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Air Pollution News: भारत- पाक की सरकारें ही रोक सकती हैं जहरीली होती हवा, तेजी से बढ़ती मौतों को, एक अध्ययन में दावा

Air Pollution News: अध्ययन में पाया गया कि फसल अवशेषों को जलाए जाने में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि हवा से पड़ोसी देशों में प्रदूषण फैलने की सबसे अधिक संभावना थी।

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Newstrack Network
Published on: 4 Nov 2024 10:45 AM IST
burning crop residues
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burning crop residues   (फोटो: सोशल मीडिया )

Air Pollution News: हाल ही में आए एक अध्ययन में कहा गया है कि सरकार के हस्तक्षेप से घातक वायु प्रदूषण में कमी आ सकती है और इससे होने वाली मौतों को रोका जा सकता है। अध्ययन में भारत और पाकिस्तान में फसलों के अवशेषों को जलाने की अवैध प्रथा को रोकने और दक्षिण एशिया में घातक वायु प्रदूषण को कम करने को इंगित करते हुए कहा गया है कि मजबूत सरकारी हस्तक्षेप ही इस प्रदूषण की समस्या को रोकने या निजात दिलाने में सक्षम हो सकता है।

अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने शिशु और बाल मृत्यु दर पर पराली या फसल अवशेष जलाने से होने वाले प्रदूषण के प्रभावों की भी जांच की। इसके बाद शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया कि अगर फसल अवशेषों को जलाने से फैलने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई की गई तो प्रति 1,000 बच्चों पर 1.5 से 2.7 बच्चों की मौतों को रोका जा सकता है।

ब्राउन यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान के सहायक प्रोफेसर डिपोप्पा ने वर्तमान वायु प्रदूषण को मुद्दा बनाते हुए कहा, "यह एक बहुत ही स्पष्ट स्वास्थ्य आपातकाल है और हमें आश्चर्य हुआ है किसरकार इस चुनौती से निपटने में सक्षम क्यों नहीं है, जबकि प्रदूषण दृश्यमान है और लोगों के लिए बेहद हानिकारक है।

फसल अवशेष जलाने पर अंकुश

प्रिंसटन के साद गुलज़ार के साथ शोध पत्र के को राइटर डिपोप्पा ने कहा, हमने सरकारी हस्तक्षेप के पहलू और विशेष रूप से राज्य के प्रशासन का अध्ययन करने का फैसला किया। उपग्रहों और सर्वेक्षणों से हवा, आग और स्वास्थ्य डेटा के एक दशक के अपने विश्लेषण के माध्यम से, डिपोप्पा और गुलज़ार ने पाया कि भारत और पाकिस्तान में सरकारी अधिकारियों द्वारा फसल अवशेष जलाने पर अंकुश लगाने की अधिक संभावना थी, क्योंकि इसके नकारात्मक प्रभाव कहीं और के बजाय उनके अपने क्षेत्र में ज्यादा शिद्दत से महसूस किए गए थे।

अध्ययन में दावा किया गया है कि वायु प्रदूषण, बड़े पैमाने पर फसल जलाने जैसी प्रथाओं से प्रेरित है। यह प्रदूषण दक्षिण एशिया में प्रति वर्ष 2 मिलियन मौतों का कारण बनता है और अभी भी बना हुआ है।

अध्ययन में पाया गया कि फसल अवशेषों को जलाए जाने में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि हवा से पड़ोसी देशों में प्रदूषण फैलने की सबसे अधिक संभावना थी। लेकिन पराली जलाने के खिलाफ सरकार की कार्रवाइयों, जैसे कि कानून का उल्लंघन करने वालों के लिए जुर्माना, ने भविष्य में प्रदूषण फैलाने वालों को रोका और आग में 13 प्रतिशत की अतिरिक्त कमी की है। इससे शोधकर्ताओं का निष्कर्ष आम धारणा का खंडन करता है कि इस व्यापक समस्या को नियंत्रित करना असंभव है।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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