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काबुल एयरपोर्ट के लिए खतरा बने ISIS-K हमलावर पर की एयरस्ट्राइक, अमेरिका ने कही ये बात
अमेरिकी सेंट्रल कमांड के प्रवक्ता बिल अर्बन ने कहा कि अमेरिकी सैन्य बलों ने आज काबुल में एक गाड़ी पर आत्मरक्षा में मानव रहित ओवर-द-क्षितिज हवाई हमला किया। इससे काबुल एयरपोर्ट पर एक आईएसआईएस-के का खतरा खत्म हो गया।
Afghanistan: अफगानिस्तान के काबुल स्थित हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के अंदर गुरुवार (26 अगस्त 2021) को हुए बम विस्फोटों में 13 अमेरिकी सैनिकों सहित 100 से अधिक लोग मारे गए। वहीं, इस हमले का बदला लेने के लिए काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) के नजदीक रविवार शाम को एक रिहाइशी इलाके में रॉकेट से हमला किया गया। इसमें एक बच्चे की जान चली गई।
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के एयरपोर्ट के पास हुई एयर स्ट्राइक पर अमेरिकी सेना का बयान सामने आया है। अमेरिका ने बताया है कि सैन्य बलों ने काबुल में एक गाड़ी पर आत्मरक्षा के लिए एयर स्ट्राइक की है। इससे हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए पैदा हुआ आईएसआईएस-के का खतरा खत्म हो गया। अमेरिका ने एयर स्ट्राइक के सफल होने का दावा किया है।
काबुल एयरपोर्ट के पास कुछ देर पहले एक हवाई हमला हुआ, जिसमें एक रिहाइशी इलाके में निशाना बनाया गया था। पहले यह रिपोर्ट्स सामने आईं कि काबुल एयरपोर्ट के पास रॉकेट से हमला किया गया है, लेकिन कुछ देर बाद अमेरिकी अधिकारियों और तालिबान ने दावा किया कि यह अमेरिका ने एयर स्ट्राइक की है। तालिबान ने कहा कि काबुल एयरपोर्ट के लिए खतरा बने एक वाहन को निशाना बनाया गया है।
अमेरिकी सेंट्रल कमांड के प्रवक्ता बिल अर्बन ने कहा कि अमेरिकी सैन्य बलों ने आज काबुल में एक गाड़ी पर आत्मरक्षा में मानव रहित ओवर-द-क्षितिज हवाई हमला किया। इससे हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (काबुल एयरपोर्ट) पर एक आईएसआईएस-के का खतरा खत्म हो गया। हमें विश्वास है कि हमने लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल कर लिया है। उन्होंने आगे कहा कि गाड़ी में पर्याप्त मात्रा में विस्फोटक होने का संकेत था। हम नागरिकों की हताहत होने की आशंकाओं का आकलन कर रहे हैं। हालांकि, इसके हमारे पास कोई संकेत नहीं हैं।
हवाई हमले के बाद चारों ओर अफरा-तफरी का माहौल
काबुल एयरपोर्ट के पास हुए हवाई हमले के बाद चारों ओर अफरा-तफरी का माहौल हो गया। लोग चीखते-चिल्लाते हुए अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते हुए नजर आए। इस जगह पर हमला हुआ था, वहां से धुआं भी उठता हुआ दिखाई दिया। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह ने बताया है कि हमले में 2 लोगों के मरने की जानकारी है। हमले के बाद कई लोग घरों की छतों से भी भागते हुए दिखाई दिए।
15 अगस्त से तालिबान का अफगानिस्तान पर कब्जा
बड़ी संख्या में अमेरिकी सैनिकों के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद तालिबान ने 15 अगस्त को पूरी तरह से देश पर कब्जा कर लिया। तत्कालीन राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर चले गए। अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद हालात बिगड़ते चले गए। अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों ने अपने नागरिकों और राजदूतों को वापस बुला लिया। इसके अलावा, पिछले कुछ सालों में साथ देने वाले अफगानिस्तान के नागरिकों को भी सुरक्षित निकाल लिया गया। अमेरिका ने दावा किया है कि एक लाख से ज्यादा लोगों का उसने रेस्क्यू किया है।