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अफगानी सिख- हिंदू नहीं आना चाहते भारत, US और कनाडा जाने की चाह

अफगानिस्‍तान के सिख और हिंदु का अमेरिका और कनाडा जाना चाहते हैं। इसके लिए वो भारत से भेजी गई फ्लाइट छोड़ रहे हैं। इन हालातों में भारत सरकार की परेशानी बढ़ने वाली है।

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Newstrack NetworkPublished By Deepak Kumar
Published on: 25 Aug 2021 3:10 PM IST
Sikhs and Hindus of Afghanistan want to go to America and Canada
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अफगानिस्तान के सिख और हिंदू अमेरिका और कनाडा जाना चाहते हैं।(Social Media)

Afghanistan: तालिबान का अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है। उसके बाद से ही भारत, अमेरिका के साथ अन्य देश अफगानिस्तान से अपने नागरिकों को बाहर निकालने के कार्य में लगे हुए हैं। वहीं, भारत सरकार भी अब तक सैंकड़ों भारतीय नागरिकों को स्‍वदेश वापस ला चुकी है। वहीं, इन हालातों में कुछ ऐसे लोग भी काबुल में फंसे नजर आए हैं जो भारत वापस नहीं आना चाहते। इनकी संख्या 70 से 80 के बीच बताई जा रही है।

दरअसल, अफगानिस्‍तान के सिख और हिंदु का अमेरिका और कनाडा जाना चाहते हैं। इसके लिए वो भारत से भेजी गई फ्लाइट छोड़ रहे हैं। इन हालातों में भारत सरकार की परेशानी बढ़ने वाली है। एक रिपोर्ट के मुताबिक कि हाल के दिनों में भारत से भेजी गई कई फ्लाइट में खाली लौटी।

70 से 80 अफगान सिख और हिंदू नहीं जाना चाहते भारत वापस

इंडियन वर्ल्‍ड फोरम के अध्‍यक्ष पुनीत सिंह चंधोक ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अफगानिस्‍तान के गुरुद्वारा कर्ते परवान में मौजूद 70 से 80 अफगान सिख और हिंदू भारत वापस नहीं जाना चाहते हैं। वो कनाडा या अमेरिका जाना चाहते हैं। चंधोक ने कहा कि ये लोग न केवल फ्लाइट छोड़ रहे हैं, बल्कि नागरिकों को निकालने की प्रक्रिया में बाधा डाल रहे हैं।

पुनीत सिंह ने कहा कि लोग अमेरिका और कनाडा जाने के चक्‍कर में दो बार अपनी फ्लाइट छोड़ चुके हैं। वह भी तब जब भारत सरकार इन लोगों को सबसे उच्‍च स्‍तर की सुविधा मुहैया करा रही है। सूत्रों के मुताबिक सिख संगठनों ने सभी अफगान सिख और हिंदुओं को निकालने के लिए चार्टेड प्‍लेन की व्‍यवस्‍था की है। इनमें से 100 लोग काबुल एयरपोर्ट के बाहर आए भी, लेकिन उन्‍हें प्रवेश नहीं मिल सका।

सिखों के नेता तरविंदर सिंह ने जारी किया ये एक वीडियो संदेश

इधर, गुरुद्वारा में मौजूद सिखों के नेता तरविंदर सिंह ने एक वीडियो संदेश भी जारी किया है। इस वीडियो संदेश में भी कहते दिख रहे हैं कि उन्हें भारत नहीं आना उन्हें अमेरिका या कनाडा जाना है। अफगानिस्‍तान में मौजूद एक सूत्र ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि अमेरिका या कनाडा जाने के लिए रास्‍ते तलाश करने में बुराई क्‍या है? हम जानते हैं कि जो लोग भारत गए उनकी क्‍या हालत हुई है। भारत में नौकरी के अवसर नहीं हैं और उनमें से कई लोग या तो अफगान‍िस्‍तान वापस आ गए या फिर अन्‍य देशों में चले गए।

बता दें कि तालिबान ने पिछले रविवार यानी 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा जमा लिया था। इसके बाद भारत अफगान राजधानी से पहले ही भारतीय राजदूत और दूतावास के अन्य कर्मियों समेत 200 लोगों को वायुसेना के दो सी-19 परिवहन विमानों के जरिये वहां से निकाल चुका है। इसके बाद से लगातार आम नागरिकों को निकालने का काम जारी है।



Deepak Kumar

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