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डोकलाम विवाद के बाद भारत ने उठाया यह कदम, चीन भी हो गया सावधान

चीन व भारत के बीच सीमा पर आए दिन विवाद होता रहता है। चीन के साथ डोकलाम विवाद की तरफ सबका ध्यान होगा। साल 2017 में करीब 73 दिन तक भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच लड़ाई हुई थी। उस समय भारतीय सेना ने इस इलाके से चीनी सेना को कदम पीछे खींचने के लिए मजबूर कर दिया था।

suman
Published on: 29 Dec 2019 4:15 PM GMT
डोकलाम विवाद के बाद भारत ने उठाया यह कदम, चीन भी हो गया सावधान
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नई दिल्ली: चीन व भारत के बीच सीमा पर आए दिन विवाद होता रहता है। चीन के साथ डोकलाम विवाद की तरफ सबका ध्यान होगा। साल 2017 में करीब 73 दिन तक भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच लड़ाई हुई थी। उस समय भारतीय सेना ने इस इलाके से चीनी सेना को कदम पीछे खींचने के लिए मजबूर कर दिया था। इस इलाके में भारत ने विकास की गति तेज कर दी है।

*यहां 2019 में लगभग 60 हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण और विकास सीमा सड़क संगठन (BRO) ने किया है। जिनमें डोकलाम के पास 19.72 किलोमीटर लंबी एक महत्वपूर्ण सड़क भी शामिल है। साल 2019 बीआरओ की सबसे बड़ी उपलब्धियों में 19.72 किलोमीटर लंबी भीम बेस-डोकला सड़क का निर्माण करना रहा, जो भारतीय सेना को रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण डोकला बेस तक पहुंचने में मदद मिलेगी।

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* यह सिक्किम में विवादित डोकलाम पठार के किनारे पर है, जहां पहुंचने में अब महज 40 मिनट लगेंगे, जबकि पहले इसमें 7 घंटे लगते थे। सभी मौसम में चलनी वाली एक ऑल वेदर ब्लैक टैर्ड सड़क होगी, जिसकी वहन क्षमता पर कोई प्रतिबंध नहीं है।

बता दें कि भारतीय सेना 2017 में डोकलाम में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ तनावपूर्ण स्थिति में थी, तब भारतीय सुरक्षाबलों द्वारा यहां तक कम समय में पहुंच स्थापित करना संभव नहीं था। इस लिहाज से इस सड़क की महत्व बढ़ जाता है ।

*चीन और भारत के उत्तर-पूर्व में मौजूद सिक्किम और भूटान की सीमाएं मिलती हैं। साल 2017 में डोकलाम विवाद के चलते दोनों पक्षों के बीच विवाद हो गया था और दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आ गई थी। उसके बाद चीन के वूहान में साल 2018 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अनौपचारिक शिखर वार्ता के बाद दोनों देशों के बीच संबंध पुन: पटरी पर लौटे।

* भारत की सीमाओं पर सड़क नेटवर्क के रख-रखाव और इसके विकास के लिए काम करने वाले बीआरओ ने कुछ अनुकूल पड़ोसी देशों में भी सड़क बुनियादी ढांचे का विकास किया है। बीआरओ ने इस साल अब तक 1,123.46 कि. मी. सड़कों का निर्माण कार्य, 2,099.58 कि. मी. सड़कों की सरफेसिंग कार्य और 2,339.38 कि. मी. सड़कों पर रिसरफेसिंग का काम किया है।

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बीआरओ ने 2019 में सड़कों के अलावा सीमावर्ती क्षेत्रों के पास और दूरदराज इलाकों में प्रमुख पुल, 19 एयरफील्ड और दो सुरंगों को भी विकसित किया है। इसके अलावा बीआरओ ब्रह्मपुत्र नदी में पानी के नीचे भी एक सुरंग विकसित कर रहा है। बीआरओ अखनूर-पुंछ सड़क के साथ ही बलिपाड़ा, चारुदर और तवांग की ओर जाने वाली सड़क पर सी ला सुरंग भी विकसित कर रहा है। बीआरओ को 61 भारत-चीन सीमा सड़कों का काम सौंपा गया था, जिनकी लंबाई 3,346 किमी है। चीन ने इस साल जून में जब डोकलाम के पास सड़क बनाने की कोशिशें शुरू कीं, तो भारतीय सैनिकों ने दखल देते हुए उनका काम रुकवा दिया। भूटान के साथ हुए समझौते के तहत भारत अपने इस पड़ोसी मुल्क की संप्रभुता की रक्षा के लिए कटीबद्ध है।

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