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Himba Tribe Facts: सिर्फ़ शादी के दिन नहाती हैं ये महिलाएँ
Himba Tribe Facts: यह आदिवासी प्रजातियां जंगलों में रहती हैं ।यह जनजातियां जहां रहती हैं वहां इनका पूरा अधिकार होता है।
Himba Tribe Facts: जनजाति के बारे में एक विशेष बात ये है कि वे अपनी सालों साल पुरानी परम्परा को भी नहीं भूलते हैं और उसे उसी तरह मनाते हैं ।ये हमारी तरह अपनी सुविधा के अनुसार पुरानी परम्परा के नियम क़ानून नहीं बदलते हैं ।इनके नियम आम लोगों से कहीं अलग होते हैं , इतने कि आप देख कर सुन कर हैरत में पड़ जाओगे। यह आदिवासी प्रजातियां जंगलों में रहती हैं ।यह जनजातियां जहां रहती हैं वहां इनका पूरा अधिकार होता है। देश की सरकारें भी इन जनजातियों के अधिकारों में दखल नहीं देती हैं।
आज ऐसे ही जनजाति के बारे में बात करेंगें जो सदियों से अपनी मान्यताओं के जानी जाती है।ये जनजाति अफ्रीका महाद्वीप में रहती है ।यह जनजाति नामीबिया में रहती है , जिसका नाम हिंबा है ।
ये जनजाति ज़्यादातर खेतों पर निर्भर है ।इस जनजाति की कुल आबादी करीब 50 हजार है। इस जनजाति में नहाने पर सख्त रोक है। आधुनिक दुनिया से इस जनजाति को कोई मतलब नहीं है।
ऐसे गिनी जाती है बच्चे की उम्र
यहाँ एक अजीब परम्परा है ।यहाँ पर बच्चा जब जन्म लेता है तो उस तारीख़ या उस तिथि को उसका जन्म नहीं माना जाता है , बल्कि जिस समय महिला उस बच्चे के बारे में सोचने लगती है उसी समय उस बच्चे का जन्म मान लिया जाता है ।
इसके बाद उस महिला को बच्चे से जुड़ा कोई गीत सुनने का सुझाव दिया जाता है ।जिसे वे शांत या अकेले जगह पर सुनती है। इसके बाद वह गीत अपने साथी को भी गाकर सुनाती है। ऐसा ज़रूरी होता है जब साथी और महिला संबंध बना रहे हों तो उस गीत को गुनगुनाया जाए । जब महिला गर्भवती हो जाती है तो वो यही गीत अपनी जनजाति महिलाओं को सुनाती है ।और गर्भ अवस्था के दौरान ये महिलाएँ गर्भवती महिला को घेरकर यही गीत गाती है ।अब यह गीत उस बच्चे से ताजीवन के लिए बंध जाता है ।और उस बच्चे के जन्म लेने से लेकर आख़िरी साँस तक उसको गीत सुनाया जाता है।
नहाने पर सख्त रोक
एक और नियम जो अजीब है ।हिंबा जनजाति में नहाने पर सख्त रोक है। जनजाति की महिलाएं अपनी पूरी जिंदगी में सिर्फ एक बार नहाती हैं। वह भी सिर्फ अपनी शादी के दिन। यहाँ तक की वे कपड़े धोने के लिए भी पानी ना साबुन का इस्तेमाल कर सकती हैं ।
शरीर को साफ़ रखना ज़रूरी है ये महिलाएँ भी जानती हैं इसलिए जनजाति की महिलाएं खुद को साफ रखने के लिए खास तरीके का पालन करती हैं। इसके लिए वे वह खास जड़ी-बूटियों को पानी में उबालती हैं और भाप से खुद को साफ रखती हैं जिससे शरीर से बदबू नहीं आती है। इसके साथ ही धूप से चमड़ी को बचाने के लिए खास लोशन का लगाती है। जो जानवरों की चर्बी और लोहे की तरह एक खनिज तत्व, हेमाटाइट से बनता है। जिसके कारण इनकी त्वचा का रंग लाला हो जाता है ।जिस वजह से इन्हें 'रेड मैन' के नाम से भी जाना जाता है। हिंबा महिलाएं केवल लुंगी पहनती हैं और अपने शरीर को गहरे गेरुए रंग से ढंक लेती हैं, लेकिन उनके शरीर का ऊपरी भाग खुला रहता है।
अफ्रीका में सबसे सुंदर हिंबा महिलाएं
हिंबा जनजाति की महिलाएं अफ्रीका में सबसे सुंदर मानी जाती हैं।यहां एक और अनोखी परंपरा है। दरअसल यहां के लोग मेहमानों की स्वागत में घर आने वाले मेहमानों को अपनी बीवी के साथ शारीरिक संबंध बनाने की छूट देते हैं।पुरूष भी ऐसा करने के लिए स्वतंत्र है।
इनके खाने पीने की बात की जाए तो हिंबा खानाबदोश लोग हैं। ये सुबह, दोपहर, शाम ज्यादातर दलिया खाते हैं जो मक्के या बाजरे के आटे के बना होता है। ये लोग बाजरे को महांगू कहते हैं ।जो इन्हें खेतों से मिल जाते हैं ।इस जनजाती में जिसके पास गाय होती है उसे सम्मान की नज़र से देखा जाता है । वे मवेशी पालते हैं, जिनमें गायों के साथ साथ बकरी और भेड़ भी होते हैं। मवेशी की देख रेख महिलाएँ करती हैं ।
हिंबा जनजाति की महिलाएं अफ्रीका में सबसे सुंदर मानी जाती हैं।
सबसे बड़ी बात हिंबा जनजाति में आर्थिक निर्णय का अधिकार केवल यहां कि महिलाओं के ही पास होता है और परिवार में किसी भी तरह के खर्च पर महिलाओं की स्थिति निर्णायक होती है।यहाँ तक कि हिंबा महिलाएं शादी के बाद भी एक से ज्यादा पुरुषों के साथ संबंध बना सकती हैं।पुरुष भी ऐसा कर सकते हैं ।यहाँ शादीशुदा पुरुष पगड़ी पहनते हैं। जिसे वे कभी उतारते नहीं है ।हिंबा जनजाति के लोगों के देवता मुकुरू हैं। वे अपने ईष्ट देवता से बात करने के लिए पवित्र अग्नि का प्रयोग करते हैं।