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अमेरिका की कार्रवाई: पेगासस स्पाइवेयर वाले NSO ग्रुप को किया ब्लैकलिस्ट

अमेरिका (America) ने बीते दिन कार्रवाई करते हुए पेगासस स्पाइवेयर (Pegasus Spyware)बनाने वाले इजरायल (Israel) के एनएसओ ग्रुप को ब्लैकलिस्ट (Black List) कर दिया है। अमेरिकी वाणिज्य विभाग का कहना है कि एनएसओ समूह और एक अन्य इजरायली कंपनी कैंडिरू ने विदेशी सरकारों के लिए स्पाइवेयर बनाए थे।

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Newstrack NetworkPublished By Deepak Kumar
Published on: 4 Nov 2021 9:37 AM IST
Pegasus Spyware
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NSO ग्रुप (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

अमेरिका (America) ने बीते दिन कार्रवाई करते हुए पेगासस स्पाइवेयर (Pegasus Spyware)बनाने वाले इजरायल (Israel) के एनएसओ ग्रुप को ब्लैकलिस्ट (Black List) कर दिया है। इजरायल का एनएसओ ग्रुप हाल के दिनों में जासूसी करने के मामलों को लेकर चर्चा के केंद्र में रहा था। अमेरिका सरकार का कहना है कि सरकार ने इसका इस्तेमाल जासूसी करने के लिए किया इसलिए एनएसओ को ब्लैकलिस्ट किया जा रहा है। अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने एक बयान जारी करते हुए जानकारी दी है कि पेगासस स्पाइवेयर कथित तौर पर पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, दुनिया भर के विपक्षी नेताओं की जासूसी करने के लिए इस्तेमाल किया गया। जिस कारण बुधवार को एनएसओ समूह और एक अन्य इजरायली कंपनी कैंडिरू को ब्लैकलिस्ट में शामिल किया गया है।

NSO ग्रुप व एक अन्य इजरायली कंपनी कैंडिरू ने विदेशी सरकारों के लिए बनाए थे स्पाइवेयर

अमेरिकी वाणिज्य विभाग का कहना है कि एनएसओ समूह और एक अन्य इजरायली कंपनी कैंडिरू ने विदेशी सरकारों के लिए स्पाइवेयर बनाए थे। जो इसका इस्तेमाल सरकारी अधिकारियों, पत्रकार, व्यवसायी और दूतावास के कर्मचारियों की जासूसी करने के लिए करते थे। एनएसओ ग्रुप को ब्लैकलिस्ट किए जाने की कार्रवाई पर बताया गया है कि यह अमेरिकी सरकार के मानव अधिकारों को अपनी विदेश नीति के केंद्र में रखने के प्रयासों का हिस्सा है। इसके जरिए लोगों का गलत इस्तेमाल किए जाने वाले डिजिटल उपकरणों के प्रसार को रोकने के लिए काम करना शामिल है। साथ ही इसका उद्देश्य साइबर क्राइम को मुकाबला करना और गैरकानूनी निगरानी को कम करना है।

वाणिज्य विभाग के एक बयान में कहा गया है, 'आज की कार्रवाई अमेरिकी विदेश नीति के केंद्र में मानवाधिकारों को रखने के लिए बाइडेन-हैरिस प्रशासन के प्रयासों का एक हिस्सा है, जिसमें दमन के लिए उपयोग किए जाने वाले डिजिटल उपकरणों के प्रसार को रोकने के लिए काम करना शामिल है।' पेगासस पर शुरुआती चिंता के बाद, समस्या तब अधिक सामने आई जब आईफोन निर्माता ऐप्पल ने सितंबर में एक खामी को ठीक किया जिससे स्पाइवेयर उपयोगकर्ताओं के फोन में संदेश या लिंक पर क्लिक किए बिना ही संक्रमित कर सकता था।

फिलहाल अमेरिका ने इजरायली कंपनी कैंडिरू और एनएसओ ग्रुप के अलावा दो अन्य कंपनियों को भी ब्लैकलिस्ट किया है। जिसमें सिंगापुर स्थित कंप्यूटर सिक्योरिटी इनिशिएटिव कंसल्टेंसी पीटीई (COSEINC) और रूसी फर्म पॉजिटिव टेक्नोलॉजीज शामिल है। ब्लैकलिस्ट किए जाने के बाद अब इन कंपनियों से अमेरिका में कुछ भी नहीं खरीदा जा सकेगा।

भारत में 300 नंबरों की हुई जासूसी

पेगासस से जासूसी के मामले को लेकर भारत में भी खासा विवाद उठा था। कुछ मीडिया संस्थानों ने इस संबंध में एक बड़े डाटा लीक की जांच की थी। इसकी रिपोर्ट में भारत का उल्लेख करते हुए बताया गया था कि यहां के 300 से अधिक फोन नंबरों की इस सॉफ्टवेयर के जरिए जासूसी की गई. इनमें मंत्री, विपक्षी नेता, पत्रकार और वैज्ञानिक समेत सामाजिक कार्यकर्ता आदि भी शामिल थे।



Deepak Kumar

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