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Afghanistan Taliban News: मुसीबत में फंसा तालिबान, अब इन देशों से मांग रहा मदद

Afghanistan Taliban News: तालिबान सरकार के लिए उनकी कठोर नीतियां और उनकी शक्तियां उन्हीं के गले की फांस बनती जा रही।

Rajat Verma
Report Rajat VermaPublished By Divyanshu Rao
Published on: 20 Jan 2022 12:36 PM GMT
Afghanistan
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अफगानिस्तान का प्रधानमंत्री मुल्ला हसन अखुंद (फोटो:सोशल मीडिया 

Afghanistan Taliban News: अफगानिस्तान में तालिबान ने 2021 में तख्तापलट कर अफगानिस्तानी सरकार को हटाकर तालिबानी शासन लागू करने के बात से अब तक अफगानिस्तान और तालिबान के लिए कुछ भी बेहतर नहीं चल रहा है। ऐसे में दुनिया के अधिकतर देशों ने तालिबानी शासित अफगान सरकार को बहिष्कृत करने के साथ ही उनसे किसी भी प्रकार के राजनीतिक या गैर राजनीतिक रिश्ते बरकरार ना रखने को लेकर भी अपनी इच्छा जाहिर की है।

तालिबान सरकार के लिए उनकी कठोर नीतियां और उनकी शक्तियां उन्हीं के गले की फांस बनती जा रही। ऐसे में अफगानिस्तान के तालिबानी प्रधानमंत्री मुल्ला हसन अखुंद ने दुनिया भर के इस्लामिक देशों से उनकी सरकार को मान्यता देने और वापस से उनके साथ व्यापारिक और अन्य रिश्ते बरकरार रखने की अपील की है।

आपको बता दें कि पूर्व में भी अफगानिस्तान की सरकार अधिकतर रूप से विदेशी मदद पर निर्भर थी। वहीं अब तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में सत्ता स्थापित करने के बाद उन्हें यह मदद मिलनी भी बंद हो गई है। ऐसे में अफगानिस्तान वित्तीय संकट से जूझ रहा है और उसे बाहरी मदद की बेहद आवश्यकता है।

तालिबानी प्रधानमंत्री मुल्ला हसन अखुंद की तस्वीर

प्रधानमंत्री मुल्ला हसन अखुंद ने इस्लामिक देशों से मदद की गुहार लगाते हुए कहा कि-" मैं मुस्लिम देशों से हमारी सरकार को आधिकारिक मान्यता देने की अपील करता हूँ, जिससे अफगानिस्तान और यहां के लोग बिना किसी समस्या के अपना काम, रोजगार और देश के विकास में भागीदार हो सके।

तालिबान ने 2021 में अफगानिस्तान में सत्ता स्थापित करने के बाद कहा था कि यह नया तालिबान है और इसमें तालिबान में सभी को समान अधिकार प्राप्त होंगे, लेकिन इस बयान के बावजूद अफगानिस्तान की हालत पूर्व के तालिबानी शासन के अनुरूप ही कायम है। जिसमें ना तो महिलाओं और लड़कियों को काम करने की छूट है और ना ही घर से बाहर निकलने और स्कूल जाने की।

तालिबानी सरकार अफगानिस्तान के लिए हमेशा से एक बुरे सपने की तरह रही है, जो कि देश में तमाम बंदिशें लगाने के बावजूद देश की जनता और दुनिया से समर्थन की मांग करती है। हालांकि अब यह देखने वाली बात होगी कि मुल्ला हसन अखुंद की मांग पर इस्लामिक देश किस तरह अपनी प्रतिक्रिया देते हैं।

Divyanshu Rao

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