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Agneepath Scheme: कई देशों में है सेना की शॉर्ट सर्विस, अब टेक्नोलॉजी पर है फोकस
Agneepath Scheme: दुनिया की सभी प्रमुख सेनाएं सुधार के दौर से गुजर रही हैं। सैन्यकर्मियों की संख्या में कमी और आधुनिक हथियारों और उपकरणों पर ज्यादा खर्च और फोकस करने का रुझान है।
Agneepath Scheme: दुनिया की सभी प्रमुख सेनाएं सुधार के दौर से गुजर रही हैं। सैन्यकर्मियों की संख्या में कमी और आधुनिक हथियारों और उपकरणों पर ज्यादा खर्च और फोकस करने का रुझान है।
ग्लोबल पीस इंडेक्स 2019 (Global Peace Index 2019) के अनुसार, पारंपरिक सैन्य बल आकार में कम हो रहे हैं और दुनिया की पांच सबसे बड़ी सेनाओं ने काफी कटौतियां की हैं। मिसाल के तौर पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (People's Liberation Army of China) ने 1980 के दशक के बाद से बड़े पैमाने पर बदलाव किए हैं। उसने आधुनिकीकरण पर ध्यान देने के साथ, कुल सैनिकों की संख्या 45 लाख से घटाकर लगभग 20 लाख कर दी है।
ब्रिटिश सेना का आकार घटाकर 72,500 करने की योजना
ब्रिटिश सेना (British Army) का आकार घटाकर 72,500 करने की योजना है। ब्रिटिश सेना सन 1700 के बाद से अपने सबसे छोटे आकार में होने जा रही है। लेकिन आधुनिक खतरों का सामना करने और नई तकनीक से लैस होने के लिए सेना को पुनर्गठित किया जाएगा और सेना को नई टेक्नोलॉजी से लैस करने पर 23 अरब पाउंड खर्च किये जायेंगे। जहां तक कम अवधि तक सैन्य सेवा की बात है तो दुनिया भर में कई आधुनिक सशस्त्र बलों में सक्रिय सेवा अवधि 2 से 8 साल तक होती है। इसमें सैनिकों को सेना से बाहर बतौर रिज़र्व बने रहने का विकल्प होता है।
छोटी अवधि की सैन्य सेवा में प्रशिक्षण, मनोबल और प्रतिबद्धता के मुद्दे पर समझौता
ये तर्क दिया जाता है कि छोटी अवधि की सैन्य सेवा में प्रशिक्षण, मनोबल और प्रतिबद्धता के मुद्दे पर समझौता किया जाता है। लेकिन इजरायली सेना के पास पुरुषों और महिलाओं के लिए क्रमशः 30 महीने और 22 महीने की सेवा है, फिर भी इजरायली सेना दुनिया में सर्वश्रेष्ठ होने के लिए प्रतिष्ठा प्राप्त है। अमेरिका और यूके में भी कम अवधि की सैन्य सेवा होती है। अमेरिका में 5 से 8 साल के बीच यदि प्रमोशन नहीं हुआ तो अनिवार्य रूप से सेवा से हटा दिया जाता है। वहां फोकस उच्च रूप से स्किल्ड और प्रशिक्षित सैन्यकर्मियों को ही रखने पर होता है। फ्रांस में विशेषज्ञता के आधार पर 1 से 10 वर्षों के बीच की अवधि की सैन्य सेवा होती है। अजरबैजान में सैनिक 1 से डेढ़ साल के लिए भर्ती किये जाते हैं। ऑस्ट्रिया में सैन्य सेवा 8 वर्ष की है। ब्राज़ील में अनिवार्य टूर ऑफ ड्यूटी 9 से 12 महीने की होती है।
भविष्य के युद्ध
डिजिटल युग में युद्ध आमने-सामने के नहीं होंगे। इसका मतलब ये है कि भविष्य की लड़ाइयां आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस, ऑटोमैटिक सिस्टम, साइबर स्पेस और अंतरिक्ष आधारित प्रणालियों से लड़ी जाएंगी। ऐसे में संख्याबल के बजाए तकनीकी रूप से सिद्धहस्त सैनिकों की जरूरत होगी। रूस यूक्रेन युद्ध में डिजिटल तरीके बड़े पैमाने पर अपनाए जा रहे हैं।
युवा सेना
भारतीय सेना में 60 प्रतिशत से अधिक पुरुष 30 वर्ष से अधिक आयु के हैं। इस नजरिए से इसे एक उम्रदराज सेना ही कहा जायेगा। 1978 में भारतीय सेना वर्तमान की तुलना में अधिक युवा थी, जिसमें कुल 8,45,025 पुरुषों में से 72.6 प्रतिशत सिपाही और 1.6 प्रतिशत सूबेदार शामिल थे। आज सिपाहियों की संख्या 40 प्रतिशत से नीचे गिर गई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब खासकर उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में कठिन तैनाती की बात आती है तो यह एक वांछनीय मिश्रण नहीं है। भारत के सशस्त्र बलों को दुबला, फिटर और अधिक युवा होने की जरूरत है।
वर्तमान में, नियमित पदोन्नति के कारण जूनियर कमीशंड अधिकारियों (जेसीओ) और समकक्ष रैंकों की संख्या अनुपातहीन रूप से अधिक है। केवल सशस्त्र बलों को युवा बनाए रखने के लिए अधिक से अधिक संख्या में भर्ती करना टिकाऊ समाधान नहीं है। अग्निपथ स्कीम युवा भर्तियों का निरंतर फ्लो सुनिश्चित करते हुए पूर्ण संख्या की जांच करने में मदद करेगी। अग्निपथ स्कीम से सेना में औसत उम्र 4 से 5 साल कम होने की उम्मीद है। यानी अब ज्यादा युवा सेना होगी।