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Afghanistan: तालिबान से बचाने के लिए स्कूल की को-फाउंडर ने छात्राओं के जलाए सारे रिकॉर्ड

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें अफगानिस्तान में महिलाओं के लिए बोर्डिंग स्कूल की को-फाउंडर शबाना बसिज-रसिख को अपनी छात्राओं के रिकॉर्ड्स जलाते देखा जा सकता है। उनका कहना है कि इससे बच्चों और उनके परिवार को बचाया जा सकता है।

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Newstrack NetworkPublished By Deepak Kumar
Published on: 22 Aug 2021 11:43 AM GMT
school co founder burns down all records to protect girl students from taliban
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छात्राओं को तालिबान से बचाने के लिए स्कूल के सह-संस्थापक ने सारे रिकॉर्ड जलाए।(Social Media)

Afghanistan: 15 अगस्त को काबुल पर तालिबान ने कब्जा किया था। उसके बाद से तालिबान ने अफगानिस्तान में अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। इसी में तालिबान के लड़ाकों ने अभी से ही कई सरकारी संस्थानों पर कब्जा जमा लिया है। तालिबान ने पहला फतवा भी जारी कर दिया है, जिसके मुताबिक अब लड़के और लड़कियां एक साथ स्कूल में नहीं पढ़ सकेंगे। वहीं, एक बार फिर देश में रहने वाली लड़िकयों-महिलाओं को लेकर चिंता जता रहे हैं। लोगों में डर है कि पहले कि तरह इस बार भी तालिबानी शासन में लड़कियों को सरेआम सजा दी जाएगी।


इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें अफगानिस्तान में महिलाओं के लिए बोर्डिंग स्कूल की को-फाउंडर शबाना बसिज-रसिख को अपनी छात्राओं के रिकॉर्ड्स जलाते देखा जा सकता है। उनका कहना है कि इससे बच्चों और उनके परिवार को बचाया जा सकता है। ये अफगानिस्तान में लड़कियों के लिए इकलौता बोर्डिंग स्कूल है।

साथ में उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि लगभग 20 साल बाद अफगानिस्तान में एकमात्र लड़कियों के बोर्डिंग स्कूल की संस्थापक के रूप में, मैं अपने छात्रों के रिकॉर्ड को मिटाने के लिए नहीं, बल्कि उन्हें और उनके परिवारों की रक्षा करने के लिए जला रही हूं। उन्होंने कहा कि जैसे अफगानिस्तान पर दुनिया का ध्यान नाटकीय होता जा रहा है और अफगान नागरिक बाहर निकल रहे हैं, ऐसे में वो लड़कियां जिनके पास बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है, उनके लिए निवेश करने की आग मेरे अंदर और भड़कती जा रही है।


गौरतलब है कि 20 साल पहले तक जब अफगानिस्तान में तालिबान का शासन था, तब शरिया कानून के तहत नियमों के उल्लंघन पर महिलाओं को कोड़े मारने से लेकर सरेआम मौत की सजा भी दी जाती थी। हालांकि, देश में अमेरिकी सेना आने और लोकतांत्रिक सरकार बनने के बाद ऐसी घटनाएं न के बराबर पहुंच गईं। इस बीच तालिबान के सत्ता में वापस आने के डर से अब महिलाओं में डर बैठा है।

शबनम खान दावरान ने ट्विटर पर किया वीडियो शेयर

उधर, अफगानिस्तान की जानी-मानी टीवी एंकर शबनम खान दावरान ने भी दावा किया है कि लोग तालिबान के डर से बच्चों के स्कूल और कॉलेज के सर्टिफिकेट जलाने शुरू कर दिए हैं. बता दें कि शबनम रेडियो टेलीविजन अफगानिस्तान (RTA) में काम करती है. पिछले दिनों उन्हें भी ऑफिस घुसने से मना कर दिया गया था। शबनम खान दावरान ने ट्विटर पर एक फोटो शेयर किया है कि जहां देखा जा सकता है कि सर्टिफिकेट का ढेर लगा है और उसमें आग लगी है। उन्होंने अपने पोस्ट में तालिबान का नाम नहीं लिया है. लेकिन उनके ट्वीट में लिखे शब्दों से समझा जा सकता है कि वो इस मंजर को देख कर बेहद परेशान है। उन्होंने लिखा है कि ये भगवान इससे क्या साबित हो रहा है?

'तुम औरत हो घर जाओ'

पिछले दिनों एंकर शबनम दावरान को तालिबानों ने उन्हें घर में रहने की धमकी दी थी। आरटीए पश्तो चैनल के लिए पिछले छह साल से काम करने वाली शबनम ने कहा था कि मैं काम पर लौटना चाहती थी, लेकिन उन्होंने मुझे काम करने नहीं दिया। उन्होंने मुझसे कहा कि व्यवस्था बदल गई है और आप काम नहीं कर सकतीं। उन्होंने आगे कहा कि तुम औरत हो, घर जाओ।

अफगानिस्तान में डर और खौफ का मंजर

बता दें कि पूरे अफगानिस्तान में इस वक्त डर और खौफ का मंजर है। लोग तालिबान के पुराने राज को याद करते हुए सहम जाते हैं। साल 1996 से 2001 के बीच जब अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता थी तो लोगों का जीना मुश्किल हो गया था। तालिबान के शरिया कानून में महिलाओं के घर से अकेले निकलने पर पाबंदी थी। लड़िकयों की पढ़ाई लिखाई पर बैन लगा दिया गया था। किसी भी खेल में हिस्सा लेना और सिनेमा देखना भी हराम था। हालांकि तालिबान ने इस बार दावा किया है कि उनकी सत्ता पहले से अलग होगी।

Deepak Kumar

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