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Afghanistan Taliban News: संयुक्त राष्ट्र महासभा में क्या कहना चाहता है तालिबान, यूएन महासचिव को क्यों लिखी चिठ्ठी
Afghanistan Taliban News: अफगानिस्तान के नए शासक तालिबान ने न्यूयॉर्क में जारी संयुक्त राष्ट्र महासभा के बीच यूएन के लिए अपने एक राजदूत की नियुक्ति की है।
Afghanistan Taliban News: दुनिया भर में सबकी निगाहें अफॅगानिस्तान(Afghanistan) के तालीबान(Taliban Latest News) पर टिकी हुई हैं। अफगानिस्तान पर कब्जे के लगभग डेढ़ महीने बीतने वाले हैं मगर पाकिस्तान और चीन की तमाम कोशिशों के बावजूद तालिबान को अभी तक किसी देश ने आधिकारिक मान्यता(Official Recognition) नहीं दी है।
आपको बता दें कि अफगानिस्तान के नए शासक तालिबान ने न्यूयॉर्क(New York) में जारी संयुक्त राष्ट्र महासभा(United Nations General Assembly) के बीच ही यूएन के लिए अपने एक राजदूत की नियुक्ति की है। तालिबान ने मोहम्मद सोहेल शाहीन(Mohamed Sohail Shaheen) को यूएन का प्रतिनिधि नियुक्त(Appointed Representative) किया है। इसके साथ ही तालिबान ने यूएन(UN) से कहा है कि न्यूयॉर्क में उनके प्रतिनिधि को सभा को संबोधित(Addressed) करने का मौका दिया जाए।
इसी संबंध को लेकर तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी(Foreign Minister Aamir Khan Muttaki) ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरस(United Nations Secretary-General Antonio Guterres) को चिट्ठी लिखी है। मुत्ताकी ने इस चिट्ठी में मांग की है कि अफगानिस्तान की ओर से उन्हें भी यूएनजीए(UNGA) में बोलने का मौका दिया जाए। यूएनजीए की मीटिंग अगले सोमवार को खत्म होने वाली है।
इसी को लेकर गुतेरस के प्रवक्ता फरहान हक ने मुत्ताकी की चिट्ठी मिलने की पुष्टि भी की है। पिछले महीने तक गुलाम इजाकजल अफगानिस्तान सरकार का यूएन में प्रतिनिधित्व कर रहे थे। बता दें कि तालिबान ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि इजाकजल का मिशन अब खत्म हो चुका है और वह अब अफगानिस्तान का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।
गुतेरस के प्रवक्ता फरहान हक ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र में सीट पाने के लिए तालिबान की चिट्ठी को नौ सदस्यीय क्रीडेंशियल कमेटी के आगे पेश किया गया है। इस कमेटी केें अमेरिका, चीन, रूस भी सदस्य हैं। इसके अलावा इस कमेटी में बहमास, भूटान, चिली, नामीबिया, सिएरा लियोन और स्वीडन भी शामिल हैं। जबकि अगले सोमवार से पहले इस कमेटी की बैठक असंभव है, ऐसे में तालिबान विदेश मंत्री के संयुक्त राष्ट्र आमसभा में संबोधन की संभावना न के बराबर इिखाई दे रही है।
आपको जानकारी दे दें कि शाहीन कतर में जारी शांति वार्ता के समय संगठन के प्रवक्ता के तौर पर थे। माना जा रहा है कि तालिबान के इस कदम से अफगनिस्तान के पूर्व राजदूत और तालिबान के बीच में एक नए राजनयिक तनाव की शुरुआत हो सकती है। यूएन एक सर्वाेच्च संस्था है और ऐसे में तालिबान की तरफ से जो फैसला लिया गया है उसे बड़ी चुनौती करार दिया जा रहा है।