब्जा कर लिया तो अफगानिस्तान पूरी तरीके से तालिबान के कब्जे में आ जाएगा।
तालिबानी लड़ाकों ने काबुल के सरकारी कार्यालयों पर किया कब्जा
दरअसल, तालिबान का अफगानिस्तान पर कब्जा लगभग पूरी तरीके से हो गया है। काबुल से पहले तालिबानी लड़ाके जलालाबाद में घुसे और अपने कब्जे में ले लिया। बिना जंग के ही यहां के गवर्नर ने आत्म समर्पण कर दिया था। जिसके बाद अब तालिबानी काबुल में घुस गए है। अधिकारियों का दावा है कि दो घंटे में काबुल भी कब्जे में होगा।
लोगों को घर से न निकलने का फरमान जारी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, काबुल में अब तक कोई हिंसा नहीं हुई, बिना किसी हमले और लड़ाई के तालिबानी आतंकी काबुल शहर के अंदर प्रवेश कर गए। इस बीच तालिबानियों ने फरमान जारी किया है कि सभी लोग अपने घरों के अंदर ही रहें। कहा जा रहा है कि तालिबान ने अपने लड़ाकों को राजधानी काबुल में हिंसा न करने के आदेश दिए हैं। ऐसे में लोगों से बाहर न निकलने को कहा गया है।
बताया जा रहा है कि काबुल के सरकारी दफ्तरों पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है। वहीं काबुल से US नागरिकों का रेस्क्यू किया जा रहा है। गौरतलब है कि तालिबान ने पहले ही एलान किया था कि वह किसी भी दूतावास पर हमला नहीं करेंगे और न ही राजनायिकों को उनसे खतरा है। इसके पहले काबुल स्थित अमेरिकी दूतावास के कर्मचारियों से कहा गया है कि वे सभी संवेदनशील दस्तावेजों, अमेरिकी झंडों को नष्ट कर दें। ये भी निर्देश दिया गया है कि अमेरिका के प्रतीक चिन्ह जिन चीजों पर लगे हैं उन सभी को तुरंत नष्ट कर दिया जाए।
अमेरिका के 3 हजार सैनिक रेस्क्यू में जुटे
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका चाहता है कि तालिबान के हाथ में अमेरिकी निशान वाली कोई भी चीज नहीं पड़नी चाहिए। टॉप लेवल से आये निर्देश के बाद दूतावास में ढेरों सामग्री जलाई जाने लगी है। कंप्यूटर और अन्य मशीनों को कुचलकर टुकड़े टुकड़े किया जा रहा है। पेंटागन ने कहा है कि काबुल में मौजूद सभी अमरिकियों को सुरक्षित निकालने के काम में मदद करने के लिए तीन हजार सैनिकों को भेजा गया है। ये सैनिक काबुल एयरपोर्ट पर तैनात रहेंगे।
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