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Donald Trump: बांग्लादेश के बाद अब पाकिस्तान में हो सकता है बड़ा खेल, इमरान खान को ट्रंप की बैकिंग से तेज हुई अटकलें
Donald Trump: डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के बाद पाकिस्तान में अमेरिका की भूमिका बदलती हुई नजर आ रही है।
Donald Trump: बांग्लादेश के बाद पाकिस्तान में भी बड़ा सियासी खेल होने की आशंकाएं जताई जाने लगी हैं। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के बाद पाकिस्तान में अमेरिका की भूमिका बदलती हुई नजर आ रही है। ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण की तारीख नजदीक आने के साथ ही पाकिस्तान में भी तख्तापलट का खेल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
हाल के दिनों में शाहबाज शरीफ की सरकार का इमरान और उनके समर्थकों के प्रति बदला रवैया भी अमेरिकी दबाव का ही नतीजा माना जा रहा है। बांग्लादेश में हुए तख्तापलट में अमेरिका की बड़ी भूमिका मानी गई थी। जानकारों का कहना था कि अमेरिकी एजेंसियां काफी समय से इस काम में लगी हुई थीं। अब अमेरिका की निगाहें पाकिस्तान की ओर घूम गई हैं।
इमरान को रिहा करने का अमेरिकी दबाव
दरअसल पाकिस्तान में अब पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की जेल से रिहाई का दबाव बढ़ता हुआ दिख रहा है। अभी हाल में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत की ओर से इमरान खान के 25 समर्थकों को सजा सुनाए जाने पर अमेरिका की ओर से तीखी आपत्ति जताई गई थी। ट्रंप के निकट सहयोगी रिचर्ड ग्रेनेल ने इस कदम पर आपत्ति जताई थी। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी करके अपना विरोध दर्ज कराया।
इसके साथ ही ग्रेनेल ने इमरान खान की जेल से रिहाई की मांग तक कर डाली। उनका कहना था कि एक साल से अधिक समय से जेल में बंद इमरान खान को अब वहां की हुकूमत को रिहा कर देना चाहिए। ऐसे में यह सवाल भी पूछा जा रहा है कि क्या डोनाल्ड ट्रंप की ओर से इमरान खान को जेल से रिहा कराया जा सकता है?
अमेरिकी दबाव से पाकिस्तान में बेचैनी
रिचर्ड ग्रेनेल को ट्रंप का काफी करीबी माना जाता है। अमेरिकी राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के बाद ट्रंप ने ग्रेनेल को स्पेशल मिशन के लिए अपनी टीम में दूत के रूप में नियुक्त किया है। जानकार सूत्रों का कहना है कि वे पाकिस्तान और साउथ एशिया पर फोकस करने वाले हैं। इसलिए पाकिस्तान के संबंध में ग्रेनेल के बयान को काफी अहमियत दी जा रही है।
ट्रंप के कार्यभार संभालने से पहले ही उन्होंने इमरान खान के समर्थन में खुलकर बैटिंग शुरू कर दी है। उन्होंने पिछले महीने भी एक्स पर पोस्ट करते हुए इमरान खान को तत्काल रिहा करने की मांग की थी जिसके बाद पाकिस्तान में काफी बेचैनी महसूस की जाती रही है।
ट्रंप प्रशासन ने दिया पीटीआई को भरोसा
इमरान खान की पार्टी पीटीआई के कई नेताओं की ओर से दावा किया जा रहा है कि ट्रंप प्रशासन की ओर से उन्हें रिहाई का भरोसा दिया गया है। इसलिए माना जा रहा है कि आने वाले समय में ट्रंप प्रशासन की ओर से पाकिस्तान की सेना और शाहबाज शरीफ की सरकार पर इमरान खान की रिहाई के लिए दबाव बढ़ जाएगा। पीटीआई के नेता का कहना है कि ट्रंप प्रशासन की ओर से मिल रहे संकेतों से साफ है कि पाकिस्तान सरकार को ट्रंप इमरान को रिहा करना पड़ेगा।
ताकतवर बनकर उभर सकते हैं इमरान
हालांकि शरीफ सरकार का कहना है कि देश के आंतरिक मामलों में पाकिस्तान किसी दबाव में आने वाली नहीं है। शरीफ के राजनीतिक मामलों के सलाहकार राणा सनाउल्लाह का कहना है कि अमेरिका या किसी अन्य देश का दबाव हम किसी भी सूरत में स्वीकार करने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यदि इमरान खान के मामले में अमेरिका की ओर से दबाव दिया गया तो हम इसे पाकिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप मानेंगे। हम ट्रंप के दबाव में कोई फैसला नहीं लेंगे।
वैसे शरीफ सरकार का अमेरिका के दुश्मन माने जाने वाले देश चीन और ईरान के साथ गलबहियां करना भी अमेरिका को रास नहीं आ रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि ट्रंप के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद पाकिस्तान में कोई बड़ा सियासी खेल हो सकता है जिसमें इमरान खान ताकतवर बनकर उभरेंगे।
विवाद सुलझाने के लिए शुरू हो गई पहल
इस बीच राजनीतिक विवादों को सुलझाने के लिए पाकिस्तान सरकार अब विपक्षी पार्टी पीटीआई के प्रमुख पूर्व पीएम इमरान खान से बातचीत के लिए तैयार हो गई है। इमरान खान ने भी कहा है कि सार्थक नतीजों के लिए सरकार और उनकी पार्टी के बीच नियोजित वार्ता से पहले मुद्दों को पूरी तरह समझने के लिए वे अपनी पार्टी की वार्ता टीम से मिलना चाहते हैं। सरकार के साथ बातचीत करने के लिए पांच सदस्यीय समिति बनाने के बाद पीटीआई सांसदों ने संसद में अपना रुख नरम कर लिया है।
उधर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी नेशनल असेंबली के स्पीकर अयाज सादिक की सिफारिश पर सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्यों के साथ एक समिति गठित की है। पाकिस्तान में तेजी से बदलते इस घटनाक्रम को अमेरिकी दबाव का नतीजा माना जा रहा है। जानकारों का मानना है कि जल्द ही पाकिस्तान में कुछ बड़ा सियासी घटनाक्रम हो सकता है।