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अमेरिका की ओर बढ़ रहे होंडुरास के शरणार्थी

seema
Published on: 26 Oct 2018 7:21 AM GMT
अमेरिका की ओर बढ़ रहे होंडुरास के शरणार्थी
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अमेरिका की ओर बढ़ रहे होंडुरास के शरणार्थी

ग्वाटेमाला। लैटिन अमेरिकी देश ग्वाटेमाला के होंडुरास शरणार्थी ट्रंप की चेतावनी के बाद भी अमेरिका की ओर बढ़ रहे है। ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मैक्सिको इन शरणार्थियों को रोक नहीं पाता है तो हमें ही कुछ कठोर कदम उठाने होंगे। ट्रंप ने लैटिन अमेरिकी देशों की आर्थिक मदद रोकने की भी धमकी दी है।

ट्रंप ने कहा कि, 'ये काफी निराशाजनक है कि मैक्सिको प्रशासन इन अवैध प्रवासियों को रोकने में असफल साबित हो रहा है। इन लोगों के काफिले में न जाने कितने अपराधी और मध्य एशिया के लोग आकर मिल गए हैं। अब समय आ गया है कि ग्वाटेमाला, होंडुरास और सल्वाडोर को अमेरिका की ओर से मिलने वाली वित्तीय मदद पर अंकुश लगाया जाए।Ó ट्रंप की चिंता का एक कारण ये भी है कि ये शरणार्थी राष्ट्रपति पद के मध्यावधि चुनाव में असर डाल सकते हैं।

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दरअसल सैकड़ों होंडुरास शरणार्थी 13 अक्टूबर को बेहतर रहन-सहन और रोजगार की तलाश में ग्वाटेमाला से होते हुए मैक्सिको के रास्ते अमेरिका की ओर निकले थे। 21 अक्टूबर को मैक्सिको प्रशासन ने इस काफिले को ग्वाटेमाला और मैक्सिको की सीमा पर बने एक पुल पर रोक लिया था। लेकिन कई शरणार्थी बाद में नदी में नाव के जरिए फिर से अमेरिका में घुसने की कोशिश करने लगे। संघीय पुलिस कमांडर के अनुमान के अनुसार, करीब 5000 लोगों का काफिला मैक्सिको की ओर बढ़ रहा है। तकरीबन एक हजार शरणार्थियों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं, जो अब भी इस उम्मीद में सीमा पर स्थित पुल पर फंसे हैं कि वे अवैध रूप से ग्वाटेमाला के जरिये मैक्सिको में प्रवेश कर सकें।

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मैक्सिको प्रशासन ने कहा कि जो लोग पुल पर हैं, पहले उन्हें देश में प्रवेश करने के लिए शरणार्थी दावों का आवेदन देना होगा।

गौरतलब है कि, अमेरिका लैटिन अमेरिकी देशों को आर्थिक मदद देता है। लेकिन पिछले कुछ समय से उसने ये आर्थिक मदद कम कर दी है। पहले अमेरिका 750 मिलियन डॉलर की मदद देता था,जो 2016 में घटकर 655 मिलियन डॉलर हो गई। इस वर्ष अमेरिका ने अनुमानित 615 मिलियन डॉलर की मदद की है। वहीं होंडुरास जैसे छोटे राज्य को अमेरिका ने 181.7 मिलियन डॉलर का अनुदान दिया था,जो 10 बिलियन बजट वाले राज्य के लिये एक बड़ी धनराशी थी। इस समस्या को देखते हुए ही अमेरिका ने लैटिन अमेरीकी देशों की मदद रोकने की धमकी दी है।

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सीमा शर्मा लगभग ०६ वर्षों से डिजाइनिंग वर्क कर रही हैं। प्रिटिंग प्रेस में २ वर्ष का अनुभव। 'निष्पक्ष प्रतिदिनÓ हिन्दी दैनिक में दो साल पेज मेकिंग का कार्य किया। श्रीटाइम्स में साप्ताहिक मैगजीन में डिजाइन के पद पर दो साल तक कार्य किया। इसके अलावा जॉब वर्क का अनुभव है।

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