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Afghanistan: तालिबान ने ठुकराया अफगानिस्तान का प्रस्ताव, अब कैसे रुकेंगे हमले

Afghanistan: शांति बनाए रखने के लिए अफगानिस्तान सरकार ने तालिबान को सत्ता में बंटवारे का प्रस्ताव दिया है। जिसमें तालिबान से शर्त रखी कि शहरों पर कब्जा और हमले बंद करने होंगे।

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Newstrack NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 13 Aug 2021 2:36 AM GMT
Afghanistan again stuck in civil war
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फिर गृह युद्ध में फंस रहा अफगानिस्तान: फोटो- सोशल मीडिया

Afghanistan: अफगानिस्तान में लगातार एक के बाद एक शहरों पर कब्जा करने वाले तालिबान का कहर बढ़ता ही जा रहा है। यंहा शांति बनाए रखने के लिए अफगानिस्तान सरकार ने तालिबान को सत्ता में बंटवारे का प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव के बदले अफगानिस्तान ने तालिबान से शहरों पर कब्जा और हमले बंद करने को कहा है। लेकिन नापाकियत पर उतारू तालिबान ने अफगान सरकार के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।

हिंसा से बचाने और शांति बनाए रखने के लिए अफगानिस्तान सरकार ने तालिबान के सामने ये प्रस्ताव रखा था। लेकिन तालिबान ने ठुकरा दिया। ऐसे में अमेरिकी गठबंधन की सेनाओं के अफगान से वापस जाने के बाद गृहयुद्ध की गिरफ्त में आए अफगानिस्तान में शांति की एकमात्र उम्मीद थी, वो भी खत्म हो गई।

अब गजनी शहर पर कब्‍जा

अफगानिस्तान सरकार ने यह प्रस्‍ताव ऐसे समय पर दिया है जब तालिबान ने गजनी शहर पर अपना कब्‍जा जमा लिया है। सूत्रों से सामने आई खबर में अफगानिस्‍तान के नए शांति प्रस्‍ताव के बारे में जानकारी दी है।

फोटो- सोशल मीडिया

सूत्रों से सामने आई खबर में बताया गया कि दोहा में गनी सरकार के प्रतिनिधि ने कतर को मध्यस्थ बनाकर हिंसा रोकने के लिए तालिबान को सत्ता में भागीदारी का प्रस्ताव दिया है। हालांकि अफगानिस्तान सरकार के प्रवक्ता से इस रिपोर्ट की पुष्टि करने के लिए संपर्क नहीं हो सका।

किसी प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेंगे

दूसरी तरफ तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने इस प्रस्ताव के बारे में बताया कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है। इसके साथ ही ऐसी सरकार के साथ सत्ता के बंटवारे को खारिज भी किया, जिसके अधिकार को तालिबान ने स्वीकार ही नहीं किया है।

आगे मुजाहिद ने कहा, हम ऐसे किसी प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेंगे, क्योंकि हम काबुल प्रशासन के साथ भागीदारी नहीं चाहते। हम इनके साथ न तो एक भी दिन रह सकते हैं और न ही काम कर सकते हैं।

वहीं इस बीच तालिबान ने गजनी प्रांत पर कब्‍जा करने के बाद प्रांतीय गवर्नर और राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख को काबुल आने की इजाजत दे दी है। सामने आई रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्यपाल दाउद लघमनी के अंगरक्षकों को कथित तौर पर निहत्था कर दिया गया और दोनों पक्षों के बीच समझौते के आधार पर काबुल तक ले जाया गया।


Vidushi Mishra

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