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Afghanistan Taliban News: क्या है शरिया कानून, तालिबान के आने से जिस पर मच गया बवाल

Afghanistan Taliban News: अफगानिस्तान में एक बड़ी आबादी मुसलमानों की है लेकिन फिर क्या वजह है कि वह शरिया कानून लागू होने को लेकर भयभीत हैं और अपना मुल्क छोड़ देना चाहते हैं।

Ramkrishna Vajpei
Written By Ramkrishna VajpeiPublished By Vidushi Mishra
Published on: 19 Aug 2021 3:15 PM IST
sharia law
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शरिया कानून (फोटो- सोशल मीडिया)

Afghanistan Taliban News: अफगानिस्तान में तालिबानी शासन आने और शरीया कानून लागू करने के बाद एक बार फिर शरीयत जिसे शरिया कानून या इस्लामी कानून को लेकर बहस छिड़ गई है। अफगानिस्तान में एक बड़ी आबादी मुसलमानों की है लेकिन फिर क्या वजह है कि वह शरिया कानून लागू होने को लेकर भयभीत हैं और अपना मुल्क छोड़ देना चाहते हैं।

देखा जाए तो शरीयत अल्लाह का कानून है जिसे मुसलमान मानते हैं। लेकिन इस कानून को कैसे लागू होना चाहिए इसे लेकर मुसलमानों के दो समुदायों शिया और सुन्नी में मतभेद है। शिया के दो और सुन्नी के चार फिरकों में भी नजरिया अलग है।

पूरा विश्व शरिया की शरण में

मोटे तौर पर देखा जाए तो शरीया में मानव के लगभग सभी कार्यों को जगह दी गई है। लेकिन इसमें पैगम्बर मुहम्मद साहब, इस्लाम और कुरान की आलोचना को कड़ाई से रोका गया है। इसके अलावा जिहाद जिसका अर्थ धर्म युद्ध से लगाया जाता है उसे तब तक जारी रखने को कहा गया है जब पूरा विश्व शरिया की शरण में न आ जाए। अर्थात इसका उद्देश्य सभी गैर मुस्लिमों को धिम्मी बनाना है।

धिम्मी उसे कहते हैं जो मुसलमान नहीं है। शरीयत के अनुसार चलने वाली किसी राज्य की प्रजा है। इस्लाम के अनुसार ऐसे लोगों को जीवित रहने के लिए कर अर्थात जजिया देना होता है।

इसके अलावा शरीयत कानून में चोरी के अपराध में आरोपी के हाथ काट लिए जाते हैं। पति से पत्नी के संबंध न रखने पर महिला को पत्थरों से मारकर जान लेने की सजा दी जाती है।

फोटो- सोशल मीडिया

शरिया कानून क्या है?

शरिया के मुताबिक स्त्रियों द्वारा पुरुषों का अपमान करने पर 70 से 100 कोड़े मारने की सजा भी दी जाती है। कुछ समय पहले सउदी अरब में राष्ट्रदोह के एक मामले में 37 लोगों का एक साथ सिर कलम कर देने का मामला सामने आया था। इसके अलावा सउदी अरब में ड्रग स्मगलिंक करने वाले को भी सरेआम सिर काट कर मार देने की सजा होती है।

मोटे तौर पर इस्लामिक कानून की चार प्रमुख संस्थाएं हैं। जिनमें हनफिय्या, मलिकिय्या, शफिय्या और हनबलिय्या है, जो कुरान की आयतों और इस्लामिक समाज के नियमों की अपने ढंग से व्याख्या करती हैं। ये सभी संस्थाएं अलग-अलग सदियों में विकसित हुईं और बाद में मुस्लिम देशों ने अपने मुताबिक इन संस्थाओं के कानूनों को अपनाया। बलात्कार के अपराध में मौत की सजा का प्रावधान है। मुस्लिमों को अन्य धर्म स्वीकारने पर भी सजा का प्रावधान है।

नाइजीरिया, कतर, सोमालिया, सउदी अरब, ओमान, ब्रुनेई, जोर्डन, इंडोनेशिया इसके अलावा केन्या, उगांडा, सीरिया, जार्डन आदि देशों में शरिया कानून लागू है। इसके अलावा भी कई मुस्लिम देश ऐसे हैं जहां इस्लामी अदालतें नहीं हैं लेकिन शरिया कानून लागू है।



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Vidushi Mishra

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